
भारत के अहसानों को भूला तुर्की, किया पाकिस्तान का समर्थन, भारत द्वारा संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों पर फेरा पानी
•राजेश जयंत की खास रिपोर्ट
पश्चिम एशिया और दक्षिण यूरोप में स्थित तुर्किए (तुर्की) देश ने एक बार फिर से पाकिस्तान का साथ देकर भारत द्वारा संबंधों को मजबूत बनाने के किए जा रहे प्रयासों पर पानी फेर दिया है। इससे तुर्किए और भारत के संबंध तनावपूर्ण स्थिति में आ गए हैं।
तुर्किए ने फरवरी 2023 में आए भूकंप के दौरान भारत की मदद को भुलाकर हाल ही में पाकिस्तान को समर्थन दिया है। जब जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले हुए, तो तुर्किए ने पहले इसकी निंदा की, लेकिन बाद में आतंकियों के तार पाकिस्तान से जुड़ने पर तुर्किए के सुर बदल गए। तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने आतंकियों को श्रद्धांजलि देते हुए भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने की बात कही।।
इधर भारत सरकार का आरोप है कि पाकिस्तान ने तुर्किए में बने ड्रोन से भारत पर हमला किया। ये ड्रोन तुर्किए की कंपनी एसिसगार्ड के सोंगर सशस्त्र ड्रोन सिस्टम हैं। तुर्किए ने पाकिस्तान को ये ड्रोन दिए जाने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन भारत सरकार ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
भारत और तुर्किए के रिश्तों में खटास की एक लंबी इतिहास है। शीत युद्ध के दौरान तुर्किए ने अमेरिका और यूरोपीय देशों के रक्षा संगठन नेटो को ज्वॉइन किया था, जबकि भारत ने अपनी गुटनिरपेक्षता की नीति को बनाए रखा। इसके बाद से दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ती गईं और पाकिस्तान तुर्किए के करीब आता गया।
*तुर्किए की धोखेबाजी की कहानी*
– शीतयुद्ध के दौरान तुर्किए ने अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों के साथ हाथ मिलाया, जबकि भारत ने अपनी गुटनिरपेक्षता की नीति को बनाए रखा।
– 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में तुर्किए ने पाकिस्तान का समर्थन किया।
– 1974 में तुर्किए ने साइप्रस पर हमला किया, जिसका भारत ने विरोध किया।
– हाल के वर्षों में, तुर्किए ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है और भारत के साथ अपने संबंधों को खराब किया है।
*भारत की मदद*
– 2023 में तुर्किए में आए भूकंप के दौरान भारत ने तुर्किए की मदद के लिए “ऑपरेशन दोस्त” शुरू किया और मेडिकल सहायता भेजी।
– कोविड महामारी के दौरान भारत ने तुर्किए को मेडिकल सुविधाएं और वैक्सीन भेजीं।
– शीत युद्ध के समय से भारत ने तुर्किए को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की है।
इन प्रयासों के बावजूद, तुर्किए ने भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत नहीं किया है और पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को बढ़ावा देना जारी रखा है ।
भारत ने तुर्किए के साथ अपने संबंधों को सुधारने की कोशिश की है, लेकिन तुर्किए की पाकिस्तान के प्रति झुकाव ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है।





