Tolani Filled Form Again : तोलानी 18वीं बार चुनाव के मैदान में, तीसरी पीढ़ी भी तैयार!
उनके पिता भी 30 साल तक निर्दलीय सभी चुनाव लड़ते रहे!
Bhopal : शहर के लोग चुनाव के समय परमानंद तोलानी का नाम जरूर सुनते हैं। इसलिए कि वे सभी चुनाव लड़ते हैं। इस बार भी उन्होंने विधानसभा चुनावों के लिए इंदौर की सीट नंबर-4 से पर्चा भर दिया। ये उनका 18वां चुनाव है। गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले इस परिवार की दो पीढ़ियां लगातार चुनाव लड़ रही है। उनके पिता भी चुनाव लड़ते रहे, अब वही काम परमानंद तोलानी कर रहे हैं। इसके बाद उनकी दोनों बेटियां भी इस परंपरा को निभाने के लिए तैयार हैं।
परिवार की इस अनूठी परंपरा के कारण ही इस बार भी रियल इस्टेट कारोबारी ने अपना नामांकन दाखिल किया। लेकिन, एक बार भी इस परिवार ने चुनाव में जीत का स्वाद नहीं चखा। चुनाव में हर बार इस परिवार के सदस्यों की जमानत जब्त हुई। फिर भी उनके हौसले और इरादे कमजोर नहीं हुए। पिछले 17 बार से यह उम्मीदवार लोकसभा, विधानसभा और नगर निकाय के चुनाव लड़ता आ रहा है।
परमानंद तोलानी अभी तक इंदौर से 8 लोकसभा,7 विधानसभा और 2 बार महापौर का चुनाव लड़ चुके हैं। परमानंद तोलानी को उम्मीद है की एक बार वे चुनाव जरूर जीतेंगे। हर चुनाव में इसे हार ही मिली। एक बार तो इनकी पत्नी ने भी चुनाव लड़ा। उन्होंने चुनाव लड़ने और हारने का विश्व रिकॉर्ड बना दिया। 17 बार चुनाव हारने वाले परमानंद तोलानी ने सोमवार को फिर अपना नामांकन दाखिल किया। प्रशासनिक अधिकारियों ने दस्तावेज की जांच के बाद फार्म जमा कर लिया। उन्होंने इंदौर में विधानसभा क्रमांक-4 से नामांकन दाखिल किया। इस सीट से भाजपा ने मालिनी गौड़ और कांग्रेस ने राजा मांधवानी को चुनाव मैदान में उतारा है।
एक बार जीतने की उम्मीद भी
नामाकंन दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा कि यह मेरा 18वां चुनाव होगा। उन्होंने बताया कि वह एक बार अपनी पत्नी लक्ष्मी तोलानी को भी नगरीय निकायों के चुनावों में उतार चुके हैं। क्योंकि, तब महापौर का पद महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित कर दिया गया था। परमानंद तोलानी, पेशे से रीयल एस्टेट कारोबारी हैं। उनका कहना है कि जमानत जब्त होने से चुनाव लड़ने के उनके उत्साह पर कोई फर्क नहीं पड़ता। बल्कि, हर हार के साथ उनका आत्मविश्वास और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि इंदौर की जनता बहुत समझदार है। मुझे पूरी उम्मीद है कि वह मुझे एक न एक बार चुनाव जरूर जिताएगी। तोलानी ने कहा कि इस बार मतदाताओं से उनका वादा है कि चुनाव जीतने पर वह 1,000 वर्ग फुट तक के क्षेत्रफल वाली इमारतों पर उन्हें संपत्ति कर से पूरी छूट दिलाएंगे और घर से कचरा उठाने के बदले नगर निगम द्वारा वसूला जाना वाला शुल्क भी माफ कराएंगे।
चुनाव की खानदानी परंपरा
उनके पिता भी 30 साल तक इसी तरह निर्दलीय लड़ते रहे। तोलानी परिवार दो पीढ़ियों से लगातार चुनाव लड़ने के लिए मशहूर है और हर बार इसके सदस्यों की जमानत जब्त हुई। उन्होंने बताया कि शहर में एक प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले उनके पिता मेठाराम तोलानी ने अपने जीवनकाल में 30 साल तक लगातार चुनाव लड़े। 1988 में मेरे पिता के निधन के बाद 1989 से मैंने चुनाव लड़ना शुरू कर दिया। तोलानी परिवार की अगली पीढ़ी भी चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार है। तोलानी की बेटी निशा ने कहा कि फिलहाल तो मेरा ध्यान अपने रोजगार पर है, पर भविष्य में जरूरत पड़ी तो मैं और मेरी बहन चुनाव लड़ने की अपनी खानदानी परंपरा को जरूर आगे बढ़ाएंगे। यानी तीसरी पीढ़ी भी चुनाव के लिए तैयार है।