To Waive Interest Of 11Lakh Farmers Government Will Spend 3000 Crores: चुनावी साल में किसानों को ज्यादा फायदा देने बन रहा फार्मूला
भोपाल:जय किसान कर्जमाफी योजना शुरु कर कांग्रेस सरकार तो सभी पात्र किसानों का कर्ज माफ नहीं कर पाई। ऐसे 4 लाख 41 हजार 840 किसान योजना का लाभ नहीं मिल पाने से डिफाल्टर हो गए। अब प्रदेश की भाजपा सरकार पिछली सरकार की इस कमजोरी पर चुनावी दाव खेलने की तैयारी में है। योजना के कारण डिफाल्टर हुए किसानों के साथ फसल ऋण जमा नहीं कर पाए सभी तरह के डिफाल्टर किसानों को बढ़ते ब्याज के बोझ से मुक्त कर डिफाल्टर की श्रेणी से बाहर निकालने के लिए सरकार ने ब्याजमाफी के लिए अब तीन गुना याने 11 लाख से अधिक किसानों को चिन्हित किया है। इनमे लिए राज्य सरकार कृषक ब्याज सहायता योजना लाने की तैयारी में है। इसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा संभवत: मई में सरकार इसकी घोषणा करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ताजपोशी के साथ ही सबसे पहली घोषणा दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। पचास हजार तक के कर्ज बकायादारों का तो कर्ज माफ भी हो गया लेकिन बजट की कमी के कारण उसके उपर की श्रेणी के चुनिंदा किसानों को योजना का लाभ मिल पाया। शेष किसान योजना के अमलीजामा पहनने की राह देखते रह गए और ब्याज तथा मूलधन नहीं चुकाने के कारण वे डिफाल्टर हो गए। कांग्रेस सरकार के जाने तक 4 लाख 41 हजार 840 किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया और वे डिफाल्टर हो गए। इसमें सर्वाधिक 32 हजार 594 डिफाल्टर छतरपुर जिले में है और दूसरे स्थान पर मंदसौर में 26 हजार 431, दमोह में 20 हजार 871 किसान डिफाल्टर है। दस हजार से अधिक डिफाल्टर वाले किसानों में विदिशा, बैतूल,रायसेन,सीहोर,गुना, शिवपुरी,रतलाम,खंडवा,रीवा, टीकमगढ़, पन्ना, सागर, सिवनी, बालाघाट और जबलपुर के किसान शामिल है।
बन रहा फार्मूला-
सहकारिता विभाग, अपेक्स बैंक और वित्त विभाग मिलकर ब्याजमाफी का फार्मूला तय कर रहे है। कुल 11 लाख किसान इसके दायरे में आ रहे है। तय यह करना बाकी है कि दो लाख रुपए तक के मूलधन वाले किसानों को लेना है या दो लाख रुपए तक ब्याज और मूलधन को मिलाकर इस दायरे में रखना है या शून्य प्रतिशत ब्याज दर की अधिकतम सीमा तीन लाख रुपए तक का कर्ज लेने वाले किसानों का ब्याज माफ किया जाना है। फार्मूले पर मुहर लगते ही योजना को कैबिनेट मे रखा जाएगा और मंजूरी मिलते ही लागू किया जाएगा। अगले महीने सरकार यह योजना लागू कर देगी।
हर किसान को खाद-बीज की पात्रता देने की तैयारी-
अभी तक जो किसान डिफाल्टर रहते है उन्हें सहकारी समितियों से खाद, बीज नहीं दिया जाता है। अब यह तैयारी भी है कि प्रदेश के हर किसान को सहकारी समितियों से खाद, बीज मिलता रहे चाहे वह डिफाल्टर हो या नहीं हो। इस पर भी मंथन हो रहा है।
तीन लाख तक बिना ब्याज के कर्ज देती है सरकार-
अपैक्स बैंक, जिला सहकारी बैंक प्रदेश के किसानों को फसल के हिसाब से प्रति हेक्टेयर पचास हजार से सवाल लाख रुपए तक कर्ज बिना ब्याज के देती है। कर्ज की अधिकतम सीमा तीन लाख रुपए है। इससे अधिक राशि का कर्ज बिना ब्याज के नहीं मिल पाता है। इसमें छोटे, बड़े सभी किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज लेने की पात्रता है।