Trouble in Kamalnath Case : कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने वाले मामले में नया पेंच!
Nai Delhi : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में जाने का पुराण अभी पूरा नहीं हुआ। बताते हैं कि इस कहानी में कुछ ऐसे पेंच आ गए, जिसकी वजह से भाजपा कमलनाथ भाजपा में हिचक रही है। सबसे बड़ी आपत्ति भाजपा के सिख नेताओं की तरफ से आई है। वे नहीं चाहते कि 84 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी को पार्टी में लिया जाए! लेकिन, नकुलनाथ को लेकर सिख नेताओं की कोई नाराजगी नहीं बताई गई।
भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कमलनाथ के पार्टी में शामिल होने को लेकर लिखा कि बहुत से मित्रों के फोन आ रहे हैं। वे कमलनाथ के बारे में पूछ रहे हैं। मैंने उनसे फोन पर भी कहा है और यहां भी कह रहा हूं कि सिखों के हत्यारे और हिन्द दी चादर गुरु तेग बहादुर जी के गुरुद्वारे रकाबगंज साहिब को जलाने वाले कमलनाथ के लिए भाजपा के दरवाजे न खुले थे न खुले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के होते हुए कभी ऐसा संभव नहीं हो पाएगा, ऐसा मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूं।
सज्जन वर्मा ने कहा ”सब अफवाह’
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके कमलनाथ के समर्थक सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि दल बदलने की राह बहुत आसान नहीं होती।सभी के साथ बैठकर फैसला लिया जाता है। उन्होंने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं हुआ। मीडिया में जो भी खबरें चल रही है वह सब अफवाह है। सज्जन वर्मा के मुताबिक वे रविवार सुबह दिल्ली पहुंच गए। कमलनाथ से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे सज्जन वर्मा ने कहा कि कमलनाथ का कहना है कि सोशल मीडिया पर चल रहा उनका वीडियो बनाया हुआ है। जो सवाल हैं, वही जवाब हैं।
कमलनाथ ने कहा कि मैंने किसी मीडिया को नहीं कहा कि मैं कहां जा रहा हूं कहां नहीं। जब तक जिस व्यक्ति के संदर्भ में बात उठती है, वह व्यक्ति अपने मुंह से न कहे तब तक कोई भी कैसे मान सकता है। कमलनाथ ने कहा कि इस तरह के निर्णय सामूहिक निर्णय होते है, नेहरू गांधी परिवार से मेरे राजनीतिक नहीं पारिवारिक रिश्ते हैं। मैं किसी बात को ‘हां’ ही नहीं कहा तो ना क्यों कहूं। राहुल गांधी से फोन पर हुई बातचीत को लेकर कमलनाथ ने बताया कि ‘न्याय यात्रा’ मध्य प्रदेश आने वाली है दतिया और ग्वालियर में सभा है, उसे लेकर बातचीत हुई।
दिग्विजय सिंह का भी इंकार
कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच दिग्विजय सिंह का भी बयान आया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने कांग्रेस से शुरुआत की। उन्हें हम इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा मानते हैं। कमलनाथ ने हमेशा कांग्रेस का समर्थन किया और पार्टी के स्तंभ रहे। वे केंद्र में कैबिनेट मंत्री, राज्य कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भी रहे। उन्हें सभी पद मिले हैं। मुझे नहीं लगता कि वह पार्टी छोड़ देंगे।