उम्मीदों के सागर से लबालब सदन में शुरू हो गई तोमर की अग्नि परीक्षा…
मध्यप्रदेश विधानसभा में 20 दिसंबर 2023 को सोलहवीं विधानसभा का सबसे महत्वपूर्ण दिन था। नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ लेने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का चयन निर्विरोध और सर्वसहमति से हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित दोनों पक्ष के सभी महत्वपूर्ण नेताओं ने प्रस्ताव रखा। और सर्वसहमति से चुने जाने के बाद मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष सहित सभी ने नरेंद्र सिंह तोमर को आसंदी पर विराजित किया। प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव ने विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव संपन्न कराया। और आसंदी पर बैठने के बाद एक बार फिर पक्ष-विपक्ष ने तोमर की तारीफ के साथ उन पर भरोसा जताने का सिलसिला जारी रखा। तो हर तरफ से भरोसे के साथ उम्मीदों के सागर से सदन लबालब हो गया। राज्यपाल के विधानसभा आगमन से ठीक पहले तोमर ने अपने मन की बात कहकर भरोसा जताया कि वह सभी की उम्मीदों पर ईमानदारी से खरा उतरने की भरसक कोशिश करेंगे। तो यह भी सलाह दी कि हर नेता को हमेशा विद्यार्थी की तरह सीखने का जज्बा बनाए रखना चाहिए। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण में मोदी की गारंटी वाली गाड़ी महामहिम के मुख से विधानसभा तक पहुंच गई। तो यह बात भी सामने आ गई कि हर गारंटी को पूरा करने की गारंटी मोदी हैं। राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल ने अभिभाषण में कहा कि मध्य प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव संपन्न हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंत्र सबका साथ सबका विकास का है। इस मंत्र को नई सरकार ने आत्मसात किया है। पीएम मोदी की गारंटी है, गारंटी को पूरी करने की गारंटी है। विपक्ष के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने इस पर आपत्ति जताई। हालांकि विधानसभा के माइक ने रावत का साथ नहीं दिया और उनकी आवाज कोलाहल में डुबकी लगा गई। और राज्यपाल अभिभाषण के पूरा होने पर विधानसभा से रवाना हो गए। और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के रूप में पहले दिन की पारी को विराम देकर 21 दिसंबर तक सदन को स्थगित कर दिया।
तोमर 16वीं विधानसभा के 19वें अध्यक्ष हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तोमर का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिये सर्वमान्य रहा। उनके व्यक्तित्व का ही प्रभाव है कि उनके नाम को सभी दलों ने स्वीकारा और उन्हें समर्थन दिया। उनका सुदीर्घ प्रशासनिक अनुभव, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण और सबको साथ लेने की क्षमता उन्हें सर्वमान्य बनाती है। तोमर के पुरुषार्थ, परिश्रम, विनम्रता और सहज सरल स्वभाव से सदन गौरवान्वित है। निश्चित ही उनके अध्यक्षीय दायित्व निर्वहन से सदन की गरिमा में वृद्धि होगी। तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी विधानसभा अध्यक्ष के विराट व्यक्तित्व की तारीफ की। पर विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यकाल के पहले ही दिन अपनी भी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा दी। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर धरना दिया। कांग्रेस विधायक पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी, अंबेडकर और सरदार पटेल की फोटो लेकर गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठे हैं। इधर सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुने गए नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि कमेटी बनाऊंगा, कमेटी सभी से विचार विमर्श करेगी, उसके बाद फैसला करेंगे। जिसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि कोई कमेटी बनाने की जरुरत नहीं है, अध्यक्ष पर निर्णय करें।
तो पक्ष-विपक्ष के सदस्यों की उम्मीदों का सागर सोलहवीं विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को लेकर छलक रहा है। और इसके साथ ही नेहरू की तस्वीर हटाकर अंबेडकर की तस्वीर लगाने के मामले में तोमर की अग्निपरीक्षा शुरू हो गई है। तो सर्वसहमति से अध्यक्ष के चुनाव के बाद विपक्ष ने परंपरा का हवाला देते हुए उपाध्यक्ष के पद की मांग भी कर दी है। 21 दिसंबर 2023 का दिन तमाम उम्मीदों और अटकलों का सीधा सा जवाब देने की एक झलक तो दिखाएगा ही…।