छवि खराब करने की कोशिश, आईओए कोषाध्यक्ष पांडेय ने यौन दुराचार के आरोपों को किया खारिज

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छवि खराब करने की कोशिश, आईओए कोषाध्यक्ष पांडेय ने यौन दुराचार के आरोपों को किया खारिज

लखनऊ:भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के कोषाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के सचिव आनंदेश्वर पांडे ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसी ने उनकी छवि खराब करने के लिए दुर्भावनापूर्ण तरीके से इस तस्वीर को प्रसारित किया है।

पांडे को महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाने वाली तस्वीरों की एक श्रृंखला ने भारतीय खेल जगत और सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है।

मंगलवार को पांडे ने लखनऊ पुलिस साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि उनके खिलाफ आरोप एक साजिश का हिस्सा है ।

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पांडे ने कहा, “यदि आप आईओए की घटनाओं की श्रृंखला के साथ जाते हैं, तो आप समझ सकते हैं कि इसके पीछे कौन है। मैंने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत की है, लेकिन यह एक राजनीतिक साजिश है और इसके पीछे किसी बड़े व्यक्ति का हाथ होना चाहिए।” .उल्लेखनीय है कि, श्री पांडे भारतीय खेल जगत की जानी– पहचानी हस्ती है और देश में हैंडबॉल खेल को आगे बढाने में उनकी अहम् भूमिका रही है। यूपी सरकार ने 2016 में पांडे को यश भारती पुरस्कार से नवाजा था। खेल क्षेत्र में उनकी सेवाओं की सराहना कई मौकों पर की जा चुकी है।

इसके पहले भी उन पर निराधार आरोप लगते रहे है और अपनी साफ – सुथरी छवि के चलते वे खेल जगत में प्रगति के पथ पर अग्रसर होते रहे है। यदि परदे के पीछे से किसी ने उनकी कीर्ति ख़राब करने की कोशिश की है तो सच सब कुछ जल्द ही सामने आ जायगा, क्यों की इस रिपोर्ट के कोई ठोस सबूत नहीं है। दिखाए गए फोटोग्राफ्स निश्चित तौर पर ट्रिक फोटोग्राफी का कमाल है।

“हम सभी जानते हैं कि इसके पीछे कौन है। मैं 1970 से खेल प्रशासन में हूं और किसी ने भी कभी किसी तरह का आरोप नहीं लगाया है। अचानक कुछ विकृत तस्वीरों के साथ, लोग ऐसी दुर्भावनापूर्ण शिकायतें लेकर आ रहे हैं। वे मेरी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ,” ।

उन्होंने कहा, “अगर कोई एथलीट मेरे खिलाफ शिकायत करता है, तो मैं किसी भी तरह की सजा के लिए तैयार हूं। मैं 1970 के दशक से खेल में हूं, ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई।”

प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले की जांच लखनऊ साइबर सेल प्रभारी रंजीत राय कर रहे हैं।