आज 75 साल के नेतन्याहू का दिन है…

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आज 75 साल के नेतन्याहू का दिन है…

दुनिया में इस समय अगर सबसे चर्चित किसी नेता का नाम है, तो वह हैं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू। उनका उद्देश्य है आतंकियों का सफाया करना। और अपनी मुहिम में वह पूरी इच्छाशक्ति के साथ डंटे हैं। एक साल के युद्ध के बाद उन्होंने अपने विरोधी आतंकवादी संगठन को चारों खाने चित्त कर दिया है। और अब जो हुआ है, उसके बाद ईरान, लेबनान, फिलिस्तीन की मानो खैर नहीं है। यह सब 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमले और 1200 इजरायली नागरिकों की मौत के बाद नेतन्याहू का आतंकवादियों का खात्मा करने का संकल्प मंजिल तक पहुंचने तक लगातार तेज होता जा रहा है।

और अब यह युद्ध रुकने वाला नहीं है। वजह है लेबनान द्वारा इजरायल में प्रधानमंत्री आवास और ऑफिस को ड्रोन से निशाना बनाए जाना। इसके बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह और ईरान को खुली चुनौती दी है। इजरायली सेना ने बताया कि लेबनान से एक ड्रोन इजरायल में घुसा था। नेतन्याहू ने कहा कि ईरान और हिज्बुल्ला ने बड़ी गलती की है और अब उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने दावा किया है कि ईरान समर्थित समूहों ने उनकी और उनकी पत्नी की हत्या की कोशिश की थी।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक्स पर लिखा, ‘ईरान के प्रतिनिधि हिजबुल्लाह द्वारा आज मेरी और मेरी पत्नी की हत्या करने का प्रयास एक गंभीर गलती थी। यह मुझे या इजरायल को हमारे भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हमारे दुश्मनों के खिलाफ न्यायपूर्ण युद्ध जारी रखने से नहीं रोकेगा।’

बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ‘मैं ईरान और उसके दुष्ट सहयोगियों से कहता हूं, जो कोई भी इजरायल के नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम आतंकवादियों और उन्हें भेजने वालों का सफाया करना जारी रखेंगे। हम गाजा से अपने बंधकों को वापस लाएंगे। और हम अपने नागरिकों को सुरक्षित रूप से उनके घरों तक पहुंचाएंगे, जो हमारी उत्तरी सीमा पर रहते हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि इजराइल अपने सभी युद्ध उद्देश्यों को प्राप्त करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारे क्षेत्र में सुरक्षा वास्तविकता को बदलने के लिए दृढ़ संकल्पित है। हम साथ मिलकर लड़ेंगे और भगवान की मदद से हम साथ मिलकर जीतेंगे।

आज हम बेंजामिन नेतन्याहू की चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 21 अक्टूबर 2024 को वह 75 साल के हो रहे हैं। और आतंकियों के खिलाफ उनके तेवर हम सभी को उनके प्रति आदर और सम्मान से भर रहे हैं। आखिर दुष्टों का दुस्साहस कब तक सज्जनों को परेशान करेगा। अरब का यह युद्ध और नेतन्याहू का यह धर्म युद्ध सदियों तक याद किया जाता रहेगा। 75 साल का यह शेर 75 साल और जिये, सब सज्जनों के मन में यह भाव आ रहा होगा।जुग-जुग जियो लाल…बेंजामिन। थोड़ा सा बेंजामिन के बारे में जान लेते हैं।बेंजामिन नेतन्याहू (जन्म 21 अक्टूबर 1949) एक इजराइली नेता हैं, जो 2022 से इजराइल के प्रधानमंत्री के रूप में हैं, इससे पहले वे 1996-1999 और 2009-2021 में भी इस पद पर रह चुके हैं। तेल अवीव में धर्मनिरपेक्ष यहूदी माता-पिता के घर इनका जन्म हुआ और वे 1948 में इज़राइल राज्य की स्थापना के बाद पैदा हुए पहले इज़राइली प्रधानमंत्री हैं। वे लिकुड पार्टी के अध्यक्ष हैं । नेतन्याहू इजराइल के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री हैं, कुल 17 साल से अधिक समय से पद पर हैं। नेतन्याहू का जन्म 1949 में तेल अवीव में हुआ था । जब नेतन्याहू के पिता अनिवार्य फिलिस्तीन में आकर बस गए , तो उन्होंने अपना उपनाम “मिलिकोव्स्की” से बदलकर “नेतन्याहू” कर लिया, जिसका अर्थ है “भगवान ने दिया है।”

ताजा मामला हमास चीफ सिनवार की मौत का है। ईरान का कहना है कि सिनवार की मौत के बाद भी जिंदा रहेगा हमास। इजराइली हमले में हमास चीफ याह्या सिनवार की मौत के बाद पहली बार ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई का यह बयान आया है। वहीं बेंजामिन ने अब ईरान और लेबनान को निर्णायक सबक सिखाने का ऐलान कर दिया है। आतंक को सबक सिखाने के लिए दुनिया नेतन्याहू के साथ है। नेतन्याहू के जन्मदिन पर लंबी उम्र की कामना की शुभकामना तो दी ही जा सकती है। वास्तव में आज का दिन नेतन्याहू का ही है…।