गायों की मौत से मचा हड़कम्प, जिला स्तर पर होगी अरवलिया कांजी हाउस की जांच

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गायों की मौत से मचा हड़कम्प, जिला स्तर पर होगी अरवलिया कांजी हाउस की जांच

 

भोपाल। भोपाल नगर निगम की अरवलिया कांजी हाउस में तीन गायों की भूख-प्यास से मौत होने के बाद यह मामला अब गहरा गया है। यहां पर आठ से अधिक की हालत गंभीर है। हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गोशाला में प्रशासनिक टीम के पहुंचने तक गायों के लिए चारा-पानी का इंतजाम तक नहीं था। इस कड़ी धूप में सैकड़ों गोवंश खुले मैदान में थे।

अब इस मामले को कलेक्टर कौशलेन्द्र सिंह ने संज्ञान में लिया है और इसकी जांच होगी। इसके अलावा शहर के सभी कांजी हाउस और गोशालाओं का भी औचक निरीक्षण किया जाएगा।

 

*क्या है मामला* 

इस संबंध में कल स्थानीय लोगों की सूचना पर बजरंग दल के कार्यकतार्ओं ने गौशाला में प्रदर्शन किया था। बजरंग दल के कार्यकर्ता शुभम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में दावा किया कि गौशाला में 10 से 15 गोवंश की मौत हुई है। इसमें से कई के शव तालाब के किनारे फेंकने का आरोप लगाया गया था। अब इस मामले की भी जांच की जाएगी।

इस संबंध में नगर निगम के गोवर्धन परियोजना अधिकारी समुंदर शर्मा का कहना है कि यहां बीमार गोवंश को भेजा जाता है, जिनकी हालत पहले से ही खराब होती है। उनका कहना है कि रोजाना 10 बीमार गोवंश को पकड़ा जाता है और गौशाला भेजा जाता है, जहां वे बीमारी से मर जाते हैं।

*फिर गोवंश को नहीं मिल रहा चारा*

नगर निगम की गोवर्धन शाखा परियोजना का सालाना बजट 40 करोड़ रुपये है। इसके बाद भी गोवंश को पर्याप्त चारा और पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। नगर निगम द्वारा शहर में संचालित किए जा रहे पांच काजी हाउस की भी स्थिति कुछ इसी तरह है। निगम का दावा है कि किसी भी कांजी हाउस में चारे की समस्या नहीं है। लेकिन निगम के पास घायल मवेशियों के इलाज की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

*कांजी हाऊस में 1500 मवेशी* 

अरवलिया कांजी हाउस में 1500 मवेशी होने की वजह यह है कि निगम की टीम रोज राजधानी की सड़कों से 40 से 50 मवेशियों को उठाती है जिनमें अधिकांश घायल और बीमार होते हैं। इनको लेने वाले आते नहीं हैं और इनको शहर की गोशालाएं लेने के लिये तैयार नहीं होती हैं। ऐसी हालत में इनको कांजी हाउस में ही रखना पड़ता है। इस संबंध में भी निगम को अब वर्क प्लान बनाना होगा और मवेशियों के मालिकों के खिलाफ इंदौर की तर्ज पर एफआईआर करनी होगी।