These Rebels Will Surprise : इस बार चौंकाएंगे डेढ़ दर्जन बागियों की सीटों के नतीजे!
Bhopal : जब से मतदान हुआ, उसके बाद से ही कांग्रेस और भाजपा संगठन में बागियों की सीटों को लेकर मंथन चल रहा है। दोनों पार्टियों को बागी उम्मीदवारों की चिंता ज्यादा सता रही है। क्योंकि, प्रदेश में डेढ़ दर्जन सीट ऐसी है जहां बागी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार का गणित बिगाड़ सकते है। खुद बागियों को 2 से 3 सीटें मिलने की आशंका जताई जा रही, पर इनकी वजह से पार्टियों को हार का मुंह देखना पड़ सकता है।
इन कांटाजोड त्रिकोणीय सीटों के बारे में कोई सटीक विश्लेषण नहीं हो पा रहा, इसलिए ये सीटें सबसे ज्यादा चिंता का कारण बनी हुई है। इसका कारण यह कि इस बार के विधानसभा चुनाव में कोई बड़ा मुद्दा या लहर दिखाई नहीं दी। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पूरे चुनाव में एक-दूसरे पर बिना किसी मुद्दे के हमलावर रही। भाजपा ने लाडली बहना योजना पर भरोसा बताया तो कांग्रेस ने एन्टी इनकंबेंसी को चुनावी हथियार बनाया।
बढ़े हुए वोटिंग प्रतिशत को भी अलग-अलग नजरिए से विश्लेषित किया जा रहा है। दोनों ही प्रमुख पार्टियां इन्हें अपने पक्ष में बता रही हैं। लेकिन, मतदाताओं का मूड कोई नहीं पढ़ पा रहा। मतदाताओं के मौन और उदासीनता से उम्मीदवार सबसे ज्यादा आशंकित हैं। करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर बागियों के कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के सियासी समीकरण बिखर सकते हैं। इन बागियों ने बसपा, सपा, आप और गोंगपा का जिस तरह झंडा थामा है, उससे पार्टी के उम्मीदवारों की हालत खराब है। खास बात ये कि बागियों की इन सीटों पर पार्टियों का चुनावी प्रबंधन भी फेल हो गया है।
किसी से नहीं माने बागी
इस बार दोनों पार्टियों में बागियों की संख्या कुछ ज्यादा ही रही। दोनों पार्टियों के कई बड़े नेता भी बागियों को चुनावी मैदान में उतरने से नहीं रोक सके। धार सीट के बागी राजीव यादव को तो अमित शाह भी नहीं रोक सके। उन्होंने राजीव से अकेले बात करके उनसे निर्दलीय न लड़ने की समझाइश दी थी, पर वे नहीं माने। वे धार सीट पर भाजपा के बड़े नेता विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा तीसरी बार उम्मीदवार है। यही स्थिति महू सीट की रही जहां कांग्रेस के बागी अंतरसिंह दरबार ने बगावत कर दी। वे कांग्रेस के उम्मीदवार रामकिशोर शुक्ला का गणित बिगाड़ने के लिए खड़े हुए हैं। ऐसे ही हालात करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर बने हुए हैं।
बागियों के प्रभाव वाली सीटें
● धार – राजीव यादव।
● महू – अंतर सिंह दरबार।
● सतना – रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा।
● बुरहानपुर – हर्षवर्धन सिंह चौहान।
● जोबट : माधवसिंह डाबर।
● परसवाड़ा – कंकर मुंजारे।
● सिरमौर – वीडी पांडे।
● रैगांव – देवराज अहिरवार।
● नागौद – यादवेंद्र सिंह।
● देवतालाब – सीमा जयवीर सिंह सेंगर।
● सुमावली-कुलदीप सिंह सिकरवार।
● लहार – रसाल सिंह।
● नर्मदापुरम – भगवती चौरे।
● सीधी – केदारनाथ शुक्ला।
● मुरैना – राकेश सिंह।
● टीकमगढ़ – केके श्रीवास्तव।
● भिंड – संजीव सिंह कुशवाह।