
Tiger Hunter Arrested : तीन बाघों का शिकार करने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार, एमटी-1 टाइगर की तलाश पर ब्रेक!
225 हड्डियां जब्त, गिरोह का पर्दाफाश, पूछताछ में 3 बाघों के शिकार की पुष्टि!
Shivpuri : बाघों का शिकार करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का वन मंडल की एसटीएफ टीम ने पर्दाफाश किया। यह शिकारी वन्य जीवों को मारकर उनके अंगों की तस्करी से जुड़े हैं। माधव टाइगर रिजर्व से बाघ एमटी-1 अभी भी लापता है। इसे लेकर अब एसटीएफ पूरी तरह से यह मान चुकी है कि उसका शिकार हाे चुका है। गिरोह के मास्टरमाइंड सौंजीराम मोंगिया को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। पूछताछ के लिए उसका रिमांड मांगा गया।
पूछताछ में आरोपी ने न केवल एमटी-1 के शिकार की बात स्वीकार की, बल्कि बताया कि गिरोह अब तक तीन बाघों का शिकार कर चुका है। एसटीएफ की टीम ने टाइगर के शिकार के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया और एसटीएफ द्वारा सबूत नहीं देने की बात को लेकर टाइगर रिजर्व के अधिकारी अभी भी लापता बाघ की तलाश में जुटे हैं। शिकारियों ने 3 बाघों का शिकार करना स्वीकार किया है।

गिरफ्तार 7 शिकारियों में से 4 राजस्थान के रहने वाले हैं। सामान्य वन मंडल की एसटीएफ ने 4 जून 2025 को माधौपुर-श्योपुर-कराहल मार्ग पर घेराबंदी कर अलग-अलग स्थानों से 3 शिकारियों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से लगभग 225 नग वन्य जीवों की हड्डियां जब्त कर वन अपराध के तहत मामला दर्ज किया गया। इन तीनों शिकारियों को एसटीएफ की टीम ने शिवपुरी न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिए इनका रिमांड लिया था। रिमांड के दौरान इन शिकारियों ने अपने गिरोह में 3 अन्य सदस्यों का होना स्वीकार किया था।
गिरोह में शामिल 7 आरोपियों में से 4 राजस्थान के दौसा और टोंक जिलों से हैं। जबकि, अन्य आरोपी शिवपुरी और श्योपुर से हैं। साजिश भीमपुर टुकी में रची गई और यहीं से शिकार की योजना बनाई गई।
हालांकि, माधव टाइगर रिजर्व के अधिकारी अब भी एमटी-1 की तलाश में जुटे हैं और उन्होंने दावा किया है कि एसटीएफ ने अभी तक कोई पुख्ता सबूत उन्हें नहीं सौंपा है। परियोजना निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा कि पुष्टि तभी होगी जब एसटीएफ औपचारिक तौर पर सबूत साझा करेगी। इस गिरोह में और भी कई लोग शामिल बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है। इस खुलासे ने वन्यजीव सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।





