Indore : दो दिन पहले सियागंज के व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को पुलिस के बारे में शिकायत की थी कि पुलिस के जवान उन्हें जबरन परेशान करके वसूली करते हैं। जो काम पुलिस का नहीं है, उसके नाम पर उन्हें धमकाया जाता है। भाजपा नेता गोविंद मालू ने भी इस मुद्दे पर तीखा बयान दिया था। इसका असर ये हुआ कि कमिश्नर ने रविवार को व्यापारियों की बैठक बुलाकर उनकी समस्याओं को सुना और उसके हल का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हेलीपैड पर कमिश्नर डॉ पवन शर्मा और कलेक्टर मनीष सिंह को इस बारे में निर्देश दिए थे। कहा था कि प्रशासन व्यापारियों के साथ बैठकर बात करे। इंदौर में यह सब नहीं होना चाहिए। इसके बाद रविवार को व्यापारियों के साथ बैठक हुई।
बैठक के प्रारंभ में कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने व्यापारियों की शिकायतों संबंधी खबरों पर गहरी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि इंदौर में सियागंज क्षेत्र व्यापार की रीढ़ है। इंदौर के व्यापारियों को भयमुक्त वातावरण मिलना चाहिए। उनके व्यापार में कोई अवरोध नहीं होना चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना काल में इंदौर के व्यापारियों ने बढ़-चढ़कर साथ दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यापार में यदि कहीं कोई दिक्कत आ रही है, तो उन्हें परस्पर समन्वय से दूर किया जाएगा। कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा अगर गलतियां की गई हैं तो उसे समूचे तंत्र से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
Threats in the name of sampling
व्यापारियों की ओर से रमेश खंडेलवाल ने कहा कि पुलिस द्वारा आए दिन व्यापारियों से सैंपलिंग के नाम पर परेशानी पैदा की जाती है। व्यापारियों का कहना था कि पुलिस को सैंपलिंग का अधिकार नहीं है। यह अधिकार खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के पास है। व्यापारियों द्वारा बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा सैंपलिंग के नाम पर धौंस दी जाती है और व्यापारियों को थाने में बैठाया जाता है। प्रभारी पुलिस कमिश्नर मनीष कपूरिया ने बैठक में कहा कि इन सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। संवाद उच्च स्तर पर रखा जाएगा और व्यापारियों को कोई भी असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
Will identify the culprits
कमिश्नर ने कहा कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि इंदौर में व्यापार जगत को शासन-प्रशासन का पूरा संरक्षण सुनिश्चित होना चाहिए। इस संबंध में दोषियों को चिन्हित भी किया जाएगा। आयुक्त ने स्वयं सहित कलेक्टर और कपूरिया का नंबर व्यापारियों से साझा किया और कहा कि आपको कोई भी दिक्कत हो तो संगठन के पदाधिकारियों द्वारा उन्हें सूचना दी जा सकेगी। हाल में हुई असुविधा के लिए खेद जताते हुए आश्वस्त किया कि अब भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी। बैठक में यह तय किया गया कि पुलिस द्वारा सैंपलिंग का कार्य सीधे नहीं किया जाएगा। यह कार्य केवल खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के इंस्पेक्टर द्वारा किया जाएगा। किसी भी तरह की मिलावट या अन्य किसी गड़बड़ी की सूचना पुलिस को प्राप्त होने पर वे एडीएम को बताएंगे और कार्रवाई छानबीन के बाद संयुक्त दल द्वारा की जाएगी।
मालू ने बयान दिया था
एक दिन पहले भाजपा नेता और खनिज विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविंद मालू ने भी बयान जारी करके कहा था कि पुलिस और निगमकर्मी समझ लें। ये व्यापारिक शहर है यहाँ आतंक न फैलाएं। उन्होंने कहा कि इंदौर की पहचान जनसहयोग और दानशील शहर के रूप में है जिसने विपदा में अपनी थैली खोली है। संकट में साहस और संवेदना दिखाते हुए सहयोग की बांहे फैलाई है। इसलिए पुलिस व निगम प्रशासन के कर्मचारियों द्वारा आए दिन व्यापारियों को अकारण धमकी प्रताड़ना देने के कई मामले आए है, पर इंदौर में यह नहीं चलेगा। मालू ने कहा कि सियागंज, रानीपुरा, महारानी रोड़ जैसे महत्वपूर्ण व्यापारिक क्षेत्र जो राजस्व का बड़ा योगदान करता है। वहाँ अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर पुलिसकर्मियों द्वारा वसूली किए जाने का रवैया ठीक नहीं है।