भोपाल: सभी 65 हजार बूथों को डिजिटल बनाने के अभियान के बाद भाजपा अब पार्टी के आजीवन सहयोग निधि (समर्पण निधि) कार्यक्रम में जुटेगी। पार्टी ने सभी जिलों से सौ करोड़ रुपए आजीवन सहयोग निधि के तौर पर जुटाने का टारगेट कुशाभाऊ ठाकरे शताब्दी वर्ष में किया है, जिसकी शुरुआत 11 फरवरी से होने वाली है। इस निधि के संचय के लिए जिला अध्यक्षों को टारगेट की सूचना भेज दी गई है और जिलों में टीम भेजकर इसको लेकर अलग से चर्चा कराई जा रही है।
भाजपा हर साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि 11 फरवरी से आजीवन सहयोग निधि संचय का अभियान चलाती है। इसकी शुरुआत अगले शुक्रवार को होगी। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों समर्पण निधि (आजीवन सहयोग निधि) कोर ग्रुप की बैठक हुई है। पांच लोगों का कोर ग्रुप बना है जिसमें समर्पण निधि अभियान के अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, चेतन्य कश्यप और समर्पण निधि अभियान के कोषाध्यक्ष समेत अन्य नेता शामिल हैं। इसमें तय हुआ है कि समर्पण निधि कार्यक्रम के लिए बनाई गई 25 नेताओं वाली समिति के सभी पदाधिकारियों, सदस्यों को आवंटित दो से तीन आठ फरवरी तक कर लेना है।
इसा दौरे के दौरान प्रदेश स्तर पर तय किए गए समर्पण निधि राशि के आधार पर जिला स्तर पर चर्चा कर लें कि वास्तव में जो राशि आजीवन सहयोग निधि (समर्पण निधि) के रूप में तय की गई है, उतनी राशि एकत्र हो पाएगी या नहीं, इसके आधार पर फिर 11 फरवरी के पूर्व भोपाल में एक और बैठक होगी और समिति सदस्यों के सुझाव के आधार पर जिन जिलों में अधिक या कम राशि संग्रहण की रिपोर्ट होगी, उसे अपडेट कर पंडित दीनदयाल की पुण्यतिथि से निधि संग्रहण का काम शुरू किया जाएगा।
विस्तारक अभियान की समीक्षा
17 दिन से चलाए जा रहे बूथ विस्तारक अभियान की समीक्षा प्रदेश भाजपा आज करेगी। इसको लेकर प्रदेश कार्यालय में रविवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत समेत पार्टी के शीर्ष नेता दिन भर अलग-अलग बैठकों में समीक्षा करेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश भी शामिल हो सकते हैं। इस पूरे अभियान की खास बात यह रही है कि पूरे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री समेत केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय पदाधिकारी, प्रदेश के मंत्री, प्रदेश के पदाधिकारी सभी बड़े नेताओं ने इसमें भागीदारी की है और बूथों पर जाकर संवाद किया है।