यह चुनाव बड़ा रोमांचक है…?
लोकसभा चुनाव 2024 में मध्यप्रदेश में स्थितियां बड़ी रोमांचक बन गई हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है। और अब जिस तरह की कांग्रेसी भीड़ भाजपा में जा रही है, इसका किसी दबाव प्रभाव से भी कोई लेना देना नहीं है। तब भी कांग्रेस चिंतामुक्त सी नजर आती है। तो हाल ही में मध्यप्रदेश आए कांग्रेस के सर्वेसर्वा राहुल गांधी को चिंता हो रही है कि मीडिया हाउस और एंकर में कितने आदिवासी चेहरे नजर आते हैं? बेहतर होता कि राहुल यह चिंता जताते कि आखिर मध्यप्रदेश का नेतृत्व कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने पर नियंत्रण करने में विफल क्यों साबित हो रहा है?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें हर बूथ पर 370 नए वोट बढ़ाने का लक्ष्य दिया है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए हमने पार्टी के स्थापना दिवस 6 अप्रैल को यह संकल्प लिया था कि हर बूथ पर नए लोगों को पार्टी से जोड़ेंगे। इनमें राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के अलावा समाज के प्रबुद्धजन, खिलाड़ी, कलाकार, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स और आम नागरिक भी शामिल होंगे। मुझे मीडिया के मित्रों को यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि कार्यकर्ताओं के प्रयासों से हम सिर्फ 6 अप्रेल को ही, एक दिन में प्रदेश के सभी 64523 बूथों पर 4,83000 लोगों को पार्टी से जोड़ने में सफल रहे हैं। हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने के लक्ष्य के लिए पार्टी न्यू ज्वाइनिंग का इतिहास बना रही है। लोग यह कह कर भाजपा से जुड़ रहे हैं कि देश को विकसित भारत और विश्वगुरु बनाने के इस अभियान में हम भी मोदी के साथ आना चाहते हैं। हर बूथ पर, गांव-गांव में, ऐसे लोग जो देश और समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं, भाजपा के साथ आ रहे हैं। विष्णु दत्त शर्मा कांग्रेस को आइना दिखाते हैं कि कटनी के बरही में देश के गृह मंत्री अमित शाह की सभा थी। वहां जैसी भीड़ उमड़ी है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि मध्यप्रदेश की जनता का आशीर्वाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है और जनता उन्हें एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाने के लिए उत्साहित होकर खड़ी है। दूसरी तरफ विपक्ष के हालात यह हैं कि विपक्षी दल भगवान राम और महाराजा छत्रसाल की इस भूमि से मैदान छोड़कर भाग रहे हैं। इंडी गठबंधन बिखर रहा है और कांग्रेस अपना अस्तित्व खो रही है। हमारा एक-एक कार्यकर्ता चुनाव मैदान में है और भारतीय जनता पार्टी हर बूथ पर चुनाव लड़ रही है। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की सभी 29 सीटों पर रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करेगी। 400 कमल में से एक कमल छिंदवाड़ा होगा। छिंदवाड़ा में इस बार कांग्रेस और कमलनाथ की जमीन खिसक गई है। मैंने बहुत पहले कहा था कि कमलनाथ गरीबों, आदिवासी भाईयों का खून चूस-चूसकर उद्योगपति बने हैं। उन्होंने छिंदवाड़ा को दिया क्या है, परिवारवाद के अलावा। पहले कमलनाथ आए, फिर उनकी पत्नी आईं, फिर कमलनाथ, फिर उनका बेटा। इसलिए भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश ने यह तय किया है कि इस बार पूरे देश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जो 400 कमल भेंट किए जाएंगे, उनमें से एक छिंदवाड़ा सांसद भी होगा। हम प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत हासिल करेंगे।
तो दूसरी तरफ हाल ही में मध्यप्रदेश आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आदिवासी और वनवासी शब्द में अंतर बताया कि कांग्रेस आपको आदिवासी कहती है और भाजपा, नरेन्द्र मोदी, अमित शाह आपको वनवासी कहती है। आदिवासी मतलब इस देश की जमीन के पहले मालिक जिनका जमीन पर, जल पर, जंगल पर और देश के धन पर पहला हक बनता है। वनवासी का मतलब वो लोग जो जंगल में रहते हैं। वनवासी शब्द के पीछे एक विचारधारा है। जो आपका इतिहास है, आपकी भाषा है आपके जीने का तरीका है उसको ये लोग मिटाने की कोशिश करते है। भाजपा की सोच है वनवासियों को न जमीन का न जल का अधिकार मिलना चाहिए। आदिवासियों का मतलब आप देश के मालिक हो और आदिवासियों का देश की जमीन, जल और धन पर अधिकार बनता है। ये विचारधारा की लड़ाई है देश में आपकी जगह कहां होना चाहिए उस बात की लड़ाई है। राहुल हिंदुस्तान की दो सौ बड़ी कंपनियों की लिस्ट निकालो आपको वहां एक आदिवासी नाम नहीं मिलेगा। यहां प्रेस के मित्र हैं, मीडिया की लिस्ट, टीवी पर एंकर हैं उनमें एक आदिवासी नहीं है। और भी बहुत कुछ कहा था राहुल बाबा ने। और फिर अगले दिन गांधी ने उमरिया में महुआ बीन रहे लोगों को देख कर अपना वाहन रुकवाया और उनकी समस्याओं और चुनौतियों के बारे में चर्चा की। तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दावा किया कि इस बार मंडला की सीट कांग्रेस पार्टी की झोली में आयेगी में ऐसा आश्वस्त करता हूं।
अब जब भाजपा छिंदवाड़ा जीतने का दावा तक कर 29 कमल की माला मोदी को सौंपने की बात कह रही है, तब कांग्रेस मंडला जीतने का दावा करती नजर आ रही है। पर कांग्रेस में भगदड़ क्यों मची है, इसकी चिंता कांग्रेस में कहीं नहीं है। वास्तव में मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव रोमांचक हो गया है…।