छोटी काशी सीतामऊ में त्रिदिवसीय साहित्य महोत्सव होगा

लदूना तालाब स्थित सेवाकुंज से की विधिवत शुरुवात 

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छोटी काशी सीतामऊ में त्रिदिवसीय साहित्य महोत्सव होगा

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर । जिल के सीतामऊ में जनवरी अंत से तीन दिवसीय सीतामऊ साहित्य महोत्सव का आयोजन किया जारहा है। इस संबंध में मकर संक्रांति पर विधिवत शुरुवात की गई ।

प्राचीन लदूना तालाब स्थित सेवाकुंज परिसर से साहित्य महोत्सव के शुभंकर ” मटरू मगरमच्छ ”

का अनावरण का अनावरण किया गया ।

सूर्यास्त मौके पर 500 से अधिक आकाशदीपों को आकाश में उड़ाए गए। जिससे लदुना तालाब सेवाकुंज परिसर जगमगा उठा। वातावरण जगमगाते देख उपस्थित जनमानस में उत्साह की लहर दौड़ गई ।

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इस अवसर पर बताया गया कि सीतामऊ साहित्य महोत्सव में अपनी साहित्यिक विरासत को लेकर प्रसिद्ध “छोटी काशी “नगरी सीतामऊ अपनी वैभवशाली संस्कृति का गान करेगी। साहित्य, कला एवं दर्शन क्षेत्र से जुड़ी देश की जानी मानी हस्तियों की उपस्थिति में मुख्य आयोजन 30, 31 जनवरी व 1 फरवरी को सीतामऊ में होगा। जिसमें विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत देश की प्रमुख हस्तियां इसमें शामिल होंगी।

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आयोजन को यादगार और विशेष बनाने के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम में अलग-अलग दिन विभिन्न विधाओं से जुड़े रुचिकर मंचीय एवं अन्य कार्यक्रम भी किए जाएंगे।

मकर संक्रांति की शाम सीतामऊ में कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग, सुवासरा – सीतामऊ विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री हरदीपसिंह डंग, नगर परिषद अध्यक्ष महेंद्र शुक्ला स्थानीय जनप्रतिनिधि, एसडीएम श्रीमती शिवानी गर्ग, जिला अधिकारी विकासखंड स्तरीय अधिकारी, बड़ी संख्या में गणमान्य एवं आम जन मौजूद थे।

साहित्य आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए जिला कलेक्टर श्रीमती गर्ग ने बताया कि प्राचीन और ऐतिहासिक नगरी सीतामऊ साहित्य सम्मेलन के माध्यम से क्षेत्रवासियों को पुनः एक बार सीतामऊ की ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक समृद्धता का परिचय करवाया जाएगा। आम तौर पर बड़े शहरों में आयोजित होने वाले इस तरह के कार्यक्रम को पहली बार जिले के सीतामऊ नगर में किया जा रहा हैं। जिसको लेकर सामाजिक , सांस्कृतिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। इसकी शुरुआत मकर संक्रांति से की गई है ।

ऐतिहासिक क्षेत्र में हस्तलिखित जानकारियां, ताम्रपत्र जैसी बहुमूल्य ऐतिहासिक विरासत सीतामऊ क्षेत्र में उपलब्ध हैं। इसका अध्ययन एवं रिसर्च करने देशभर के विद्यार्थी यहां आते हैं ऐसी कई ऐतिहासिक, भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विशेषताएं सीतामऊ क्षेत्र में मौजूद हैं जिनका उल्लेख इस साहित्य महोत्सव में किया जाएगा। सीतामऊ नगर को इस आयोजन के दौरान आकर्षक रूप से साज-सज्जा की जा रही हैं।