झाबुआ से श्याम त्रिवेदी की रिपोर्ट
झाबुआ: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने झाबुआ जिले के मुर्गी पालक को ऑनलाईन कडकनाथ नस्ल के 2000 चूजे का आर्डर दिया था। धोनी के आर्डर को पूरा करने के लिए शुक्रवार को विनोद मेडा रांची के लिए निकल चुके है।
कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने चूजे से भरे वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री मेडा दो दिन मे धोनी के रांची स्थित फार्म हाउस (ईजा) पर पहुंच जाएंगे।
जिला मुख्यालय से 62 किमी दूर थांदला तहसील के ग्राम रूंडीपाडा निवासी विनोद मेडा फार्म हाउस चलाते है। यहां वे कडकनाथ नस्ल के चूजो का पालन करते है। मोबाईल एप के माध्यम से धोनी के मैनेजर ने उन्हे एक साल पहले 2000 हजार चूजों का आर्डर दिया था। लेकिन बर्ड फलु के कारण यह आर्डर पूरा नहीं कर सके थे। श्री मेडा ने बताया कि डेढ माह पूर्व श्री धोनी के मेनेजर ने उनसे संपर्क करते हुए कहा था कि, फार्म हाउस तैयार हो गया है। चूजो की डिलीवरी करवा दें। इसके बाद श्री मेडा पीकअप वाहन मे 2000 चूजों के साथ रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि सारे चूजे वेक्सीनेटेड है।
श्री मेडा अपने साथ तीर कमान ले जा रहे है, श्री धोनी को झाबुआ की आदिवासी संस्कृति की पहचान, प्रतिक स्वरूप तीर-कमान भेंट करेंगे। इस आर्डर को लेकर विनोद बहुत उत्साहित है। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने पीकअप वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री मेडा ने बताया कि रविवार की मध्यरात्री को वे रांची स्थित धोनी के फार्म हाडस (ईजा) पहुंच जाएंगे।
भारतीय क्रिकेट टीम पूर्व क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी झाबुआ के कडकनाथ मुर्गो का पालन कर रहे है।
मध्यप्रदेश के झाबुआ ओर छत्तीसगढ ने कडकनाथ प्रजाति के मुर्गो पर अपना हक जताया था। यह लडाई कोर्ट तक पहुंची थी। 2018 मे छत्तीसगढ के साथ कानूनी लडाई जीतने के बाद झाबुआ ने इसके लिए जीआई टैग हासिल किया था। 2018 मे मप्र सरकार के तत्कालीन सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने भोपाल मे कडकनाथ ऐप की लाॅन्चिंग की थी। यह ऐप एन्ड्राइड प्लेटफाॅर्म पर उपलब्घ है। इस ऐप की मदद से देश भर मे कही भी कडकनाथ मुर्गा मंगाया जा सकता है।
कडकनाथ मुर्गा अपने विशिष्ट रंग ओर औषधीय गुण के कारण देश विदेश मे जाना पहचाना जाता है। इसका रंग काला होता है, यहां तक कि इसकी कलंगी ,मांस,, खून ओर पैर भी काले होते है। इसके मांस मे फैट कम होने से यह हार्ट और डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। कडकनाथ मे 25-27 फीसदी प्रोटीन होता है। आम चिकन मे यह 18 से 20 फीसदी होता है।
ऐसे होता है चूजे की किमत का निर्धारण
कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के सीनियर साईंटीस एंड हैड (वरिष्ट वैज्ञानिक एवं प्रमुख) श्री आईएस तोमर ने बताया कि चूजे के जन्म के बाद अलग अलग दिनों के अनुसार इसकी किमत होती है। एक दिन, सात दिन, ओर पन्द्रह के अलग अलग रेट होत है। 1 दिन के चूजे की किमत 75 रूपये, 7 दिन के चूजे की किमत 80 रूपये ओर 15 दिन के चूजे की किमत 90 रूपये होती है। यदि कोई ज्यादा दिन का चूजा मांगता है तो 28 दिन का चूजा 120 रूपये मे देते है।
ऐसे देते है ऐप पर आर्डर व पेमेंट
झाबुआ के मुख्य-मुख्य लोग इस ऐप से जुडे हुए है। वो लोग जो इसे एफोर्ड करते है, उनसे इनकी बात हो जाती है। ओर वो ऐप के माध्यम से आर्डर देकर पेमेंट कर देते है। फार्म हाउस वाले आर्डर के अनुसार सप्लाय कर देते है।
कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने चर्चा मे कहा कि महेन्द्र सिंह धोनी जैसी बडी शख्सियत ने भी यहां के जीआय टेग को देखते हुए कडकनाथ पालन मे रूची दिखाई है, इसका हम स्वागत करते है। हमने यह सुविधा ऑनलाईन कर दी है। जिसको चाहिए वो ऑनलाईन आर्डर दे सकता है। इससे हमारे आदिवासी अंचल मे आदिवासी भाई-बहन है, उनको रोजगार मे आय बढाने मे मदद मिलेगी।