ग्रामवासियों ने जिस खदान की कई बार की थी शिकायत,उसी में डूबने से दो बच्चों की हुई मौत

गांव में पसरा मातम, घर से घूमने का कहकर निकले थे

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ग्रामवासियों ने जिस खदान की कई बार की थी शिकायत,उसी में डूबने से दो बच्चों की हुई मौत

उज्जैन से मुकेश भीष्म की रिपोर्ट

उज्जैन: उज्जैन गरोठ मार्ग के लिए कालियादेह पैलेस के आगे मिट्टी खोदने के लिए बनाए तालाब नुमा खदान में नहाने गए दो बच्चों की डूबने से मृत्यु हो गई। दोनों बच्चे घर से गुरुवार शाम घुमने का कह कर निकले थे जब वह देर शाम तक घर नहीं आये तो परिजन उन्हें खोजने निकले।

बताया जाता है कि खनन द्वारा खोदे गए गढ्ढे में पानी भरने से गांव के दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई।मृतकों के नाम विनीत पता जितेन्द्र विश्वकर्मा 16 वर्ष और गोपाल पिता मनोहर चौधरी 15 वर्ष हैं। भैरवगढ़ थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। जब दोनों की मृत्यु की सूचना मिली तो गरोठ फोर लेन स्थित कालियादेह गांव में मातम पसर गया।

बताया जा रहा है कि निर्माणाधीन उज्जैन-गरोठ फोरलेन मार्ग में मिट्टी उपयोग के लिए कई जगह गड्डे खोद दिए गए। इसी में भरे पानी में दोनों बच्चों नहाते हुए डूब गये।

मिली जानकारी के अनुसार घूमने गये कालियादेह गांव के दोनों बच्चों को गुरुवार रात परिजन एवं ग्रामवासी तलाश कर रहे थे।घर से घूमने निकले बच्चों ने उज्जैन गरोठ मार्ग पर एक खदान नुमा तालाब में पानी भरा हुआ दिखा तो दोनों अपने कपड़े मोबाइल और चप्पल तालाब के किनारे रखकर नहाने चले गए और बच्चों को खदान की गहराई अंदाजा न होने के कारण डूब गये।देर रात गांव के लोग जब तालाब तक पहुंचे तो उन्होंने बच्चों की चप्पल, कपड़े और मोबाइल देख अनहोनी की शंका हुई,जिसके बाद पुलिस और प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी गई।

पुलिस ने बताया कि मृतक बालक विनीत पिता जितेंद्र विश्वकर्मा और गोपाल उर्फ राघव पिता मनोहर चौधरी कालियादेह गांव के रहने वाले हैं। विनीत और गोपाल शाम को घर से निकले थे। जब वे वापस नहीं लौटे तो परिजन और ग्रामीणों ने उनकी तलाश शुरू की। तालाब के किनारे मोबाइल और चप्पल रखी हुई थी। इससे आशंका हुई थी कि दोनों हादसे का शिकार हुए हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों की मदद से दोनों के शव बाहर निकाले व अस्पताल भिजवाए।

हादसों की आशंका के चलते खनन को लेकर पंचायत की तरफ से प्रशासन को भी शिकायत की गई थी। वही ग्रामवासियों ने भी अवैध खुदाई को लेकर कई बार शिकायत भी की थी,लेकिन खनन नहीं रुका।

उज्जैन में इसी तरह इससे पहले ग्राम सिकंदर खेड़ा में भी तीन बच्चे खदान में डूब चुके हैं।

*छात्र की शिप्रा नदी में डूबने से मौत*
एक अन्य हादसे में उज्जैन में महाकाल दर्शन करने आये छात्र की शिप्रा नदी में डूबने से मौत हो गई। युवक कोटा से उज्जैन महाकाल मंदिर दर्शन करने के लिए अपने दो दोस्तों के साथ आया था। सुबह स्नान करते समय उसका पैर फिसलने से वो गहरे पानी चला गया जिससे उसकी मौत हो गई।