Today’s thought: सम्बंध क्या है?
सम्बंध का अर्थ है कि जो समान रूप से किन्ही दो व्यक्तियों के मन को प्रत्येक परिस्थिति में हर समय बाँध कर रख सके। और संबंध दो व्यक्तियों की आपसी भावनाओं के मेल पर ही निर्भर होती है!
कभी हमारे सम्बंध किसी से बहुत अच्छे होते हैं, और किसी से अच्छे नहीं होते हैं। कभी सालों साल के खूबसूरत गहरे सम्बंध भी मिनटों में टूट जाते हैं,यहां तक कि बोल चाल बन्द हो जाती है। बचपन से बड़े होने तक, एक साथ रहते हुये, खेलते हुये भाइयों के बड़े होने पर आपस के प्यार भरे सम्बंध भी केवल टूट ही नहीं जाते बल्कि दुश्मनी मे बदल जाते हैं?
किसी से हमारे सम्बन्ध तभी अच्छे बने रह सकते हैं, जब वह रूप, धन, संपत्ति, ईष्या, अहंकार, और लालच से मुक्त हो, और उस रिश्ते को मन से, हृदय से, अपनी आत्मा से महसूस कर सके। वही संबंध अटूट होता है जिसमें स्वयं का स्वार्थ ना हो, और जो सुंदरता एवं ईश्वरत्व का बोध करा सके!
जीवन के अंतिम समय तक जो सम्बंध हमारे होंठों पर मुस्कान ला सकें – वही वास्तविक संबंध है, बाकी तो सब परिचय मात्र होते हैं!
संबंधों को निभाना आज अत्यंत कठिन लगने लगा है। बहुत से अपने लोग भावनाओं को ठेस पहुंचा देते हैं, और हमारे चेहरे की हंसी और होंठों की मुस्कान आँखों की नमी में बदल जाती हैं!
*That is why I always believe that, In relations, never hurt, never expect. Good relations are precious – treasure them and never ignore…!*