यह शॉर्ट एनकाउंटर भी सुकून देने वाला है…
मुरैना जिले के लेपा गांव का वह नृशंस हत्याकांड आज भी उन हत्यारों के प्रति मन को आक्रोश और घृणा से भर देता है। ऐसे में मुरैना पुलिस द्वारा शॉर्ट एनकाउंटर कर मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करना मन को सुकून देता है। सोने पर सुहागा होता, यदि अपराधियों ने पुलिस पर हमला कर ही दिया था तो उन्हें भी मौके पर ही ढेर कर दिया जाता। हालांकि यह ऐसे घृणित अपराधियों के प्रति आवेश की मनोदशा के चलते उपजा विचार भी हो सकता है। पर जिस तरह एक परिवार के छह सदस्यों की बदले की आग में नृशंस हत्या की गई थी, वह इन अपराधियों की लाइलाज विकृत मानसिक अवस्था ही है। मुरैना वही जिला है, जहां अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाही करने में ट्रैक्टर से दबकर आईपीएस नरेंद्र कुमार की जान चली गई थी। यह वही जिला है, जहां अपराधियों का दुस्साहस बहुत ज्यादा है। ऐसे में जिले में हाल ही में पुलिस अधीक्षक का पदभार लेने वाले आईपीएस अधिकारी शैलेन्द्र सिंह चौहान की कार्यवाही तारीफ के काबिल है। उनके नेतृत्व में पुलिस ने दस में से छह आरोपियों की गिरफ्तारी कर कम से कम अपराधियों में खौफ तो पैदा किया ही है। और अगर इस तरह की कार्यवाही लगातार जारी रही तो निश्चित तौर पर कानून-व्यवस्था की धाक उसी तर्ज पर बनती नजर आएगी कि अपराधियों पर शिकंजा कसने और खौफ पैदा करने में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश नहीं तो उत्तर प्रदेश से कम भी नहीं।
मुरैना पुलिस ने लेपा गांव में हुए हत्याकांड के मुख्य आरोपी अजीत सिंह तोमर को उसके भाई भूपेंद्र समेत एक शॉर्ट एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया है। इस मुठभेड़ में पुलिस की बंदूक से निकली गोली अजीत के पैर में जा लगी और भागने के दौरान गिर जाने के कारण भूपेंद्र के सिर में चोट आई है। दोनों घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। महुआ थाना इलाके के उसेद घाट के पास यह एनकाउंटर 8-9 मई की रात में हुआ। गौरतलब है कि 5 मई को लेपा गांव में पुरानी रंजिश के चलते 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें एक युवक एक-एक करके लोगों को गोली मारता नजर आ रहा था। इस युवक की पहचान अजीत सिंह तोमर के रूप में हुई थी। पुलिस ने इस मामले में पहले 9 आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की थी और इसके बाद एक आरोपी का नाम और बढ़ गया था जिसके बाद इस मामले में कुल 10 आरोपी बन गए हैं। अजीत सिंह तोमर इस गोलीकांड में मुख्य आरोपी था। पुलिस की तरफ से आरोपियों पर 30-30 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी अजीत सिंह महुआ इलाके के उसेद घाट से नदी किनारे होते हुए बाहर भागने की फिराक में है। इसी सूचना पर पुलिस की टीम उसेद घाट इलाके में पहुंची। यहां उनका सामना अजीत और उसकी भाई भूपेंद्र से हो गया। पुलिस ने जब इन्हें सरेंडर के लिए कहा तो अजीत ने राइफल से पुलिस पर गोली चला दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की जिसमें से एक गोली अजीत के पैर में लगी। इसके बाद पुलिस ने अजीत और उसके भाई भूपेंद्र को पकड़ लिया।
एसपी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि जल्दी बचे हुए आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। एसपी शैलेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस को मुखबिरों के माध्यम से यह सूचना प्राप्त हुई थी कि महुआ थाने के उसेद घाट पर आरोपियों का मूवमेंट है। दोनों नदी किनारे होते हुए बाहर निकलने की फिराक में थे। हम लोगों ने टीम लगाकर इन्हें घेरने का प्रयास किया और इनको सरेंडर करने के लिए कहा गया, लेकिन मुख्य आरोपी ने 315 बोर की राइफल से पुलिस पर फायर कर दिया। पुलिस ने जब उन पर जवाबी फायर किया तो मुख्य आरोपी के पैर में गोली जा लगी और वह घायल हो गया। सह आरोपी भूपेंद्र को भी मौके से गिरफ्तार किया गया है। इनसे 315 बोर का हथियार भी बरामद कर लिया गया है। इससे पहले 30000 के इनामी सोनू सिंह तोमर को पकड़ने में पुलिस ने सफलता हासिल की थी। सोनू सिंह तोमर को मुरैना पुलिस ने जयपुर के पास सीकर जिले से पकड़ा था। सोनू को पकड़कर पुलिस मुरैना ले आई है। एसपी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि सोनू सिंह तोमर से पूछताछ करके आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया गया। इसके बाद मुख्य आरोपियों अजीत सिंह तोमर और उसके भाई भूपेंद्र सिंह तोमर को गिरफ्तार कर लिया गया है। धीर सिंह और रज्जो देवी को पुलिस ने वारदात वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। अन्य फरार सभी आरोपियों पर पहले 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था और फिर इनाम को बढ़ाकर 30-30 हजार रुपए कर दिया गया था। पुलिस ने 7 मई को तीसरी आरोपी पुष्पा देवी को भी गिरफ्तार कर लिया था।
मध्यप्रदेश पुलिस की धमक भी ऐसी ही बन जाए कि जब अपराधियों के भी अपराध का भाव मन में आने पर मौत के डर से कांपने लगें। और आम आदमी के मन में वह विश्वास पैदा हो जाए कि हमारा मध्यप्रदेश अपराधमुक्त है। माफियाओं से मुक्त है। और वह दिन जरूर आएगा, यदि अपराधियों के प्रति सभी जिम्मेदारों के मन से सहानुभूति का भाव पूरी तरह से खत्म हो जाए। बधाई आईपीएस शैलेन्द्र कुमार सिंह और उनकी टीम, यह शॉर्ट एनकाउंटर भी सुकून देने वाला है…।