Traffic Closed on MP Portion of Expressway : टोल शुरु होने से पहले एक्सप्रेस-वे का यातायात बंद होगा|
ऋतुराज बुड़ावनवाला की विशेष रिपोर्ट
Khachrod : दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे के मध्यप्रदेश के 220 किमी वाले हिस्से का काम करीब पूरा हो गया। इसके जुलाई में शुरू होने का अनुमान है। लेकिन, अनधिकृत वाहनों के कारण यहां दुर्घटनाएं होने लगी। इस पर काबू के लिए यहां बने टोल पर बैरियर लगा दिए गए हैं। देश के इस सबसे आधुनिक एक्सप्रेस-वे पर यातायात का उल्लंघन करना आसान नहीं होगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एनएचएआई) ने यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (एआई) से लेस विशेष ट्रैफिक सिस्टम लगाया गया है, जो हर वाहन को अपनी नजर में रखेगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के मध्यप्रदेश खंड पर कई अनधिकृत यातायात चलना शुरू हो गए, जिससे दुर्घटनाएं होने लगी। गत 15 जून को गरोठ क्षेत्र में कोटा स्टोन से लदा ट्रक 8 लेन से नीचे गिर गया जिसमें ड्राइवर व क्लीनर की मौत हो गई। इसके अलावा भी इस 8 लेन के एक्सप्रेस-वे पर कई दुर्घटनाएं विधिवत यातायात शुरु होने से पहले हुई हैं। इस कारण एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर रविंद्र गुप्ता द्वारा सभी कंस्ट्रक्शन टीम लीडर को परियोजना के आधिकारिक, वाणिज्यिक संचालन और टोल संग्रह की शुरुआत तक यातायात की आवाजाही के लिए सभी इंटरचेंजों पर इंट्री व एग्जिट पर वाहनों के प्रवेश को बंद करने के निर्देश दिए हैं।
हादसों की आशंका बढ़ी
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से अभी रोजाना करीब 20 हजार अनधिकृत वाहन गुजरते हैं। ट्रक और कारों की संख्या सबसे अधिक है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर मोटरसाइकिल, स्कूटी, ट्रैक्टर और ऑटो चलाने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद नियमों का उल्लंघन करते हुए दो पहिया और तीन पहिया वाहन एक्सप्रेस-वे पर दौड़ते दिखाई दे रहे हैं। इस वजह से हादसों की आशंका काफी ज्यादा बढ़ गई है। इसके अलावा कई बार एक्सप्रेस-वे पर कार की स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटा के करीब मापी गई, जो खतरनाक है।
विशेष ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम
वाहनों की गति पर अंकुश लगाने के लिए एनएचएआई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से लैस विशेष ट्रैफिक सिस्टम तैयार किया है, जो तुरंत ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले वाहनों की पहचान करेगा। जुलाई के पहले सप्ताह से इस एक्सप्रेस-वे पर ऑटोमेटिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम काम करना शुरू कर देगा। देश के इस सबसे हाईटेक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले बच नहीं सकेंगे। ख़ास बात ये कि यह काम पुलिसकर्मी नहीं, बल्कि मशीनें करेंगी। यह एआई बेस्ड सिस्टम संबंधित वाहनों की जानकारी, फोटो और वीडियो के साथ पुलिस को भेजेगा। इसके बाद ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों के मोबाइल पर चालान भेजा जाएगा।
पहले हिस्से में रोज 11 हजार वाहन
13 फरवरी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का 220 किलोमीटर का पहला हिस्सा खोला गया, जो सोहना के अलीपुर से शुरू होकर राजस्थान के दौसा तक जाता है। तब से अब तक इस एक्सप्रेस-वे पर एक लाख वाहन सवारों ने ट्रैफिक नियमों को तोड़ा। इसकी जानकारी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए पुलिस को मिली है। एनएचएआई के अनुसार, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से रोजाना 11,000 वाहन गुजरते हैं। इनमें से ज्यादातर ट्रक और कार हैं। कई कार सवार गाड़ी को ओवरस्पीड में चलाते हैं और इनकी गति डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा होती है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के परियोजना निदेशक ने कहा कि 175 किलोमीटर के दायरे में सीसीटीवी लगाने का काम पूरा हो गया। इसके लिए सोहना के अलीपुर में ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर बनाया गया है, जो जुलाई में काम करना शुरू कर देगा। जहां से एक्सप्रेस-वे की निगरानी की जाएगी और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के साथ सख्ती से बर्ताव किया जाएगा।