राजस्थान में इस बार बदलेगा रिवाज अथवा राज – बहस शुरु

336

राजस्थान में इस बार बदलेगा रिवाज अथवा राज – बहस शुरु

गोपेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट

हर पाँच वर्ष में आयोजित लोकतंत्र के महापर्व में राजस्थान के 5.25 करोड़ मतदाताओं में से अधिकांश ने अपने वोट की आहुति दी है ।
प्रदेश में 16 वीं विधानसभा के लिए शनिवार को प्रदेश के मतदाताओं ने भारी उत्साह और उमंग दिखाया और अनेक स्थानों पर कई दिलचस्प घटनाएँ भी देखने को मिली । प्रदेश की कुल दौ सौ में से इस बार भी 199 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में कतिपय छूटपुट घटनाओं को छोड़ कर मतदान का कार्य शान्तिपूर्वक ढंग से सम्पन्न हुआ है।

राज्य में शनिवार को सुबह से ही अनेक मतदान केंद्रों पर लम्बी क़तारें दिखाई दी। खबरें है कि पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं के अलावा इस बार प्रदेश के युवाओं और महिलाओं ने भारी संख्या में मतदान किया है। राज्य के हिल स्टेशन माउण्ट आबू के गुरु शिखर से 18 किमी ऊपर बसे प्रदेश के सबसे ऊँचे मतदान केन्द्र पर भी लोगों ने मतदान किया और नदियों एवं बाँधों के अंदर कई टापूओं पर बसे हुए कई गाँवों के मतदाताओं ने भी नाँव की सवारी कर और मतदान केंद्रों तक पहुँच अपने मताधिकार का प्रयोग किया हैं।अनेक बुजुर्गों,नव दम्पतियों दूल्हा दुल्हनों और कई विशिष्ट जनों ने अपने सभी काम छोड़ सबसे पहलें मतदान को प्राथमिकता दी ।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, असम के राज्यपाल गुलाब चन्द कटारिया और प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों, विधान सभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी , पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे,प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़, उप नेता डॉ सतीश पूनिया , विधायकों, प्रदेश के केन्द्रीय मंत्रियों गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल ,कैलाश चौधरी और सांसदों के साथ ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा,बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी तथा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के साथ ही राज्य की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा एवं पुलिस महा निदेशक उमेश मिश्रा आदि ने भी अपने परिवार जनों के साथ अपने-अपने सम्बन्धित मतदान केंद्रों पर पहुँच कर मतदान किया। विभिन्न दलों के शीर्ष नेताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद अपने अपने दल के विजय के दावे किए।

मतदान सम्पन्न होने के बाद राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक टीवी चेनल्स पर राजस्थान में इस बार बदलेगा रिवाज अथवा राज इस पर बहस शुरु हों गई है जिसके तीन दिसम्बर को मतगणना होने तक जारी रहने की उम्मीद हैं।

प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त प्रवीण गुप्ता ने मतदान के निर्धारित समय छह बजे के बाद प्रेस वार्ता में बताया कि प्रारम्भिक तौर पर प्रदेश में 69 प्रतिशत से अधिक मतदान की जानकारी दी। मतदान के अन्तिम आँकड़े देर तक मिलने की उम्मीद बताई जा रही है। हालाँकि कतिपय विधान सभा इलाक़ों में शाम तक भारी मतदान हो चुका था और छह बजे तक मतदान परिसर में प्रवेश कर लेने वाले मतदाता खबर लिखे जाने तक भी अपने मताधिकार की प्रतीक्षा में क़तारों में खड़े हुए थे। कुछ स्थानों पर छह बजे बाद भी मतदान जारी रहने को लेकर विवाद की खबरें भी है।

राजनीतिक पण्डितों का मानना है कि प्रदेश में मतदान का प्रतिशत इस बार 2018 में हुए चुनाव की तुलना में अधिक रहने की उम्मीद है। प्रायः यह माना जाता है कि जब मतदान का प्रतिशत पिछलें चुनाव के मुक़ाबले अप्रत्याक्षित रूप से बढ़ता है तो मौजूदा सरकार बदलती है। राजस्थान में भी यह ट्रेंड रहता आया है लेकिन इस बार प्रदेश में राज्य सरकार के विरूद्ध सत्ता विरोधी कोई लहर और जन आँधी नही दिखने से हर पाँच वर्ष में राज बदलने का रिवाज बदल भी सकता है अथवा दोनों प्रमुख दलों के बड़ी संख्या में बाग़ियों और निर्दलियों तथा अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों के खड़े होने के फलस्वरूप चुनाव परिणाम का पूरा परिदृश्य ही कोई दूसरा स्वरूप ले सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होंगा कि भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे