Toll Collection Suspended : बदहाली की शिकायतों के बाद इंदौर-देवास बायपास टोल निलंबित 

हाईकोर्ट ने भी फटकारा था, संकरे बोगदों कारण हमेशा यातायात जाम  

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Indore : नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने इंदौर-देवास का टोल ठेका निलंबित कर दिया। ये ठेका अभी तक टोल-वे गायत्री प्रोजेक्ट के पास था, जिसकी टोल वसूली फिलहाल निलंबित कर दी है। अब यह कंपनी टोल टैक्स वसूल नहीं करेगी। कंपनी को 2036 तक के लिए टोल वसूली का काम दिया गया था। यह जिम्मा पाथ कम्पनी (Path Company) को अस्थायी रूप से सौंप दिया गया। 300 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली को लेकर नेशनल हाईवे को निलंबित कंपनी से करना है। उसे अब तक दो दर्जन से ज्यादा नोटिस दिए जा चुके हैं।
मुंबई-आगरा हाईवे के इंदौर-देवास बायपास का 40 किलोमीटर हिस्सा बदहाल है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने भी कड़ी फटकार लगाई थी। इस बायपास की बदहाली हमेशा सुर्खियों में रहती है। जो संकरे बोगदे बनाए गए हैं उनमें हमेशा ही यातायात जाम रहता है। गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड तर्फे इंदौर-देवास टोल-वे लिमिटेड को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने कई नोटिस थमाए। फिर भी इसके सर्विस रोड सहित अन्य बदहाली दूर नहीं की गई।
यहां तक कि पिछले दिनों इंदौर आए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सामने भी इंदौर-देवास बायपास की बदहाली और संबंधित कंपनी की लापरवाही उजागर की गई थी। इंदौर हाईकोर्ट ने भी पिछले दिनों एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए नेशनल हाईवे, कलेक्टर सहित टोल टैक्स कम्पनी को नोटिस जारी करके पूछा था कि इंदौर-देवास बायपास के हालात इतने बदहाल और बदतर क्यों हैं!  दो दिन पहले भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने टोल टैक्स वसूली वाली कंपनी को निलंबित कर दिया। इसकी पुष्टि अथॉरिटी के इंदौर स्थित अधिकारी मनीष असाटी ने भी की। उन्होंने बताया कि 300 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली भी कंपनी से की जाना है। इसलिए फ़िलहाल अस्थायी टोल टैक्स वसूली की जिम्मेदारी इंदौर की ही फर्म पाथ को सौंपा गया है।
पाथ कंपनी के प्रमुख नितिन अग्रवाल से पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी अस्थायी रूप से नेशनल हाईवे ने टोल वसूली की जिम्मेदारी इंदौर-देवास के दो टोल नाकों पर दी गई है। जल्द ही इसके लिए अलग से टेंडर भी नेशनल हाईवे द्वारा बुलाए जाएंगे। फिलहाल जो टोल टैक्स की दरें अथॉरिटी ने तय कर रखी हैं, उसी के मुताबिक उनकी कम्पनी के कर्मचारी टोल टैक्स की वसूली करेंगे। ‘पाथ’ के पास ही MR-10 टोल टैक्स वसूली का भी ठेका है, जिस पर इंदौर के वाहनों को टोल टैक्स से मुक्त कर रखा है। वहीं गायत्री प्रोजेक्ट को 2036 तक टोल टैक्स वसूली का ठेका मिला था।