New Cabinet Will Shock : नए मंत्रिमंडल के नाम भी झटका देंगे, दिल्ली में आज बैठक!

पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व नेताओं की सेकंड लाइन बनाने की कोशिश में, ज्यादातर नए चेहरे!

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New Cabinet Will Shock : नए मंत्रिमंडल के नाम भी झटका देंगे, दिल्ली में आज बैठक!

New Delhi : भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का चौंकाने वाले फैसलों का दौर अभी ख़त्म नहीं हुआ। मोहन यादव के मंत्रिमंडल के नाम भी झटका दे सकते हैं। आज शाम जब दिल्ली की बैठक में मंत्रिमंडल के नाम फ़ाइनल होंगे, तो वे भी किसी झटके से कम नहीं होंगे। जानकार सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया का दबदबा दिखाई दे सकता है। सिंधिया गुट के कई विधायकों को जगह मिल सकती है।

विधानसभा चुनाव में आसमान फाड़ जीत के बाद भाजपा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झटका दिया। जीत का श्रेय उन्हें नहीं देकर भविष्य की रणनीति के तहत अनजान से चेहरे मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया। इसके अलावा प्रहलाद पटेल को भी झटका लगा, जो मुख्यमंत्री बनने के लिए कुछ ज्यादा ही आशांवित नजर आ रहे थे।
अब कयास लगाए जा रहे हैं कि मोहन यादव का मंत्रिमंडल भी चौंकाने वाली घटना होगी। नए संभावित मंत्रिमंडल में उन नेताओं को बाहर किया जा सकता है, जो पहले कई बार मंत्री रह चुके हैं। जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन को साधने के लिए पहली बार विधायक बने नेताओं को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जाए तो आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।
पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मंत्रिमंडल गठन के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव को दिल्ली बुलाया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक करके मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले विधायकों के नाम फाइनल होंगे। मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को भी दिल्ली बुलाया।

पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने जिस तरह नई पीढ़ी को मौका देना शुरू किया उससे कई वरिष्ठ नेता सकते में हैं। पार्टी के पुराने नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना बहुत कम है। शिवराज मंत्रिमंडल के 12 मंत्री इस बार चुनाव हार गए, इसलिए पार्टी नए चेहरों को मौका दे सकती है। जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिए कुछ पुराने चेहरों को मौका दिया जा सकता है, पर इनकी संख्या कम होगी।
सिंधिया गुट का संतुलन बनाने के लिए मंत्रिमंडल में तीन से चार नेताओं को जगह दी जा सकती है। तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभुराम चौधरी को मंत्री बनाया जा सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले निगम और मंडल की नियुक्तियां भी नए सिरे होंगी। इसमें भी सिंधिया गुट के नेताओं को साधने की कोशिश हो सकती है।