इंदौर वन मंडल में बाघ गणना शुरू: पहले दिन मिले 20 संकेत – 2022 की तुलना में दोगुनी गतिविधि

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इंदौर वन मंडल में बाघ गणना शुरू: पहले दिन मिले 20 संकेत – 2022 की तुलना में दोगुनी गतिविधि

INDORE : अखिल भारतीय बाघ अनुमान (All India Tiger Estimation 2026 AITE 2026) के अंतर्गत बाघों की राष्ट्रीय गणना 18 दिसंबर 2025 से इंदौर वन मंडल में शुरू हो गई है। पहले दिन ही फील्ड सर्वे टीमों ने कुल 20 बाघ संकेत दर्ज किए हैं, जो संकेत बताते हैं कि जंगलों में बाघों की गतिविधि पिछले सर्वेक्षण की तुलना में अधिक व्यापक है। यह संकेत 2022 के सर्वे के मुकाबले लगभग दोगुना दर्ज किए गए प्रमाणों के रूप में सामने आए हैं, जिससे यह आशंका कम बल्कि उम्मीद अधिक उज्जवल दिख रही है कि इस बार बाघों की संख्या बेहतर हो सकती है।

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▫️वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चोरल रेंज में 33 बियों में 18 संकेत सबसे अधिक मिले हैं, जबकि महो और इंदौर रेंज में क्रमशः 2 और 1 संकेत दर्ज किए गए हैं। इन संकेतों में पगमार्क, बाघों के निशान, झाड़ियों एवं मिट्टी पर बने विशेष पैटर्न और अन्य भौतिक सुराग शामिल हैं, जो यह दर्शाते हैं कि वन क्षेत्र में बाघों का नियमित आवागमन जारी है।

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▪️AITE 2026 का उद्देश्य और प्रक्रिया

▫️AITE 2026 मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में 18 से 24 दिसंबर तक चलेगा। यह सर्वे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) और वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (WII) द्वारा संचालित किया जाता है और इसका लक्ष्य बाघों की आबादी, शिकार (prey) घनत्व तथा वनों के स्वास्थ्य का वैज्ञानिक आकलन प्रस्तुत करना है। इसमें कैमरा ट्रैपिंग, जैविक साक्ष्य जैसे पगमार्क, scat तथा प्राकृतिक रहवास स्थानों की पहचान और आंकड़ों का विश्लेषण शामिल है।

▫️मध्य प्रदेश 2022 की गणना में 785 बाघों के साथ देश का शीर्ष “टाइगर स्टेट” रहा है। यह संख्या 2018 के 526 से बढ़कर 785 हो गई थी, जिसमें 237 से अधिक बाघ संरक्षित क्षेत्रों के बाहर पाए गए थे, जो बाघ संरक्षण प्रयासों और वन संरक्षण की व्यापकता को दर्शाता है।

▪️तकनीकी तैयारी और जंगल तैयार

▫️इंदौर वन मंडल के लगभग 700 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सर्वे की तैयारी के तहत लगभग 200 वर्ग किलोमीटर को वैज्ञानिक ग्रिड में विभाजित किया गया है। हर दो वर्ग किलोमीटर के ग्रिड में कैमरा ट्रैप्स लगाए जा रहे हैं ताकि बाघों के अलग-अलग पहचान चिन्हों के आधार पर सटीक गणना की जा सके। इस प्रक्रिया को वन्यजीव संरक्षण ट्रस्ट जैसी संस्थाओं के सहयोग से आधुनिक तकनीक और मोबाइल आधारित एप्लिकेशन के माध्यम से और भी अधिक सुदृढ़ बनाया जा रहा है।

▫️वन विभाग का कहना है कि जंगलों में बाघों की गतिविधि और संकेतों की संख्या में वृद्धि, पिछली सर्वेक्षण की तुलना में बेहतर गुणवत्ता का संकेत हो सकती है। पहले दिन मिले 20 संकेत वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि इससे यह पता चलता है कि बाघ भूभाग का उपयोग नियमित रूप से कर रहे हैं, न केवल संयोगवश।

▪️पिछले सर्वे की तुलना

▫️2022 के सर्वे में मध्य प्रदेश राज्य में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई थी, जो राष्ट्रीय बाघ संरक्षण रणनीति की सफलता को दर्शाती है। इस बार के आंकड़े जुलाई 2026 तक तैयार होने वाले राष्ट्रीय रिपोर्ट में सम्मिलित किए जाएंगे, जो नीति निर्धारण, संरक्षण योजनाओं और सतत् वन्यजीव प्रबंधन के लिए मार्गदर्शक होंगे।