

Toll Collection from Two-Wheelers Too : दो वाहनों से भी NHAI टोल टैक्स वसूलेगा, FASTag नियमों में भी बड़ा बदलाव किया गया?
‘मीडियावाला’ के स्टेट हेड विक्रम सेन की रिपोर्ट
नई दिल्ली। 25 जून गुरुवार को एक खबर ने सभी दो पहिया वाहन चालकों को चौंका दिया। इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार की तरफ से दो पहिया वाहन चालने वालों के लिए एक नया आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार 15 जुलाई 2025 से टू-व्हीलर पर भी टोल टैक्स लगेगा। इससे करोड़ों बाइक चालक के झटका लगा। क्योंकि इससे पहले दो पहिया वाहनों से टोल टैक्स नहीं वसूला जाता था। ऐसा इसलिए होता था क्योंकि जब नया दो पहिया वाहन खरीदा जाता है तब उसके पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) के समय ही टोल टैक्स की राशि एकमुश्त वसूल ली जाती थी. लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नए नियम के हिसाब से सभी दोपहिया वाहनों को FASTag के जरिए टोल देना होगा। वहीं इस नियम का उल्लंघन करने पर 2 हजार रुपये जुर्माना देना होगा।
यह ख़बर देश के अनेक मीडिया संस्थानों तथा न्यूज चैनल पर भी चल रही थी जिस पर हमारे मीडिया संस्थान ने भी इस संबंध में खबर को प्रसारित किया था।
आइए जानते हैं इसकी पूरी सच्चाई।
सरकार का क्या कहना है?
सरकार ने इस बारे में कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है। वहीं कुछ रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि NHAI के सूत्रों ने मीडिया में चल रही इन खबरों पर कहा है कि टू-व्हीलर पर फास्टैग के जरिए टोल टैक्स की ये सभी खबरें गलत हैं। NHAI ने बाइक से टोल टैक्स वसूली को लेकर किसी तरह का कोई आदेश नहीं दिया है।
इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी ने भी इसका खंडन किया है।
इससे न केवल आम लोगों को अधिक सुविधा मिलेगी, बल्कि डिजिटल ट्रांजेक्शन की पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
इस उद्देश्य को लेकर इंडियन हाईवेज मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (IHMCL), जो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधीन काम करती है, ने फिनटेक कंपनियों के साथ एक अहम बैठक की। बैठक में फास्टैग के वैकल्पिक उपयोग, नियम-कानून, ग्राहक शिकायतों और डेटा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। मंत्रालय ने बयान में कहा कि फास्टैग को टोल के अलावा अन्य सेवाओं के लिए इस्तेमाल करना लोगों के लिए काफी फायदेमंद होगा और इससे इस तकनीक को और विस्तार मिलेगा।
Annual FASTag Pass : 15 अगस्त से शुरू होगा ₹3,000 का सालाना FASTag पास!
इस बैठक का एक और मुख्य उद्देश्य था फिनटेक कंपनियों को मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोलिंग सिस्टम से परिचित कराना।
इस तकनीक के तहत वाहनों को टोल बूथ पर रुकने की आवश्यकता नहीं होती। RFID रीडर और ANPR कैमरो की मदद से वाहन की पहचान की जाती है और अपने-आप फास्टैग से भुगतान कट जाता है। वर्तमान में NETC फास्टैग प्रोग्राम के तहत देशभर में 1728 टोल प्लाज़ा पर यह सुविधा सक्रिय है, जिसमें 1113 नेशनल हाईवे और 615 स्टेट हाईवे शामिल हैं। टोल भुगतान का लगभग 98.5% हिस्सा फास्टैग के माध्यम से किया जा रहा है। अब तक 11.04 करोड़ से अधिक फास्टैग जारी किए जा चुके हैं, जो 38 से ज्यादा बैंकों के माध्यम से उपलब्ध हैं।
बीमा कंपनियों को तीन साल में बीमित वाहनों के कवरेज को 50% से बढ़ाकर 75%-90% करने के लिए FASTag जारी करने की अनुमति देने की संभावना पर, सचिव ने कहा कि यह संभव है लेकिन ‘वाहन’ डेटाबेस को साफ करने की आवश्यकता है, जिसमें लगभग 7.5 करोड़ निष्क्रिय वाहन हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि फास्टैग सिस्टम में बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हम फास्टैग को सिर्फ टोल भुगतान का जरिया नहीं, बल्कि देशभर में निर्बाध और स्मार्ट ट्रैवल का माध्यम बनाना चाहते हैं। गडकरी ने यह भी कहा कि मंत्रालय फिनटेक कंपनियों, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर फास्टैग को एक मल्टी-फंक्शनल डिजिटल प्लेटफॉर्म में बदलना चाहता है, जिससे न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर में डिजिटल क्रांति भी आएगी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में टोल को लेकर एक नई योजना का ऐलान किया था (यह दो पहिया वाहनों के लिए नहीं हैं) उन्होंने फास्टैग आधारित वार्षिक टोल पास योजना की घोषणा की थी।15 अगस्त से इस योजना की शुरुआत होगी। ये पास 3000 रुपये का है और 200 यात्राएं की जा सकती है। यह योजना अभी सिर्फ NHAI और NE के टोल प्लाजा पर ही मान्य होगा
स्टेट हाइवे के अंतर्गत आने वाले टोल बूथ पर यह पास नहीं चलेगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, यह नीति 60 किलोमीटर के दायरे में स्थित टोल प्लाजा के बारे में लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करती है और एकल, किफायती लेनदेन के माध्यम से टोल भुगतान को सरल बनाती है। मंत्री ने कहा, प्रतीक्षा समय, भीड़भाड़ को कम करके तथा टोल प्लाजा पर विवादों को न्यूनतम करके इस वार्षिक पास का उद्देश्य लाखों निजी वाहन मालिकों को तीव्र एवं सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करना है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय देशभर में FASTag के इस्तेमाल को और आसान और फिजिबल बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
FASTag के इस अपग्रेडेशन को लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और NHAI ने बुधवार को वित्त मंत्रालय और फिनटेक फर्मों के बड़े अधिकारियों के साथ मिलकर एक वर्कशॉप का आयोजन किया।
अब मंत्रालय चाहता है कि फास्टैग का उपयोग केवल टोल भुगतान तक सीमित न रहे, बल्कि इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग, पार्किंग फीस, और वाहन बीमा जैसी सेवाओं में भी हो।