भोपाल: मध्यप्रदेश में अनैतिक व्यापार पर रोक लगाने अब सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे मामलों में अपराधों के निपटारे के लिए डीएसपी के साथ टीआई और एसआई स्तर के अधिकारियों को भी विशेष पुलिस अधिकारी के रुप में तैनात किया जाएगा।
प्रदेश के गृह सचिव गौरव राजपूत ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है। प्रदेशभर में अब अनैतिक व्यापार पर रोक लगाने के लिए अभी तक डीएसपी स्तर के अधिकारियों को ही विशेष पुलिस अधिकारी तैनात किया जाता था। महिला देह व्यापार पर रोक लगाने के लिए ये अफसर काम करते थे। लेकिन प्रदेश में डीएसपी स्तर के अधिकारियों की कमी है इसलिए अब यह निर्णय लिया गया है कि अब प्रदेश के सभी टीआई और जहां थाने नहीं है वहां एसआई भी अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत विशेष अधिकारी बनाए जाएंगे और ये इन तरह के मामलों में कार्यवाही करेंगे। विशेष पुलिस अधिकारी से कनिष्ठ श्रेणी के अधिकारियों को भी इस अधिनियम के तहत इन अधिकारियों की सहायता के लिए अधिकार दे दिए है। इससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में देह व्यापार के प्रकरणों में इससे जुड़ी महिलाओं और अन्य लोगों पर सख्ती से कार्यवाही की जा सकेगी।
जबरिया अनैतिक काम के लिए बाध्यता पर उम्र कैद-
यदि किसी व्यक्ति को किसी के साथ जो उसका पति या पत्नी नहीं है गलत काम करने के लिए वेश्यागृह में में या किसी स्थान पर रोका जाता है तो तो ऐसे करने वाले व्यक्ति को सात साल से दस साल तक कैद या उम्र कैद तक की सजा से दंडित किया जा सकता है। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जा सकता है। किसी को बहला-फुसला कर वेश्यावृत्ति के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति को तीन साल से सात साल के कठोर कारावास और दो हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि व्यक्ति की सहमति के विरुद्ध यह काम किया जाता है तो दोषी व्यक्ति को सात से चौदह साल तक की जेल और बच्चे के विरुद्ध ऐसा अपराध करने पर सात साल से उम्र कैद तक की सजा दी जा सकती है।