

जाते हुए साल की यह खबर सुकून दे रही है…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
पालपुर-कूनो की तो गिर के शेरों की गूंज सुनने की मंशा अधूरी ही रही, पर साल 2024 के जाते-जाते यह खबर सुकून दे रही है कि गुजरात के शेरों से भोपाल का वन-विहार गूंजेगा। हालांकि मध्यप्रदेश को यह अवसर आदान-प्रदान योजना के तहत मिल पाया है। और जूनागढ़ से सिंहों का जोड़ा वन विहार आया है। वन विहार में अब 2 नर एवं 3 मादा लॉयन की गूंज सुनाई देगी। और इनसे मिलने की ललक सिंह प्रेमी पर्यटकों को वन विहार आने पर मजबूर कर देगी।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल में 21 दिसंबर को सक्करबाग जू-जूनागढ़, गुजरात से लॉयन का जोड़ा (नर एवं मादा) लगभग 1000 किलोमीटर की यात्रा तय कर सकुशल पहुँचा है। नर लॉयन एव मादा लॉयन दोनों की उम्र लगभग 3 वर्ष है। वन विहार में दोनों लॉयन की देखभाल एवं परीक्षण के लिए क्वारेन्टाईन में रखा गया है। वर्तमान में सत्या, गंगा एवं नदी सहित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में 2 नर एवं 3 मादा लॉयन हो गये हैं। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान को यह सौगात शासन एवं विभाग स्तर पर विशेष प्रयासों से प्राप्त हुई है। लॉयन जोड़े के बदले वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल से नर बाघ (बाँधवगढ़-2) एवं मादा बाघ (बँधनी) को दिया गया है। दोनों की उम्र लगभग 06 वर्ष है।
केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली से प्राप्त अनुमति अनुसार आदान-प्रदान योजना अंतर्गत 17 दिसम्बर 2024 को 9 सदस्यीय दल वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल से नर बाघ एवं मादा बाघ को लेकर सक्करबाग जू-जूनागढ, गुजरात के लिए रवाना हुआ एवं 21 दिसम्बर 2024 को सक्करबाग जू-जूनागढ़, भोपाल से लॉयन जोड़े को लेकर वन विहार आया। लॉयन के इस जोड़े के वन विहार आगमन से प्रसन्नता का माहौल है।
विशेष बात यही है कि 3 वर्ष के यह सिंह लंबे समय तक वन विहार को गुंजायमान रखेंगे। और मोहन सरकार के एक साल पूरा होने पर मध्यप्रदेश को मिली यह खुशखबरी संतुष्टि से भरने वाली है। और अगर इनका कुनबा बढ़ा तो मध्यप्रदेश सिंहों के मामले में भी समृद्ध हो सकता है। फिलहाल जाते हुए साल की यह खबर सुकून दे रही है…।