संकेतों से भरा ‘यदुवंशी मोहन’ का यह ‘मोहन राग’…

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संकेतों से भरा ‘यदुवंशी मोहन’ का यह ‘मोहन राग’…

अयोध्या में पांच सौ साल बाद राम मुस्कुरा रहे हैं। तो मथुरा में भी इन पांच साल में कृष्ण मुस्कुराएं, इसके लिए इस लोकसभा चुनाव में वोट देना है। हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री यदुवंशी डॉ. मोहन यादव का ‘मोहन राग’ अब मतदाताओं के दिलों को छू रहा है। मध्यप्रदेश के यदुवंशी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मथुरावासी मोहन के प्रति प्रेम अब मंचों से खुलकर बरस रहा है। भगवान राम अयोध्या में मुस्करा रहे हैं। अब मथुरा में कृष्ण के मुस्कराने की बारी है। डॉ. मोहन यादव देश के इकलौते मुख्यमंत्री होंगे जो यदुवंशी हैं और अपील कर रहे हैं कि इस बार का वोट मथुरा के लिए पड़ना चाहिए।
डॉ. मोहन यादव मंचों पर तर्कों सहित बात को आगे बढ़ाते हैं कि हमने पहला वोट 2014 में देश की सुरक्षा के लिए दिया था। 2014 से पहले देश में कहीं भी और कभी भी आतंकी हमले हो जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है। दूसरी बार के वोट से 5 साल से भी कम समय में कश्मीर से धारा 370 हटी। धारा 370 के कारण 40 हजार निरपराध लोग मारे गए और 30 हजार महिलाओं के मंगलसूत्र लूटे गए। यह सारा पाप कांग्रेस के माथे पर है। इस बार तीसरा वोट देश के मान-सम्मान, उन्नति, प्रगति के साथ मथुरा के लिए पड़ना चाहिए। और आगामी पांच साल यानि 2029 का चुनाव आते-आते मथुरा धाम भी जगमगाएगा। डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे थे कि उत्तर प्रदेश और बिहार में यादव मतदाताओं को रिझाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। डॉ. यादव ने अपेक्षाओं से सौ कदम आगे बढ़ाते हुए अब यह नई लकीर खींच दी है कि 2024 का वोट मथुरा के लिए पड़ना चाहिए। यानि कि अयोध्या में राम जन्म भूमि की तरह ही मथुरा में कृष्ण की जन्मभूमि को भी मुक्त होना चाहिए। आगामी पांच साल में देश उसी तरह “हरे कृष्णा” और “राधे-राधे” की धुन से गुंजायमान होगा, जैसे 2024 में “जय श्री राम” के नाम की गूंज सुनाई दे रही है।
एक दिन पहले 29 अप्रैल को अमेठी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि श्रीराम और बाबा महाकाल मुस्कुरा रहे हैं, अब बारी मथुरा में श्रीकृष्ण की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की धरती उत्तरप्रदेश से मेरे पूर्वज आजमगढ़ से बिहार होते हुए मध्यप्रदेश पहुंचे थे। उत्तरप्रदेश से मेरा दोहरा रिश्ता है। सुल्तानपुर मेरी ससुराल है। दामाद होने के नाते अपने ससुराल में आनंद आ रहा है। मन गदगद है। मुझे मालूम है कि यहां पर बड़ी संख्या में यदुवंशी भी रहते हैं। मैं सभी यदुवंशियों से कहना चाहता हूं आप सब भाग्यशाली हो। 5 हजार साल पहले भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की स्थापना के लिए पूरा जीवन लगा दिया। आज हमारे सामने पुनः वो समय आया है। अयोध्या में भगवान श्रीराम और उज्जैन में बाबा महाकाल लोक का आनंद आ गया है और अब मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के मुस्कुराने की बारी है।
तो मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार डॉ. मोहन यादव चाहे बिहार गए हों या फिर उत्तर प्रदेश गए हों, सभी जगह यदुवंशी होने की छाप उन्होंने छोड़ी है। और मथुरा के ‘मोहन’ को वह हर मंच पर याद करते नजर आए हैं। तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री यदुवंशी डॉ. मोहन यादव का यह ‘मोहन राग’ अभी हर मंच पर अपनी छटा बिखेर रहा है। आगामी पांच साल में यह मथुरा के मोहन के मुस्कुराने की आहट है, तो यह यदुवंशी मुख्यमंत्री मोहन के आगामी पांच साल तक मुस्कुराते रहने का संकेत भी है…।