पीएम आवास योजना में हुआ जमकर भ्रष्टाचार, जांच भी हुई , पर एक साल बाद भी दोषियों पर नहीं हुई कोई कार्यवाही
जिला ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। मां नर्मदा की गोद में बसे पवित्र नगर होशंगाबाद की छबि,पूर्व नगरपालिका परिषद के कार्यकाल के काले कारनामों से काफी धूमिल हुई है।लेकिन यह इस नगर का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि इसे साफ करने में जांच होने,दोषियों के नाम सामने आने के एक साल बाद भी अब तक प्रदेश शासन ने कोई पहल नहीं की है। विगत कुछ वर्षों से केंद्र सरकार ने गरीब लोगों को आवास सुविधा देने के लिए अत्यंत लोकप्रिय प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की हुई है। लेकिन इस योजना को सफल बनाने की अपेक्षा , जिम्मेदार स्वयं ही इस योजना में घोटाले व भष्ट्राचार करने में शामिल हो गए। भारी स्तर पर अनियमितता हुई, खूब हल्ला भी हुआ,भाजपा के भीतर से भी इसकी जांच की मांग उठी और जांच शुरू भी हुई, पर कछुआ गति से जैसे तैसे आगे भी बढ़ी। इसमें आठ जवाबदार दोषी भी पाए गए, लेकिन कोई कार्रवाई अब तक नही हो पाना आश्चर्य का विषय है। प्रधानमंत्री आवास योजना में नर्मदापुरम नगर पालिका का नाम बहुत बदनाम हुआ है, क्योंकि गंभीर अनियमितता सामने आई, जांच हुई और दोषी पाए गए। पर अब कार्रवाई के नाम पर फाइल यहां से वहां घूम रही है। मामला सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं उठा, वरन इस पीएम आवास घोटाले की गूंज विधानसभा भवन तक भी पहुंच चुकी है। अब बताया जा रहा है कि शासन को आरोप पत्र सौंपे जाने वाले हैं। जब इस बड़े घोटाले का खूब शोर मचा तो जवाबदारों को बचाते हुए एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सुनील राजपूत पर ठीकरा फोड़ दिया गया। मामले को
दबाने का प्रयास करते हुए उस पर एफ आई आर भी दर्ज की गई थी।
पीएम आवास योजना की गड़बड़ी के मामले में प्रमुख जवाबदारों के नाम सामने आए हैं। जांच उपरांत जिन्हें दोषी पाया गया है, उनमें पूर्व के तीन सीएमओ पवन कुमार सिंह, अमरसत्य गुप्ता, प्रभात कुमार सिंह के अलावा नपा के प्रमुख इंजीनियर महेश चंद्र अग्रवाल,आर सी शुक्ला और सबसे चर्चित नाम रमेश वर्मा, पूर्व लेखापाल विनोद रावत के साथ ही एक पूर्व नपाध्यक्ष का नाम भी सामने आया है। जांच एजेंसी को जांच सौंपे हुए एक वर्ष बीत भी चुका है, लेकिन कार्रवाई अब तक किसी पर भी नहीं हुई है। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक मंचों से कहते हैं कि भ्रष्टाचार में लिप्त कोई भी हो, कितना भी प्रभावशाली क्यों ना हो उसे बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन नगर पालिका नर्मदापुरम के इस करोड़ों के घोटाले के उजागर होने,जांच होने के एक साल बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाने से फिर से प्रदेश शासन की मंशा पर कई नए सवाल खड़े हो रहे हैं।
*पीएम आवास योजना के मामले में हुई गड़बड़ी की जांच होने के बाद जांच को शासन को भेजा जा चुका है। शासन से जल्द ही आरोप पत्र जारी होने वाले है–विनोद कुमार शुक्ला, सीएमओ।*