हर वर्ग,आयु की टिकाऊ, उपयोगी सामग्री हस्तशिल्प मेले का आज अंतिम दिन

मेले में आने वाले शिल्पकार ज्यादातर सरकार के मापदंड पर खरे उतरने वाले होते हैं

484

हर वर्ग,आयु की टिकाऊ, उपयोगी सामग्री हस्तशिल्प मेले का आज अंतिम दिन

रतलाम: संत रविदास मप्र हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम ने नगर की शिल्प को जानने-समझने-परखने का सामर्थ्य रखने वाले जानकारों के सामने प्रदेश के सबसे अच्छे शिल्पकार और उनकी कला का प्रदर्शन और विक्रय रोटरी क्लब हॉल अजंता टॉकीज रोड में करने का अवसर उपलब्ध कराया।

एक साथ,एक ही समय में,एक स्थान पर शरीर,स्वास्थ्य,सौंदर्य, परिधान,सजावट,श्रृंगार की कलात्मक सामग्री का ऐसा खजाना उपलब्ध कराया जो बाजार में देखना तो ठीक सुनने को भी नहीं मिलता हैं।
पिछले दिनों जिस मेले में यह सब देखा और खरीदा उसका आज अंतिम दिन हैं।

WhatsApp Image 2022 12 03 at 11.25.59 PM 1

मेला आयोजक दिलीप सोनी ने बताया कि प्रदेश के शिल्पी सरकार से पुरस्कार और सम्मान पाते हैं।कारण केवल इतना होता है कि उनके उत्पाद घर की सुख, शांति और समृद्धि बढाते हैं। रोटरी क्लब हॉल अजंता टॉकीज रोड में यह सभी सामग्री बेमिसाल तौर पर आम लोगों तक पहुंची है। यवुतियों,महिलाओं के श्रृंगार के लिए सिर से लेकर नाखून तक मिलने वाली सामग्री बाजार में भी हैं,लेकिन वहां के उत्पाद हस्तशिल्प के सामने नहीं टिकते हैं।हस्तशिल्प मेले में जो साडिया आई है वे अनूठी है।यानि बाजार में यह साडिया नहीं मिलती हैं। जूते बाजार में भी मिलते हैं, लेकिन उसमे लेदर लगा या रेग्जिन यह पहचानने का जिम्मा ग्राहक का होता हैं,लेकिन मप्र शासन के इस मेले में इस प्रकार की कई सामग्री हैं,जिसे पहचाने के लिए ग्राहक को ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत नहीं होती है।

WhatsApp Image 2022 12 03 at 11.25.56 PM

यही कारण हे कि हस्तशिल्प मेले के उत्पाद किसी भी स्तर तक जाकर अपनी गुणवत्ता बनाए रखते हैं और विश्वास के लायक होते हैं। बेडशीट,मलबरी सिल्क, सलील कॉटन,महेश्वरी साडी,बाग की साडिया,सूट, रेडिमेट कुर्ते, खंडवा का सिल्क कॉटन,प्रिंटेड सूट,मंदसौर की मीनाकारी,इंदौर का सिरेमिक आर्ट,ग्वालियर की सिक्का ज्वैलरी,दुधि की लकडी के खिलौने,ग्वालियर का ग्लास वर्क,चूडिया,उज्जैन की लाख ज्वैलरी,मांडना,खजूर शिल्प, देवास का लेदर बेग्स जैसे कई आयटम कहीं बाजार में नहीं मिलते हैं।

WhatsApp Image 2022 12 03 at 11.25.59 PM

शिल्पकारी को जानने वालों की अच्छी बात यह है कि मेले में पहुंचकर शिल्पकार को प्रोत्साहित किया हैं।हर सामग्री की अपनी अनूठी विशेषता हे जो सौंदर्य के साथ स्वास्थ्य से जुडी हैं।कला परम्परागत होने के बाद भी आधुनिक परिवेश में उसको ढाला गया है।तकनीक और कम्प्यूटर के युग में उन सभी बातों का ख्याल रखा गया है जो किसी भी आवश्यकता की पूर्ति करने के साथ ही कलाप्रेमी की पसंद की पूर्ति करती है।मेले में आने वाले शिल्पकार ज्यादातर सरकार के मापदंड पर खरे उतरने वाले होते हैं,और उनके उत्पाद मेले में आने वाले लोगों की निगाहों में खरे होते हैं।हस्तशिल्प मेला उद्यमिता और कला के प्रति रूचि रखने वाले लोगों के लिए भी एक सीखने-सिखाने और दिखाने का स्थान रहा हैं।इसी बात को ध्यान में रखते हुए कॉलेज के विद्यार्थियों ने कला की जानकारी ली और मेले के उत्पादों को अपने घर में स्थान दिया।
मेले का आज अंतिम दिन हैं जो सुबह 11 से रात्रि 9 बजे आम लोगों के लिए आज भी खुला हैं।मेले का रविवार को अंतिम दिन हैं और फिर शिल्पकार रतलाम से विदाई लेंगे।