आस थी निष्कासन खात्मे की अध्यक्ष पद से भी हटा दिया,माधौसिंह के समर्थकों में निराशा

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आस थी निष्कासन खात्मे की अध्यक्ष पद से भी हटा दिया,माधौसिंह के समर्थकों में निराशा

अलीराजपुर से राजेश जयंत की रिपोर्ट 

अलीराजपुर: जिले की जोबट विधानसभा से दो मर्तबा भाजपा विधायक रहे माधौसिंह डावर और उनके 35 सहयोगी भाजपा नेताओं को विधानसभा चुनाव में पार्टी से बगावत करने पर प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। निष्कासन के बाद भी माधौसिंह डावर मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड भोपाल के संचालक व अध्यक्ष बने हुए थे। इससे उनके समर्थकों को लग रहा था कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी अध्यक्ष पद पर डावर को यथावत बनाए रखेगी और देर सवेर उनका निष्कासन खत्म हो जाएगा। लेकिन 25 जनवरी को मध्यप्रदेश वन विभाग के सचिव अतुल कुमार मिश्रा द्वारा राज्यपाल के नाम एवं आदेश से जारी पत्र ने माधौसिंह डावर समर्थकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

*पत्र में लिखा गया है कि-*

क्रमांक : एफ -1 / 12 / 0001 / 2023- sec – 1-10 ( FOR ) :: राज्य शासन एतदद्वारा म.प्र . राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के आर्टिकल 84 ( 2 ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुये श्री माधव सिंह डाबर , निवासी जिला अलीराजपुर को तत्काल प्रभाव से मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड भोपाल के संचालक मंडल के संचालक एवं अध्यक्ष पद से हटाया जाता है।

*खुद हारे, भाजपा प्रत्याशी को भी हराया*

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में माधौसिंह डावर ने भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी विशाल रावत के विरुद्ध जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ा। जिसमें वे स्वयं तो हारे ही भाजपा प्रत्याशी को भी पराजय का सामना करना पड़ा। हालांकि मतो का बडा अंतर था। कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती सैना पटेल को प्राप्त मत भाजपा सहित अन्य प्रत्याशियों को मिले मत के कुल योग से भी अधिक थे।

*उपचुनाव में थे प्रमुख दावेदार*

उल्लेखनीय है कि जोबट की तत्कालीन विधायक सुश्री कलावती भूरिया (कांग्रेस) का कोरोना ग्रसित होने के बाद निधन हो गया था। रिक्त विधानसभा सीट पर उपचुनाव में पार्टी ने कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई श्रीमती सुलोचना रावत (सिंधिया गुट) को अपना उम्मीदवार बनाया जबकि उसे वक्त माधौसिंह डावर प्रमुख दावेदार थे ।

पार्टी हाई कमान के आश्वासन पर उन्होंने पार्टी के पक्ष में कार्य करते हुए श्रीमती रावत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डावर ने उस वक्त मंशा जाहिर की थी कि विधानसभा के मुख्य चुनाव में उन्हें ही उम्मीदवार बनाया जाए।

वरिष्ठता और उपचुनाव में त्याग के फल स्वरुप शिव सरकार में माधौसिंह डावर को मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड भोपाल का संचालक एवं अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था।

*मां के बीमार होने पर बेटे को टिकट दिए जाने से नाराज डावर ने की बगावत*

बीते 1 साल से विधायक श्रीमती सुलोचना रावत ब्रेन हेमरेज होने से बेड रेस्ट पर थी। उनके कामकाज को सुपुत्र विशाल रावत देख रहे थे। माधौसिंह को पूरा विश्वास था कि मुख्य चुनाव में पार्टी उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी लेकिन सिंधिया गुट की गुड लिस्ट और युवा चेहरा होने से पार्टी ने विशाल रावत को अपना उम्मीदवार बनाया। तब श्री डावर ने अंतिम चुनाव लड़ने की मंशा और अपने समर्थकों की जिद पर पार्टी से बगावत कर दी ।

उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया। उन्हें मनाने के लिए सांसद से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक ने प्रयास किये लेकिन वह नहीं माने।

*पार्टी से निष्कासन*

प्रदेश में विधानसभा निर्वाचन का परिणाम भले ही बीजेपी के पक्ष में रहा हो लेकिन जोबट मे कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती सैना महेश पटेल ने एक तरफा जीत हासिल की। अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार विशाल रावत को उन्होंने 38000 से अधिक मतों से पराजित किया ।

पार्टी से बगावत करने वाले माधौसिंह सहित उनके समर्थक पदाधिकारी को भाजपा ने प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।

*संभावना पर फिरा पानी*

विधानसभा निर्वाचन में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई लेकिन सरताज बदल गए बावजूद पार्टी से निष्कासित माधौसिंह डावर मध्य प्रदेश वन विकास निगम भोपाल के संचालक व अध्यक्ष बने रहे। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा को साधने के लिए उन्हें यथावत अध्यक्ष पद पर बना रहने दिया जाएगा और निष्कासन भी वापस हो जाएगा लेकिन 25 जनवरी को पत्र जारी होने के बाद संभावनाएं धूमिल हो गई साथ ही समर्थको में निराशा छा गई।