मोहन के यह 180 दिन…9 कदम चले, 91 बाकी…
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने 180 दिन पूरे कर लिए हैं। इसमें सबसे बड़ी उपलब्धि अगर मानी जाए तो मोहन के चेहरे की सर्वस्वीकारोक्ति। इन 180 दिन में लोगों का यह भ्रम दूर हो गया है कि 17 साल के सीएम की विदाई के बाद नया चेहरा कैसे स्थापित होगा? नौकरशाही पर कैसे अपनी पकड़ मजबूत करेगा? वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सीएम की कुर्सी पर मोहन का जादू कैसे चल पाएगा? ऐसे सैकड़ों सवाल लोगों के मन में तैर रहे थे। और सबसे बड़ा भ्रम यह था कि लोकसभा चुनाव के बाद क्या मोहन के ऊपर खतरा मंडराएगा?
तो 180 दिन की मोहन सरकार की सबसे बड़ी सफलता यह है कि लोगों की समझ में यह आ गया है कि मोहन सरकार के स्थायित्व में कहीं कोई संशय नहीं है।लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 29 सीटों पर जीत हासिल की है। इस सफलता का श्रेय मोदी को दिया जाए, संगठन और विष्णु दत्त शर्मा और हितानंद शर्मा की कुशल संगठनात्मक रणनीति को दिया जाए या फिर इनके संग सरकार और मोहन की परिश्रम की पराकाष्ठा को दिया जाए…पर इसका सबसे बड़ा असर मोहन सरकार के स्थायित्व की गारंटी के रूप में सामने है। मध्य प्रदेश की जनता ने प्रदेश की 29 सीटों पर बीजेपी को जीत दिलाई है। ऐसे में सरकार ने भी प्रदेश के विकास के लिए अपना खजाना खोल दिया है। साथ ही पूर्व की किसी भी योजना को बंद नहीं करने का फैसला किया है। अब यह बात और है कि विपक्ष निशाना साधता रहे कि खजाना खाली है, कर्ज बढता जा रहा है… पर सरकार वित्तीय मर्यादा के दायरे में लाड़ली बहनों को भी खुश रखने में सफल है और सभी 29 लोकसभा सीटें जीतकर कांग्रेस के दिग्गज कमलनाथ और दिग्विजय सहित जीतू पटवारी और उमंग सिंघार सहित सभी दिग्गज नेताओं को आइना दिखाने में सफल रही है। मध्य प्रदेश में नौकरी एक बड़ा मुद्दा है। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही राज्य सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में 46 हजार से अधिक नए पद सृजित किए हैं। इन पदों पर जल्द ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही आने वाले दिनों में अन्य क्षेत्रों में भी नई बहालियां आएंगी। 46 हजार नौकरियों का आंकड़ा सम्मानजनक है, पर यह बात और है कि रोजगार के लिए लाखों हाथ कतार में हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद बताया था कि विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी के संकल्प पत्र में कुल 456 संकल्प शामिल थे जिनमें से 41 पूरे किए गए हैं। बचे हुए 218 संकल्प पर तेज़ी से कार्य चल रहा है। यानि सरकार करीब 9 कदम चल चुकी है और 91 कदम चलना अभी बाकी है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा विकसित भारत संकल्प यात्रा, सुशासन, महिला कल्याण, शिक्षा और गरीब कल्याण, किसान कल्याण सहित कई अन्य फैसलों की जानकारी साझा की थी। डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि मंत्रियों को जल्द ही ज़िलों के प्रभार सौंपे जाएँगे। 15 अगस्त को मंत्री ही प्रभार वाले जिलों में ध्वजारोहण करेंगे। तो अब आचार संहिता खत्म और डॉ. मोहन यादव को गति बढ़ाने में अब कोई रुकावट नहीं है। और उम्मीद है कि तब 360 दिन की उपलब्धियां गति की गवाही देती नजर आएंगीं। वैसे गति बढाने की दिशा में ही मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रमुख सचिवों की संख्या लगातार बढती जा रही है। जो मोहन की उपलब्धियों की गति में चार चांद लगाएगी, फिलहाल यही उम्मीद करते है..
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