
Traffic Improvement : हाई कोर्ट ने इंदौर के ट्रैफिक सुधार के लिए कमेटी बनाई, प्रशासन ने प्लान सौंपा!
कमेटी में कलेक्टर, कमिश्नर, आरटीओ के साथ जिला जज भी होंगे!
Indore : इंदौर में ट्रैफिक सुधार के लिए जिला प्रशासन द्वारा हाई कोर्ट को सौंपे गए प्लान पर संतुष्टि जताते हुए अदालत ने इसे लागू करने के लिए हाई पावर कमेटी बना दी। कमेटी में महापौर, कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर, निगम आयुक्त व आरटीओ के अलावा प्रधान जिला न्यायाधीश को भी शामिल किया गया है।
हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने उम्मीद जताई है कि यह कमेटी शहर में ट्रैफिक सुधार के प्लान को लागू करेगी। प्रशासन ने 22 जुलाई को हाई कोर्ट की डिविजन बेंच के सामने शहर के बदहाल ट्रैफिक, सिग्नल जंप करने वालों से निपटने, रोड किनारे हो रहे अतिक्रमण से निपटने का प्लान रखा था। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने न्यायमित्र के नाते भविष्य में किए जाने अभियानों की जानकारी दी थी।
हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने कहा कि इंदौर में यातायात समस्या के समाधान के लिए व्यापक योजना बनाने और उसके कार्यान्वयन के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने यह कमेटी बनाई है। यह समिति नियमित रूप से बैठक करेगी और समन्वय से कार्य करेगी। समिति बैठक कर एक संयुक्त योजना तैयार करे। 8 सितंबर को इस मामले में सुनवाई होगी। इसमें प्लान बनाकर कोर्ट को बताना होगा।
सख्ती के बगैर कोई सुधार संभव नहीं
22 जुलाई की सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा था कि सख्ती के बगैर कोई सुधार संभव नहीं है। जनता को जागरूक करने के लिए सख्ती दिखानी होगी। लोग कहीं भी दुकान लगा लेते हैं, दोपहिया वाहन पर तीन सवारी निकल जाते हैं, लेकिन कुछ नहीं होता। जब तक सख्ती नहीं दिखाओगे, भारी जुर्माना नहीं लगाओगे, कुछ नहीं होगा। पुलिस हर जगह खड़ी नहीं रह सकती।
यह बात हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और न्यायमूर्ति बीके द्विवेदी की युगलपीठ ने इंदौर की बदहाल यातायात व्यवस्था को लेकर चल रही जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कही थी। याचिका राजलक्ष्मी फाउंडेशन की ओर से लगाई गई है। हाई कोर्ट के आदेश पर कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस आयुक्त संतोष सिंह, निगम आयुक्त शिवम वर्मा न्यायालय में उपस्थित हुए। कोर्ट ने 8 जुलाई को शहर के बदहाल यातायात को लेकर दस बिंदुओं पर शासन से जवाब मांगा था। कोर्ट ने अधिकारियों से कहा था कि वे यातायात सुधारने की कार्ययोजना के साथ उपस्थित हों।





