Tongue Slipped : जीतन राम मांझी की ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी, बाद में माफ़ी मांगी

राजनीतिक बवाल के बाद मांगी माफी, तब भी कई बार जुबान फिसली

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Patna : ‘हम’ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी फिर अपने विवादास्‍पद बयान के कारण सुर्खियों में हैं। ब्राह्मणों, देवताओं और पूजा-पाठ को लेकर उनकी टिप्पणी से बिहार की राजनीति गरमा गई। एक कार्यक्रम में की गई उनकी टिप्पणी के बाद इसका वीडियो वायरल हुआ। खुद को घिरता देखकर मांझी ने अपने विवादास्पद बयान पर माफी मांगी, पर तब भी उनकी जुबान फिसली।

उन्होंने बताया कि हमने अपने समाज से कहा था कि आस्था के नाम पर आज करोड़ों लुटाए जा रहे हैं। दूसरी और गरीबों की भलाई के लिए जो काम होना चाहिए वह नहीं हो रहा है। जो अनुसूचित जाति के लोग हैं, पहले पूजा-पाठ पर उतना विश्वास नहीं करते थे। सिर्फ अपने देवी-देवताओं की पूजा करते थे। चाहे माँ सबरी हो या दीना भद्री। पर,अब आपके यहां सत्यनारायण की पूजा कराने वाले भी आते हैं। आप लोगों को लाज-शर्म नहीं लगता है कि वे कहते हैं कि बाबू हम खाएंगे नहीं, नकद दे देना। फिर भी उन्हीं से पूजा कराते हैं। इस पर हमने अपने समाज को भला-बुरा कहा था। हमारा उद्देश्य था कि वे अपने देवता को छोड़ दूसरे की पूजा क्यों करते हैं? पूजा के नाम पर बर्बादी क्यों करते हैं?

मांझी ने मीडिया से कहा कि जिस शब्द पर आपत्ति जाहिर की जा रही है, वह हमने अपने समाज के लोगों के लिए कही थी। किसी अन्य जाति के लोगों के लिए। लेकिन अगर, इसमें गलतफहमी हो गई है तो हम माफी चाहते हैं। ये पहली बार नहीं है, जब जीतन राम मांझी की जुबान फिसली हो! वे पहले भी ऐसी कई बातें कह चुके हैं।