जो जिन्दा हों तो फिर जिन्दा नजर आना ज़रूरी है…

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जो जिन्दा हों तो फिर जिन्दा नजर आना ज़रूरी है…

कभी-कभी रुपहले परदे पर दिखने वाले दृश्य मन को मायूस कर देते हैं। दृश्य के पीछे का मकसद क्या है, यह जानने का को भी मन तैयार नहीं होता। तो कभी-कभी हकीकत के परदे पर दिख रहे दृश्य भी मन को कतई नहीं भाते‌ और उनके पीछे का इतिहास-भूगोल जानने की भी जिज्ञासा भी मन में नहीं होती। दिल यही कहता है कि दृश्य ठीक नहीं है। आईपीएस कैलाश मकवाना की छह महीने में ही डीजी लोकायुक्त पद से विदाई ऐसा ही एक दृश्य है, जो शायद ही किसी को रास आया हो। कमलनाथ सरकार में जब तत्कालीन डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला को हटाकर अध्यक्ष पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन पदस्थ किया गया था, वह दृश्य‌‌ भी किसी को भाया नहीं था। और अब शिवराज सरकार में लोकायुक्त संगठन में महज छह महीने पदस्थ रहे कैलाश मकवाना को भी हटाकर अध्यक्ष पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन पदस्थ किया गया है। दोनों अधिकारियों की छवि दबंग और ईमानदार पुलिस अफसर की है। दोनों अफसर अपने सख्त फैसलों के लिए जाने जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन्हें किसी पद बने रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता और जहां रहते हैं वहां पूरी तल्लीनता से काम करने में कोई कोताही नहीं बरतते।

भगवद गीता का श्लोक अध्याय दो का 47 वां श्लोक है कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि।जब अर्जुन रणभूमि पर अपने सगे सम्बन्धी को देखकर, युद्ध छोड़ देना चाहते है, तब भगवान उसे गीता का उपदेश देते है। भगवद्गीता का ये श्लोक तो सम्पूर्ण गीता का सार समान है। इसका अर्थ है कि तेरा कर्म करने में अधिकार है इनके फलों में नही। तू कर्म के फल के प्रति असक्त न हो या कर्म न करने के प्रति प्रेरित न हो। और यह लिखने में कोई कंजूसी नहीं कि कैलाश मकवाना की कार्यशैली गीता के इस श्लोक को चरितार्थ करती है। क्या आदेश हुआ है और क्यों किया गया है, इससे विमुख मकवाना अपने कर्म में रत रहे और कार्यवाही पर सीधी नजर भी रखे थे। जब सोशल मीडिया पर उनके ट्रांसफर की सूची वायरल हो रही थी, तब उनकी नजर ट्रैप कार्यवाही पर थी। लोकायुक्त रीवा की बड़ी कार्यवाही पर न केवल उनकी निगाह थी, बल्कि उनके निर्देशन में ही इस तरह की कार्यवाहियां अब आम बात हो गई थीं। ट्रेप दिनांक 2/12/2022 की खबर मेंं  आवेदक शेख करिमुल्ला उम्र 61 वर्ष पिता शेख सलामत पता ग्राम व पोस्ट चंदिया थाना व तहसील चंदिया जिला उमरिया की शिकायत पर आरोपी राजस्व निरीक्षक लालमणि प्रजापति  उम्र 54 शासकीय आवास तहसील कॉलोनी चंदिया जिला उमरिया को 60,000/- रुपए रिश्वत के साथ ट्रैप किया गया। मकवाना ट्रांसफर आदेश से जुदा अपने कर्म पर पूरी तरह से फिदा थे। यह दृश्य ही शायद मन को लुभाने वाला था। और गीता के उस श्लोक से मेल खा रहा था।

मकवाना की कर्तव्यनिष्ठा और उनके छह महीने में हटाए जाने पर उनकी बेटी श्रुति मकवाना का ट्वीट दिल जीतने वाला है। मप्र में  ईमानदार आईपीएस कैलाश मकवाना के ट्रांसफर पर बेटी का ट्वीट…’मुझे पापा पर गर्व है’ ने दिल जीत लिया।

मकवाना के ट्रांसफर पर उनकी बेटी श्रुति मकवाना ने ट्वीट में लिखा कि…
‘उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना जरूरी है, जो जिन्दा हों तो फिर जिन्दा नजर आना जरूरी है।’
उसके बाद लिखा कि “मुझे पापा पर गर्व है”। बेटी को पापा पर गर्व है तो पापा को भी बेटी पर उससे बहुत ज्यादा गर्व होगा।  लोकायुक्त संगठन में विशेष पुलिस स्थापना का महानिदेशक बनाए गए मकवाना ने लोकायुक्त पुलिस की कार्यशैली को बदलकर रख दिया था। और अब बारी पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन की है…हो सकता है कि वहां भी समय‌‌ कम ही मिले और मकवाना भी प्रदेश के होनहार अफसर के बतौर केंद्र में किसी विशेष पद को सुशोभित करने के हकदार बन जाएं। क्योंकि ऐसे अफसर जिन्दा होते भी हैं और जिन्दा नजर आते भी हैं। और उसूलों पे आंच आती है तो टकराते भी हैं।