भोपाल में इस बार फिर बड़ी जीत की उम्मीद से ‘उम्मीदवार’, 2013 में भोपाल के 2 प्रत्याशी थे ‘टॉप 5’ में शामिल

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भोपाल में इस बार फिर बड़ी जीत की उम्मीद से ‘उम्मीदवार’, 2013 में भोपाल के 2 प्रत्याशी थे ‘टॉप 5’ में शामिल

भोपाल. विधानसभा चुनाव-2023 के परिणाम परसों आने वाले हैं। ऐसे में भोपाल जिले की सातों सीट पर भाजपा और कांग्रेस पार्टियों के उम्मीदवार अपने-अपने प्रतिद्वंद्वी को अधिक से अधिक वोटों से हराकर बड़ी जीत की कामना कर रहे हैं। यह उम्मीद कितनी पूरी होगी, इसके लिए उम्मीदवारों को दो दिन का इंतजार और करना होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में जिले में 4 सीटों पर भाजपा विधायक और 3 तीन सीटों पर कांग्रेस विधायक चुनाव जीते थे। इस बार भाजपा ने अपने चारों विधायकों को फिर से मौका दिया है। वहीं, कांग्रेस ने भी एक तरह से तीनों विधायकों को मौका दिया है, लेकिन उत्तर विधानसभा से विधायक आरिफ अकील की सिफारिश पर उनके बेटे आतिफ अकील को उम्मीदवार बनाया था। ऐसे में राजधानीवासी फिर से अपने-अपने कयास लगा रहे हैं कि इस बार कौन-कौन अधिक जीत वोटों की जीत दर्ज करेंगे, पिछले बार का रिकार्ड टूटेगा या नहीं?

कहीं बढ़ा, तो कहीं घटा वोटिंग प्रतिशत
पिछले विधानसभा चुनाव 2018 की तुलना में इस बार जिले में मात्र .86 प्रतिशत अधिक वोटिंग हुई है। पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार उत्तर में 3.50 प्रतिशत, गोविंदपुरा में 2.13 प्रतिशत, बैरसिया में 1.71 प्रतिशत, हुजूर में .14 प्रतिशत वोटिंग बढ़ी है। वहीं, दक्षिण-पश्चिम में 4.59, मध्य विधानसभा में .66 प्रतिशत और नरेला विधानसभा में .42 प्रतिशत वोटिंग कम हुई है। ऐसे में सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत को लेकर कयास लगा रहे हैं। गौरतलब है कि 2013 के चुनाव में प्रदेश की पांच बड़ी जीतों में भोपाल के दो प्रत्याशी शामिल थे। गोविंदपुरा से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने कांग्रेस के गोविंद गोयल को 70644 और हुजूर से रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस के राजेंद्र मंडलोई को 59604 वोटों से हराया था।

10 सालों में जनता का बदला सा दिखा रुझान
भोपाल जिले में विधानसभा चुनाव 2008 में परिसीमन के बाद यहां पर 4 विधानसभा सीटें बढ़कर 7 सीटें हो गई थी। जिले की विधानसभा सीटों में बीते 10 साल में जनता का रुझान अलग-अलग देखने को मिला है। 2013 की तुलना में 2018 में भाजपा से दो सीट छीनने में कांग्रेस प्रत्याशियों कामयाब हुए थे। 2008 और 2013 में भोपाल जिले की 7 सीटों में क्रमश: 6 भाजपा और 1 कांग्रेस के विधायक थे। 2018 में यह आंकड़ा बदलकर 4 भाजपा और 3 कांग्रेस के विधायक हो गए थे।

2013 में इतने वोटों के अंतर से जीते थे प्रत्याशी
विधानसभा पार्टी जीते प्रत्याशी हारे प्रत्याशी जीत का अंतर
गोविंदपुरा भाजपा बाबूलाल गौर गोविंद गोयल 70644
हुजूर भाजपा रामेश्वर शर्मा राजेंद्र मंडलोई 59604
बैरसिया भाजपा विष्णु खत्री महेश रत्नाकर 29304
नरेला भाजपा विश्वास सारंग सुनील सूद 26970
द.पश्चिम भाजपा उमाशंकर गुप्ता संजीव सक्सेना 18198
मध्य भाजपा सुरेंद्रनाथ सिंह आरिफ मसूद 6981
उत्तर कांग्रेस आरिफ अकील आरिफ बेग 6664

2018 में इतने वोटों के अंतर से जीते थे प्रत्याशी
विधानसभा पार्टी जीते प्रत्याशी हारे प्रत्याशी जीत का अंतर
गोविंदपुरा भाजपा कृष्णा गौर गिरीश शर्मा 46359
हुजूर भाजपा रामेश्वर शर्मा नरेश ज्ञानचंदानी 15725
बैरसिया भाजपा विष्णु खत्री जयश्री हरिकरण 13779
नरेला भाजपा विश्वास सारंग महेंद्र सिंह चौहान 23151
द.पश्चिम कांग्रेस पीसी शर्मा उमाशंकर गुप्ता 6587
मध्य कांग्रेस आरिफ मसूद सुरेंद्रनाथ सिंह 14757
उत्तर कांग्रेस आरिफ अकील फातिमा सिद्दीकी3485