राजनीति का यह ‘केजरीवाल’ अध्याय…
इन दिनों देश की राजनीति में अगर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, तो वह केजरीवाल की। जी हां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की। और मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए गिरफ्तारी देने वाले केजरीवाल की। वैसे केजरीवाल अब राजनीति का वह ब्रांड बन चुके हैं, जिनके नाम के आगे बस ‘भूतो न भविष्यति’ लिखा जाना बाकी है। नैतिकता के आंदोलन से उपजे केजरीवाल कथित तौर पर शराब नीति में फर्जीवाड़ा के मास्टरमाइंड के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं। और कांग्रेसराज में अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए उस आंदोलन में बाद में अगर खुद को किसी ने ठगा हुआ महसूस किया तो वह अन्ना ने ही। केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अन्ना हजारे की प्रतिक्रिया भी वही थी कि दुःखी हूं कि वह व्यक्ति शराब नीति बना रहा था, जो शराबबंदी के लिए हमारे साथ आंदोलन कर रहा था। यानि हजारे को केजरीवाल की गिरफ्तारी का तनिक भी अफसोस नहीं, उल्टे दुःख इस बात का है कि केजरीवाल भटक गया है। अफसोस तो उन्हें वैसे बहुत पहले से ही है। तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कहते हैं कि पद से इस्तीफा देकर केजरीवाल जेल जाते तो ज्यादा अच्छा होता। दोषमुक्त होते, तब फिर आकर सरकार चलाते। तो मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया है कि “अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करके सरकार ने उदाहरण दे दिया है कि सरकार बदलने पर कोई भी मुख्यमंत्री चुनकर आ जाए, वो गिरफ्तार हो सकता है…।” अब बात चिंता की तो है ही, अभी मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए गिरफ्तार होने की पहली बानगी राजनीतिक अध्याय में दर्ज हो गई है। अब आगे क्या-क्या होने वाला है यह राम ही जाने…।
तो बात 22 मार्च 2024 की जो इतिहास में दर्ज बड़ी खबर कि भारत के इतिहास में पहली बार पद पर रहते हुए किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हुई है। और उससे बड़ी खबर यह कि ‘आप’ यानि आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बना सकती है ईडी। पहली बार होगा जब किसी पार्टी को आरोपी बना सकती है। आरोप है कि शराब माफियाओं से 100 करोड़ लेकर उस पैसे का इस्तेमाल गोआ चुनाव में किया गया था। केजरीवाल पर यही बेहद गंभीर आरोप है कि “100 करोड़ दोगे तभी शराब पॉलिसी बदलूंगा।” यानि कि”अरविंद केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी।” दक्षिण के शराब माफियाओं से केजरीवाल ने कही थी यह बात। विजय नायर केजरीवाल के लिए काम कर रहा था। विजय नायर वसूली का काम करता था। तो ईडी की अरेस्ट में अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान आया कि मेरा जीवन देश के लिए समर्पित है। और केजरीवाल के समर्थन में दिल्ली में आप यानि आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन। और बयान आए कि लोकसभा चुनाव जीतने के लिए मोदी सरकार द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई है। और केजरीवाल के वकील का बयान कि पूरा मामला ही फर्जी बनाया गया है। तो ईडी द्वारा मांगी गई दस दिन की कस्टडी नामंजूर करते हुए पीएमएलए कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 6 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक की रिमांड पर भेजा है।
और 26 मार्च को आम आदमी पार्टी पीएम आवास का घेराव करेगी। 23 मार्च को दिल्ली के शहीदी पार्क में आप के सभी दिल्ली विधायक, पार्षद और इंडिया गठबंधन के अलग-अलग नेता तानाशाही के खिलाफ शपथ लेंगे। इतना ही नहीं आप केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ होली नहीं मनाएगी और लोगों से जगह-जगह मिलकर देश को बचाने की अपील करेगी। तो मोदी को सीधी चुनौती देने वाले केजरीवाल अब ईडी की कैद में हैं। इंडी गठबंधन को मजबूती देने वाले केजरीवाल अब चंगुल में हैं। आम आदमी पार्टी होली नहीं मनाएगी तो बेरंग नजर कौन आएगा, यह भी देखने वाली बात है। दिल्ली में मोदी को चुनौती देकर गोवा में धमाचौकड़ी कर पंजाब हथियाने वाले केजरीवाल की मुश्किलें फिलहाल बढ़ती नजर आ रही हैं। पर इस बात को कोई नकार नहीं सकता है कि राजनीति का यह ‘केजरीवाल’ अध्याय बहुत ही रुचिकर है…।