तोमर चुप, मोहन मौन, देवड़ा बजट पढ़ते रहे और विपक्ष हंगामा करता रहा…

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तोमर चुप, मोहन मौन, देवड़ा बजट पढ़ते रहे और विपक्ष हंगामा करता रहा…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट 3 जुलाई 2024 को पेश हो गया। विपक्ष को संतुष्ट करने का विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का प्रयास एक दिन बाद ही फ्लॉप हो गया। 2 जुलाई 2024 को सत्ता पक्ष की असहमति के बावजूद विपक्ष की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने कथित नर्सिंग घोटाले पर ध्यानाकर्षण के जरिए पूरे दिन बहस कराई थी। उद्देश्य भी यही था कि विपक्ष संतुष्ट होगा, तो सदन की आगे की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकेगी। पर तोमर की कसौटी पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार खरे नहीं उतरे। और बजट की बेला में विपक्ष पूरे समय हंगामा करता रहा और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा निर्बाध रूप से बजट पढ़ते रहे। इधर सदन में बैठे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मौन रहे, उधर आसंदी पर विराजे विधानसभा अध्यक्ष भी मौन साधे रहे। कांग्रेस कथित नर्सिंग घोटाले पर तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग करती रही। नारेबाजी करती रही। और जब बजट भाषण पूरा होने को था, तब विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया। और बाद में पत्रकार वार्ता में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का यह दर्द जरूर फूटा कि विपक्ष का रवैया बहुत ही दु:खदायी था। कुल मिलाकर डॉ.मोहन का स्वभाव के विपरीत चुप रहना आश्चर्यचकित करने वाला था। हो सकता है कि यह मोहन का सीएम बतौर बदला हुआ नया रूप हो, जो वास्तव में उनके मूल स्वभाव से मेल नहीं खा रहा था।

तो विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच सदन में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट भाषण पढ़ा है। इस बजट 2024-25 में कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लगाया है। बजट में मुख्य तौर पर राजस्व में वृद्धि पर जोर दिया गया है। बजट का आकार पिछले साल के मुकाबले 16 प्रतिशत अधिक है। पर पेट्रोल-डीजल पर कोई अतिरिक्त राहत नहीं दी गई है। अब भी देश में सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल मध्य प्रदेश में ही बिकता रहेगा। राज्य सरकार ने महिलाओं, बच्चों और किसानों के लिए तो खजाना खोला, लेकिन कोई नया टैक्स नहीं लगाया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया। जब तक देवड़ा बोलते रहे, तब तक विपक्ष के विधायक हंगामा करते रहे। बाद में उन्होंने वॉकआउट कर लिया और बाहर जाकर धरना दिया।

देवड़ा ने 2024-25 के बजट में जो प्रमुख घोषणाएं की हैं, उनमें पीएम ई-बस योजनांतर्गत छह शहरों (इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन एवं सागर) में भारत सरकार की सहायता से 552 ई-बसों का संचालन करना शामिल है। इसके साथ ही सरकार ने पांच साल में वार्षिक बजट के आकार को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। 2024-25 के लिए 3,65,067 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान किया गया है, जो 2023-24 के 3,14,025 करोड़ रुपये के मुकाबले 16 प्रतिशत अधिक है।

उज्जैन सरकार की प्राथमिकता पर है।मध्य प्रदेश में अगले पांच साल में एक्सप्रेस-वे नेटवर्क के माध्यम से 299 किमी का अटल प्रगति पथ, 900 किमी का नर्मदा प्रगति पथ, 676 किमी के विंध्य एक्सप्रेस-वे, 450 किमी का मालवा-निमाड़ विकास पथ, 330 किमी का बुंदेलखंड विकास पथ एवं 746 किमी का मध्य भारत विकास पथ बनाया जाएगा। इनके दोनों ओर औद्योगिक कॉरीडोर विकसित होंगे। भोपाल, इन्दौर, जबलपुर एवं ग्वालियर में एलिवेटेड कॉरिडोर बन रहे हैं। सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन शहर में बायपास के साथ शहर में आने वाले सभी मार्गों को चार लेन अथवा आठ लेन किया जाएगा।

रामपथ और कृष्ण पथ का विकास होगा

राज्य सरकार ने संस्कृति विभाग के लिए 1,081 करोड़ रुपये रखे हैं। यह 2023-24 के मुकाबले 250 प्रतिशत अधिक है। इस राशि से भारत के कालजयी महानायकों की तेजस्विता का संग्रहालय वीर भारत न्यास स्थापित किया जा रहा है। यह देश और दुनिया का अपनी तरह का पहला संग्रहालय होगा। भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान प्रदेश के विभिन्न स्थानों से पथ गमन किया। राज्य की सीमाओं के अंतर्गत राम पथ गमन के अंचलों के विभिन्न स्थलों को चिह्नांकित कर उनका विकास करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्री कृष्ण पाथेय योजना की घोषणा की है। इसके माध्यम से प्रदेश में श्री कृष्ण पथ के पुनरावेषण और संबंधित क्षेत्रों के साहित्य, संस्कृति तथा संस्कार का संरक्षण, संवर्धन किया जाना प्रस्तावित है।

कृषि क्षेत्र का बजट 15 प्रतिशत, स्वास्थ्य के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास विभाग के बजट में 56 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। शिक्षा में चार प्रतिशत, एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों की योजनाओं के लिए 10 प्रतिशत, इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 9 प्रतिशत, नगरीय एवं ग्रामीण विकास के लिए 13 प्रतिशत, संस्कृति संवर्धन के लिए 35 प्रतिशत, रोजगार के लिए 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। अगले पांच साल में एक्सप्रेस-वे नेटवर्क के माध्यम से 299 किमी का अटल प्रगति पथ, 900 किमी का नर्मदा प्रगति पथ, 676 किमी के विंध्य एक्सप्रेस-वे, 450 किमी का मालवा-निमाड़ विकास पथ, 330 किमी का बुंदेलखंड विकास पथ एवं 746 किमी का मध्य भारत विकास पथ बनाया जाएगा। इनके दोनों ओर औद्योगिक कॉरीडोर विकसित होंगे।भोपाल, इन्दौर, जबलपुर एवं ग्वालियर में एलिवेटेड कॉरिडोर बन रहे हैं।सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन शहर में बायपास के साथ शहर में आने वाले सभी मार्गों को चार लेन अथवा आठ लेन किया जाएगा।

70 साल से अधिक उम्र के बुढा़पे में अकेले रह रहे बुजुर्गों की चिंता सरकार करेगी। रोजगार पाने संघर्ष कर रहे युवाओं की फार्म फीस सरकार भरेगी। राजकोषीय घाटा बाउंड्री पर है, पर सरकार का मानना है कि यह तय सीमा के भीतर है। आय के स्रोत बढ़ रहे हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। शेर जो वित्त मंत्री ने पढ़ा और विश्वास दिलाया कि बजट की पूरी राशि का उपयोग प्रदेश में विकास और जनता के जीवन में सहजता लाने के लिए होगा, वह यह है –

“सबल भुजाओं में लक्षित है, नौका भी पतवार, चीर चलें सागर की छाती, पार करें