यह जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा पर सवालिया निशान है…

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यह जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा पर सवालिया निशान है…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

करीब तीन माह बाद शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा के एक प्रमुख मार्ग के प्रमुख पड़ाव पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को आतंकवादियों द्वारा क्रूरता भरा कायराना खेल खेला गया है। पहलगाम दक्षिण कश्मीर का प्रमुख पर्यटक स्थल है। यहां आतंकियों ने अंधाधुंध गोली बारी की और 26 लोगों की जान ले ली। इससे भी घृणित खेल यह खेला कि नाम पूछकर हिंदुओं को गोली मारकर हिंदू-मुस्लिम वैमनस्यता का रंग देने की नापाक कोशिश की गई है। हालांकि उनका यह खेल अब हर भारतवासी की निगाह में घृणित और कायराना साबित हो गया है। और यह भी तय है कि आतंकवादियों को उनके किए की पूरी सजा जरूर मिलेगी।

 

 

पहलगाम में पर्यटक पुलिस कर्मी के रूप में काम करने वाले एक व्यक्ति ने तीन घायल लोगों को रेस्क्यू किया और अस्पताल पहुंचाया। और स्थानीय लोगों ने सभी घायलों को रेस्क्यू कर लिया। पर सभी का मानना है कि पहले ऐसी घटना यहां कभी नहीं हुई। और सुरक्षा से बेखबर जम्मू-कश्मीर सरकार को आइना दिखाया गया क्योंकि जहां हमला हुआ, वहां पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। आतंकियों ने इस नाइंतजामी का पूरा फायदा उठाया। वे सैन्य वर्दी में आए और पर्यटकों से परिचय-पत्र मांगना शुरू कर दिया। इसके बाद जो भी पर्यटक हिंदू थे, उन्हें आतंकियों ने गोलियां मारनी शुरू कर दीं। हमले की सूचना मिलने और मौके पर पहुंचने में सुरक्षा बलों को 30 मिनट का समय लगा। आतंकी इस दौरान पहाड़ियों की तरफ भाग गए। दु:ख की बात यह है कि पहलगाम में 26 लोगों की मौत की खबर आई है और मरने वालों में दो विदेशी भी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।’ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में पर्यटकों के मारे जाने और कई लोगों के घायल होने की खबर बेहद निंदनीय और दिल दहलाने वाली है। आतंक के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के खोखले दावों के बजाय अब जवाबदेही लेते हुए ठोस कदम उठाए ताकि आगे ऐसी बर्बर घटनाएं न होने पाएं और निर्दोष भारतीय यूं अपनी जान न गंवाएं।’

पहलगाम आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक सुनील शर्मा ने कहा, “पिछले एक साल से पाकिस्तान भारत में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में एक महिला कह रही है कि आतंकियों ने सबसे पहले उन लोगों के नाम पूछे जिन पर उन्होंने हमला किया। इस तरह उन्होंने एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया। हमें अपनी एजेंसियों पर पूरा भरोसा है कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा।”नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अर्जुन सिंह राजू ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले पर कहा, ‘इस हमले की जितनी भी कड़ी निंदा की जाए कम है। मुझे लगता है कि पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने का समय आ गया है। हमें दुश्मन के इलाके में घुसकर उन्हें मारना होगा। हमें इसका जवाब देना होगा।’ पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले पर पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि मेरा गृह मंत्री से यही आग्रह है कि एक इंक्वायरी बैठे और इसकी जांच हो कि इस घटना के पीछे कौन लोग हैं। उनका क्या मकसद था? हमारी सुरक्षा एजेंसियों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह सिर्फ इन पर्यटकों पर हमला नहीं है ये जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक पर हमला है, ये कश्मीरियत पर हमला है।’ यह और ऐसी ही हजारों प्रतिक्रियाएं देश के आक्रोश और एकजुटता का संदेश दे रही हैं।

 

 

तो अमरनाथ यात्रा के तीन महीने पहले पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। आतंकियों और आतंकियों के आकाओं को दफन करने का अब सही समय आ गया है। अच्छी बात यही है कि हमले के खिलाफ पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश एक है। ऐसे में पर्यटकों का भरोसा जीतने के लिए सरकार को आतंकियों को हमेशा के लिए कफन उड़ाकर दफन करने के लिए एक्शन में आने की जरूरत है…सर्जिकल स्ट्राइक से भी अधिक आक्रामक कार्यवाही का समय अब आ गया है।