बदनावर विधानसभा : कांग्रेस से आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग फिर उठी!
पूर्व मंत्री और गंधवानी विधायक उमंग सिंघार ने फिर ये मुद्दा उठाया!
Badnawar (Dhar) : इन दिनों आदिवासियों के हितैषी बनने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों में रस्साकशी चल रही है। आदिवासियों को लुभाने के लिए कांग्रेस और भाजपा रोज नए वादे कर रहे हैं। लेकिन, इस बीच कांग्रेस के कद्दावर नेता और गंधवानी से तीन बार के विधायक उमंग सिंघार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग छेड़ दी। उनकी इस मांग से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई।
उमंग सिंघार टंट्या मामा भील की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में बाइक रैली के साथ बदनावर विधानसभा के ग्राम कोद में कोटेश्वर पहुंचे। वहां टंट्या मामा की मूर्ति का अनावरण किया। इसके बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना है। ये मांग उनके खुद के लिए नहीं है।
कांग्रेस विधायक और दमदार कांग्रेस नेता ने संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपसे कहना चाहता हूं कि जब तक मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी नहीं बनेगा, तब तक हमें घर नहीं बैठना हैं। चाहते हो कि मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी बने! पर, मैं अपनी बात नहीं कर रहा। मेरे अपने समाज की बात कर रहा हूं। हमारे समाज का आदिवासी मुख्यमंत्री बनना चाहिए। मैं नेताओं का प्रिय नहीं हूं, मैं आदिवासियों का प्रिय हूं। मैं आपकी बात करता हूं, आपके अधिकार की बात करता हूं। इससे कई नेताओं को मिर्ची लगती है, लेकिन डरने वाला आदमी नहीं हूं।
उन्होंने बदनावर का उल्लेख करते हुए कहा कि इस सीट पर आदिवासियों का शोषण हो रहा है। राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के लोग आपको लूट रहे हैं। लेकिन, आदिवासी यदि तीर रखता है तो कमान भी रखता है और फालिया भी रखता है। माछलिया घाट से लगाकर बदनावर विधानसभा हमारी है। … तो ये बात इस कोटेश्वर से सुन लें, मै उन राजा-महाराजा को कहना चाहता हूँ कि कहानियां तो राजा-महाराजा की लिखी जाती है तो इतिहास आदिवासियों का भी लिखा जाता है। आपकी इस ताकत सरकार हिलने लगी है। इसलिए अपनी ताकत को पहचानो।