आज की बात: AC के फायदे और नुकसान: वैज्ञानिक विश्लेषण   

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आज की बात: AC के फायदे और नुकसान: वैज्ञानिक विश्लेषण 

अशोक बरोनिया

मैं रोजाना जिम भी जाता हूँ। जिम में एक युवा साथी को 20 दिन के अंदर दूसरी बार वायरल फीवर आया। मैंने उससे पूछा कि खाना-पीना तो गड़बड़ नहीं हुआ। तब उसने बताया कि खाना-पीना ठीक है। लेकिन आफिस में एसी में बैठना पड़ता है। मैंने सुझाव दिया कि एसी से थोड़ा दूर बैठा करो या एसी 25 डिग्री सेल्सियस पर चलाया करो। तब उसने बताया कि यह संभव नहीं है। मैं टीम का हिस्सा हूँ और अपनी टीम के साथ ही बैठना जरूरी है। यह युवा जो शासकीय कार्यालय में काम करता है, रोजाना जिम में एक घंटे से अधिक समय भी देता है। लेकिन संभवतः केवल एसी के कारण वह दो बार लगातार बीमार पड़ा। इसी तरह की शिकायतें अनेक लोगों से सुनता रहा हूँ कि गर्मी बहुत पड़ रही है। एसी का उपयोग करना ही पड़ता है और फिर सर्दी-जुकाम आदि किसी न किसी बीमारी का सामना करना पड़ता है। शायद इस सबसे बचने का मेरा अपना तरीका अच्छा है। इसलिए यह आलेख लिख रहा हूँ।

मैं हरेक गर्मियों में रोजाना 25 डिग्री सेल्सियस पर एसी चलाकर ही सोता हूँ। करीब दो घंटे बाद एसी बंद कर देता हूँ लेकिन सीलिंग फैन रातभर धीमी गति से चलाता हूँ। ऐसा करने से ईश्वरीय कृपा से मुझे कभी सर्दी जुकाम भी नहीं होता है। जबकि दिन में कभी-कभी भरी धूप में बाहर भी जाता रहता हूँ।

हमारे जानने वाले ज्यादातर लोग अपने AC को 20-22 डिग्री सेल्सियस पर चलाते हैं और जब उन्हें ठंड लगती है, तो वे अपने शरीर को कंबल से ढक लेते हैं।

इससे दोहरा नुकसान होता है। दरअसल हमारे शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है और हमारा शरीर 23 डिग्री से लेकर 39 डिग्री तक का तापमान आसानी से सहन कर लेता है। इस प्रक्रिया को मानव शरीर का तापमान सहिष्णुता (Temperature tolerance) भी कहा जाता है। एक सीमा से अधिक या कम तापमान शरीर सह नहीं पाता है।

जब कमरे का तापमान कम या अधिक होता है तो छींकने, कंपकंपी आदि से शरीर प्रतिक्रिया करने लगता है। जब हम एसी को 19, 20 या 21 डिग्री पर चलाते हैं तो कमरे का तापमान सामान्य शरीर के तापमान से बहुत कम हो जाता है और यह शरीर में हाइपोथर्मिया (Hypothermia) नामक प्रक्रिया शुरू करता है, जो रक्त परिसंचरण को प्रभावित करता है। इससे शरीर के कुछ हिस्सों में रक्त की आपूर्ति प्रर्याप्त नहीं हो पाती है। इससे लंबी अवधि में कई नुकसान जैसे गठिया आदि कई रोग हो जाते हैं। इसलिए शरीर का तापमान बाहरी तापमान से बहुत कम नहीं होने देना चाहिए। इसीलिए ठंड के मौसम में पर्याप्त गर्म कपड़े पहनना चाहिए ताकि ठंड का शरीर पर विपरीत असर न हो पाए।

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AC चलाने पर पसीना नहीं आता है, इसलिए शरीर के जहरीले तत्व टॉक्सिन्स (Toxins) बाहर नहीं निकल पाते हैं और लंबे समय में कई और बीमारियों का खतरा पैदा करते हैं, जैसे त्वचा की एलर्जी या खुजली, उच्च रक्तचाप, BP आंतों को नुकसान पहुंचना आदि।

मैं एसी तो 25 डिग्री सेल्सियस पर चलाता ही हूँ । साथ ही पूरे वर्ष हल्के गुनगुने पानी से ही स्नान करता हूँ।

इस तरह 25 डिग्री पर एसी चलाने, गुनगुने पानी से नहाने, रोजाना 13 से 17 हजार कदम पैदल चलने तथा जिम में हल्का-फुल्का व्यायाम करने से ईश्वरीय कृपा से अभी तक मैं बीमार कम ही पड़ा हूँ।