Transfer of Controversial Panchayat Secretary : 10 साल बाद हुआ रंगवासा पंचायत सचिव भामर का ट्रांसफर!

कई शिकायतों के बाद भी अफसरों ने हर बार बचाया!

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Transfer of Controversial Panchayat Secretary : 10 साल बाद हुआ रंगवासा पंचायत सचिव भामर का ट्रांसफर!

Transfer of Controversial Panchayat Secretary : 10 साल बाद हुआ रंगवासा पंचायत सचिव भामर का ट्रांसफर!

इंदौर से गोविंद राठौर की विशेष रिपोर्ट

Indore : ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार और मनमानी की शिकायतें नई बात नहीं हैं। लेकिन, ऐसी सैकड़ों शिकायतों के बाद भी न तो जनपद पंचायत और न जिला पंचायत इनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं। इसका नतीजा ये होता है कि ऐसे कर्मचारी को प्रश्रय मिलता है। ऐसी ही एक रंगवासा ग्राम पंचायत है, जहां के सचिव रमेश भामर की भी कई शिकायतें जनपद और जिला पंचायत में की गईं, लेकिन अब तक किसी पर भी कार्रवाई नहीं की गई। अब 10 साल बाद उनका ट्रांसफर भी किया गया, तो पड़ोस की ही महू पंचायत में भेज दिया गया।

Transfer of Controversial Panchayat Secretary : 10 साल बाद हुआ रंगवासा पंचायत सचिव भामर का ट्रांसफर!

जानकारी अनुसार रंगवासा ग्राम पंचायत के पूर्व सचिव रमेश भामर का ट्रांसफर महू जनपद पंचायत की ग्राम जाफराबाद में किया गया है। जबकि, सामान्यतः तीन साल में पंचायत सचिवों को बदल दिया जाता है पर रमेश भाभर में ऐसी क्या खासियत थी कि उन्हें 10 साल तक एक ही जगह रहने दिया गया और कई शिकायतों के बाद भी उनकी फाइल दबाई जाती रही! भामर के खिलाफ अनियमितता की कई शिकायतें वर्तमान में लंबित हैं। इनमें प्रत्येक शिकायत के साथ उसके प्रमाण भी शिकायत करने वालों ने संलग्न किए हैं।

करोड़पतियों को पट्टे दिए
उनके खिलाफ सबसे बड़ी शिकायत रंगवासा पंचायत की आबादी क्षेत्र की जमीनों के 59 पट्टे करोड़पतियों को बांटे जाने की है। इसकी सुनवाई वर्तमान में तहसीलदार कार्यालय राऊ में चल रही है। सप्रमाण शिकायत होने के बाद भी राजनीतिक दबाव, प्रभाव और अफसरों के संरक्षण के चलते इस शिकायत के एक साल बाद भी ठंडे बस्ते में पड़ी थी।

काफी कोशिशों के बाद शिकायतकर्ताओं ने इसकी सुनवाई शुरू करवाई है। बताया जा रहा है कि इसकी सुनवाई में सचिव की ओर से रिकॉर्ड पेश न करते हुए अपनी और से वकील को पैरवी करने भेज दिया। जबकि, मामला विभागीय है। इस मामले में आगामी सुनवाई 14 जुलाई को होना है।

वारिसनामा प्रमाण-पत्र भी बांट दिए
जानकारी अनुसार रंगवासा पंचायत द्वारा ही करीब 14 लोगों को वारिसनामा प्रमाण-पत्र भी बांट दिए गए, जो कि नियम विरूद्ध है। बताया जा रहा है कि वारिसनामा प्रमाण-पत्र देने का अधिकार ग्राम पंचायत को है ही नहीं।

10 वर्ष बाद भी ट्रांसफर कर दिया इनाम
जिस सचिव के खिलाफ कई गंभीर मामलों की शिकायतें लंबित हों, उसके खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर विभाग ने उसे पड़ोस की ही पंचायत में ट्रांसफर कर एक तरह से इनाम दिया है।