तोमर का एक साल का कार्यकाल, बना मिसाल…

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तोमर का एक साल का कार्यकाल, बना मिसाल…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र संयोगों का संगम बन गया। मध्यप्रदेश विधानसभा की सत्र यात्रा के 68 वर्ष पूरे हो गए। इससे मध्यप्रदेश की विधानसभा गौरवान्वित हुई है। आठ सत्रों के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र हंगामे और विपक्ष के पुरजोर विरोध के बीच अपनी सभी बैठकें पूरी कर सत्तापक्ष और विपक्ष को संतुष्ट कर गया। यह दूसरी बड़ी उपलब्धि रही। तो तीसरा यह कि जिन पर पक्ष और विपक्ष का बराबर भरोसा है, लंबे समय बाद मध्यप्रदेश विधानसभा को मिले ऐसे विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने अध्यक्षीय कार्यकाल का एक सफल वर्ष 20 दिसंबर 2024 को पूरा किया। यह सबसे बड़ी उपलब्धि इसलिए कि सत्यापक्ष और विपक्ष दोनों ने उनके इस कार्यकाल पर खुशी जताई। तो मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र ऐसे महासंयोगों की त्रिवेणी बन गया। मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस सरकारों के लंबे दौर में नरेंद्र सिंह तोमर लंबे कालखंड के बाद और इक्कीसवीं सदी में पहली बार ही सर्वमान्य विधानसभा अध्यक्ष के रूप में स्थापित होकर विधानसभा का गौरव बढ़ा रहे हैं। इसीलिए सदन के नेता डॉ. मोहन यादव और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार दोनों के नेतृत्व में सत्तापक्ष और विपक्ष न केवल उत्साहित है, बल्कि तोमर की कार्यशैली का मुरीद है। और तोमर के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, सदन में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को बधाई दी। प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने मीडिया से चर्चा के दाैरान अध्यक्ष महोदय को बधाई दी। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने सभी का हृदय से आभार प्रकट करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही सभी सदस्यों के एक भाव और सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न होती है, इसमें आप सभी का भी सहयोग है।

गौरवान्वित करने वाले काम ही किसी इंसान को विशेष स्थान प्रदान करते हैं। और कम बोलकर और ज्यादा से ज्यादा सुनकर गूढ़ मुस्कान बिखेरने वाले तोमर मध्यप्रदेश और देश की राजनीति में अपना विशेष स्थान बना चुके हैं। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में उनका यह विशिष्ट गुण सभी सदस्यों के लिए संजीवनी का काम कर रहा है। उनके एक वर्ष के कार्यकाल पर इसीलिए पक्ष और विपक्ष ने बराबरी से खुशी जताई। उनके एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां मंत्री प्रहलाद पटेल और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बधाई देते हुए गिनाईं, जो वास्तव में तोमर को विशिष्ट स्थान का हकदार बनाती हैं। प्रहलाद पटेल ने सदन में बधाई देते हुए कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र सिंह तोमर का एक वर्ष का कार्यकाल हम सभी के लिए गाैरवांवित करने वाला है। विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने जिन परंपराओं को सदन में स्थापित किया है वे प्रशंसनीय एवं सराहनीय हैं।तोमर ने ई−विधानसभा बनाने की ओर कदम बढ़ाया है। यह सदन के सभी सदस्यों के लिए बहुत ही उपयोगी एवं लाभकारी कदम होगा। सदस्य अपने क्षेत्र में प्रवास के दाैरान भी अपने प्रश्नों एवं उनके उत्तरो के बारे में पूरी जानकारी ले सकेंगे। शून्यकाल की परंपरा को विस्तारित करने से सभी सदस्यों को लाभ हुआ। इससे सदन में सदस्यों की उपस्थिति बढ़ी है। ध्यानाकर्षण के माध्यम से भी सदस्यों के अपने विषय उठाने के अवसर बढ़े हैं। इस एव वर्ष में हम उंचाईयां छूने की ओर आगे बढ़े हैं। तो उपलब्धियों की श्रंखला को आगे बढ़ाते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा था कि प्रतिपक्ष के सभी सदस्य तोमर के एक वर्ष के कार्यकाल की प्रशंसा करते हैं। उन्होंने 17 दिसंबर को विधानसभा के स्थापना दिवस के रूप में मनाने के लिए भी अध्यक्ष महोदय का धन्यवाद देते हुए कहा था कि इससे नए सदस्यों को मध्यप्रदेश के विधानसभा का इतिहास, परंपराएं, नियम और व्यवस्थाओं का ज्ञान हो सकेगा। महिला सदस्यों को सदन में बोलने के लिए मंगलवार तय करने का विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय का भी सिंघार ने स्वागत किया था। लोकसभा की तरह शून्यकाल की कार्यवाही के संचालन को भी एक उल्लेखनीय कदम बताया था।

यह सभी उपलब्धियां और पक्ष-विपक्ष में बराबरी से लोकप्रिय विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की कार्यशैली का प्रतिबिंब हैं। विपक्ष ने सत्र में विधानसभा का घेराव से लेकर केतली और टोंटी सहित हंगामे और विरोध का कोई अवसर नहीं गंवाया। तो सत्तापक्ष ने दस विधेयक और दो अशासकीय संकल्प भी पारित करा लिए। तो वहीं सत्र के अंतिम दिन और विधानसभा अध्यक्ष के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने के दिन 20 दिसंबर 2024 को ही डॉ. सीतासरन शर्मा द्वारा राहुल गांधी के संसद में अमर्यादित आचरण का मुद्दा उठाने और विपक्ष का अमित शाह पर डॉ. अंबेडकर के अपमान का विषय उछालने पर विधानसभा का माहौल ऐसा बना कि बिना राष्ट्रगान के ही सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना पड़ा। हालांकि फिर भी सभी पांच बैठकों को कराकर विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने अपने एक साल के कार्यकाल को एक मिसाल के रूप में पेश कर दिया है। और उनकी उपलब्धियां पक्ष और विपक्ष को बराबरी से गौरवान्वित कर रही हैं, यह उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है.

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