Tricolor Removed from Gurudwara : SGPC की आपत्ति के बाद इंदौर के गुरुद्वारे से तिरंगा निकलवाया
New Delhi : इंदौर के इमली साहिब गुरुद्वारा पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराए जाने पर विवाद खड़ा हो गया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Shiromani Gurdwara Prabandhak Committee) ने इस पर आपत्ति जताई। कमेटी ने ट्वीट करते हुए कहा कि गुरुद्वारा साहिब में सिर्फ खालसा निशान ही फहराया जा सकता है। अभी इमली साहिब गुरुद्वारा कमेटी का पक्ष सामने नहीं आया। गुरुद्वारा कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री की तिरंगा यात्रा निकली थी तब फ्री में झंडे बंटे थे। किसी बच्चे ने यह झंडा वहां लगा दिया था जिसे तुरंत हटा भी दिया गया था। आजादी के अमृत महोत्सव के बीच हुए इस विवाद के बाद सिखों की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था ने मामले की जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
सिखों की इस सर्वोच्च कमेटी का मानना है कि सिख मर्यादा के अनुसार किसी भी गुरुद्वारा साहिब पर सिर्फ खालसा केसरी झंडा ही फहराया जा सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने गुरुद्वारों पर तिरंगा फहराने की बात कही थी। इसके बाद कमेटी ने ऐतराज जताया तो हरियाणा सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा था।
अमृतसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Shiromani Gurdwara Management Committee in Amritsar) के प्रधान एडवोकेट धामी ने कहा कि मुझे सोशल मीडिया के जरिए इंदौर में गुरुद्वारा इमली साहिब में तिरंगा फहराए जाने की जानकारी मिली। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। श्री गुरु नानक देवजी से जुड़े इस ऐतिहासिक गुरुद्वारा में केवल खालसा के निशान साहिब को ही फहराया जा सकता है। प्रधान धामी ने कहा है कि गुरुद्वारा प्रबंधन या प्रशासन, जिसने भी यह गलती की है, वह इस घटना के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।
उन्होंने तुरंत इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। उनका यह भी कहना है कि इस जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गुरुद्वारा साहिब पर तिरंगा न फहराने की हिदायत भी दी जा रही है. कमेटी इससे पहले भी गुरुद्वारों पर तिरंगा न फहराने की हिदायत जारी कर चुकी है।