

प्रदेश के किसानों की किस्मत बदलेगी यह दुग्ध क्रांति …
कौशल किशोर चतुर्वेदी
‘सांची’ भले ही मध्यप्रदेश का ब्रांड बन चुका हो, लेकिन हकीकत में सांची को छलांग लगाने के लिए पूरा आकाश खाली है। अभी तक मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन कछुए की चाल से आगे बढ़ रहा था, पर अब केंद्र के पहले सहकारिता मंत्री बने अमित शाह ने इसे खरगोश की तरह फर्राटा मारने की राह खोल दी है। सांची की लोकप्रियता देखकर लगता था कि अब इससे ज्यादा गुंजाइश नहीं बची है। पर जब आंकड़े सामने आए तो पता चला कि दुग्ध सहकारी समितियों का विस्तार केवल 17 फीसदी गांवों तक ही सीमित है। पर अब शाही दखल से इनके 50 प्रतिशत गांवों तक विस्तार की उम्मीद जाग गई है। ऐसे में 13 अप्रैल 2025 का दिन मध्यप्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। प्रदेश के 50 प्रतिशत गांवों तक सहकारिता ओर डेयरी गतिविधियों का विस्तार होने का भरोसा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के मध्य सहकारिता अनुबंधों के बाद अब तय है। हालांकि राह आसान नहीं है, पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते अब मध्यप्रदेश ‘दुग्ध क्रांति’ के नए युग में पहुंचने की आशा जाग गई है। इससे मध्यप्रदेश के किसानों और डेयरी उद्योग को नया जीवन मिलने की राह खुल गई है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि मध्यप्रदेश में साढे़ 5 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है जो देश के कुल उत्पादन का 9 प्रतिशत है। प्रदेश में सुशासन का दौर चल रहा है, यह सहकारिता को जीवंत करने का स्वर्णिम अवसर है। प्रदेश के किसानों के साथ केन्द्र सरकार चट्टान की तरह खड़ी है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ मिलकर कम से कम 50 प्रतिशत गांवों तक सहकारिता और डेयरी गतिविधियों का विस्तार करना आवश्यक है। इसके लिए आवश्यक नीति निर्माण और प्लानिंग भी करना होगी। केन्द्र सरकार की ओर से वित्तीय सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों को दुग्ध उत्पादन का शत-प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्तर पर गतिविधियां संचालित करनी होंगी। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन और उसकी प्रोसेसिंग से विभिन्न उत्पाद निर्मित कर किसानों की आय बढ़ाने की ओर एनडीडीबी और राज्य सरकार एक साथ अग्रसर होंगे। यह रास्ता अभी टू-लेन है, जिसे 6 लेन में विस्तारित करना होगा। केंद्रीय मंत्री शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के मध्य अनुबंधों का आदान प्रदान अब टू-लेन रास्ते को 6 लेन में बदलने में सक्षम साबित हो सकेगा। शाह को भरोसा है कि यह दोनों संस्थाएं अगले 20 साल में अमूल से भी बड़ी संस्थाओं के रूप में आकार लेंगी।
यह हकीकत है कि किसानों द्वारा खुले बाजार में दूध बेचने पर उचित दाम नहीं मिलता है अत: प्रत्येक गांव के किसानों को अधिक से अधिक संख्या में डेयरी के साथ जोड़कर दूध के विभिन्न उत्पाद निर्मित करने का लक्ष्य निर्धारित करना होगा। दूध से दही, मट्ठा, छाछ, पनीर, चीज़ का निर्माण हो और इसका मुनाफा किसानों को मिले यह व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक है। इसके लिए दूध का उत्पादन बढ़ाने, पशुओं की नस्ल सुधारने और दूध के संकलन के लिए बेहतर नेटवर्क विकसित करने की आवश्यकता है। इन गतिविधियों में एनडीडीबी और एमपी डेयरी फेडरेशन के बीच हो रहे अनुबंध महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि दुग्ध उत्पादन हर घर की आय में वृद्धि का प्रमाणिक स्त्रोत है। प्रदेश में गौ-पालन और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। गौ-पालन पर अनुदान की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार ने दूध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है। सरकार घर-घर गोकुल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। किसानों की जिंदगी बेहतर करने के लिए सरकार गाय का दूध खरीदेगी। किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ प्रतिबद्ध है। वृहद स्तर पर एमओयू होने से बड़ी संभावनाओं के द्वार खुले है।
तो एनडीडीबी, मध्यप्रदेश सरकार और 6 दुग्ध संघ के बीच सहकार्य अनुबंध (एमओयू) हो गया है। राज्य सरकार ने संगठित बोर्ड के माध्यम से दूध उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अनुबंध की सहमति प्रदान की है। इस अनुबंध से किसानों को प्रशिक्षण देना, दूध उत्पादों की मार्केटिंग सहित अनेक कार्य किए जाएंगे। राष्ट्रीय डेयरी प्लान श्वेत क्रांति 2.0 के लक्ष्यों में महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण और उनके लिए रोजगार के अवसर सृजित करना शामिल है। एनडीडीबी दूध उत्पादक किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।एनडीडीबी की यह प्रतिबद्धता मध्यप्रदेश में दुग्ध क्रांति का स्वर्णिम अध्याय लिखने में सफल हो। तभी यह दुग्ध क्रांति मध्यप्रदेश की इस क्षेत्र में उपलब्धियों की कांति पूरी दुनिया में बिखेर सकेगी। अमित शाह ने सब कुछ सामने रख दिया है कि मंजिल पर पहुंचने के लिए किन-किन बाधाओं को पार करना है। पर बाधाओं पर हम विजय पाएंगे और तब दुग्ध क्रांति से मध्यप्रदेश के किसानों की किस्मत बदलना तय है…।