लक्षद्वीप के थुंडी और कदामत समुद्र तटों को मिला प्रतिष्ठित ”ब्लू फ्लैग”
नई दिल्ली। संसाधनों के समग्र प्रबंधन के जरिये प्राचीन तटीय एवं समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों की रक्षा करने और उसका संरक्षण के लिए भारत की प्रतिबद्धता की एक अन्य स्वीकृति के तहत इस साल दो नए समुद्र तटों-लक्षद्वीप में थुंडी और कदामत समुद्र तटों को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त और प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय इको-लेबल ”ब्लू फ्लैग” प्रमाणन प्रदान किया गया है।
फाउंडेशन फॉर एनवायर्नमेंट एजुकेशन इन डेनमार्क (एफईई) वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल- ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान करता है। इससे पहले देश में 10 समुद्र तटों को अबतक ब्लू फ्लैग प्रमाण पत्र दिया गया था।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने एक ट्विटर संदेश में इसकी घोषणा करते हुए खुशी जताई और सभी को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में क्लीन एंड ग्रीन इंडिया की ओर भारत की यात्रा में एक अन्य पड़ाव है। मंत्री भूपेन्द्र यादव ने एक ट्विटर संदेश में लिखा कि थुंडी बीच लक्षद्वीप द्वीपसमूह में सबसे प्राचीन और सुरम्य समुद्र तटों में से एक है, जहां लैगून के फ़िरोज़ा नीले पानी से सफेद रेत की लाइन है, कदमत समुद्र तट विशेष रूप से क्रूज पर्यटकों के लिए लोकप्रिय है जो पानी के खेल के लिए द्वीप पर आते हैं।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत के तटीय क्षेत्रों के ”सतत विकास” के क्रम में एक अत्यधिक प्रशंसित एवं प्रमुख कार्यक्रम बीच एनवायर्नमेंट एंड एस्थेटिक्स मैनेजमेंट सर्विसेज (बीईएएमएस) शुरू किया है। यह भारत के तटीय क्षेत्रों के सतत विकास के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आईसीजेडएम दृष्टिकोण के तहत शुरू की गई एक पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य संसाधनों के समग्र प्रबंधन के जरिये प्राचीन तटीय एवं समुद्री पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण करना है।
इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त एवं प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय इको-लेबल ”ब्लू फ्लैग” प्रमाणन हासिल करना था। यह प्रमाणन अंतर्राष्ट्रीय जूरी द्वारा प्रदान किया जाता है जिसमें आईयूसीएन, यूनडब्ल्यूटीओ, यूएनईपी, यूनेस्को आदि सदस्यों को शामिल किया गया था। एफईई डेनमार्क हर समय 33 सख्त अनुपालन मानदंडों की नियमित निगरानी एवं निरीक्षण करता है। लहराता हुआ ”ब्लू फ्लैग” इन 33 सख्त मानदंडों और समुद्र तट के अच्छे स्वास्थ्य के लिए 100 प्रतिशत अनुपालन का संकेत है।
बीईएएमएस कार्यक्रम का उद्देश्य तटीय समुद्र में प्रदूषण को कम करना, समुद्र तटीय वस्तुओं के सतत विकास को बढ़ावा देना, तटीय पारिस्थितिक तंत्र एवं प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना और स्थानीय अधिकारियों एवं हितधारकों को समुद्र तट पर जाने वालों के लिए साफ-सफाई, स्वच्छता, एवं सुरक्षा के उच्च मानकों को तटीय पर्यावरण एवं विनियमों के अनुसार बनाए रखने के लिए सख्ती से निर्देशित करना है। पिछले वर्षों के दौरान हमारे मंत्रालय ने इन सभी समुद्र तटों के पर्यावरण प्रबंधन में सराहनीय परिणाम हासिल किए हैं।