Ujjain News: BJP ने 3 और कांग्रेस ने 2 सीटों को रखा होल्ड पर,दोनों ही दलों में उभर रहे हैं बगावत के स्वर
उज्जैन से मुकेश भीष्म की रिपोर्ट
उज्जैन: मप्र विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने 144 उम्मीदवारों की पहली सूची नवरात्रि के पहले दिन रविवार को जारी कर दी है। 70 विधायकों को फिर से मौका दिया है। उज्जैन की सात में से पांच विधानसभा सीट पर उज्जैन उत्तर से माया त्रिवेदी,घट्टिया से रामलाल मालवीय,तराना से महेश परमार,महिदपुर से दिनेश जैन बोस और नागदा से दिलीप गुर्जर को टिकट दिया गया है।
कांग्रेस ने लिस्ट जारी कर उज्जैन से तीन विधायक को दोबारा मौका दिया है जिसमे दिलीप गुर्जर, महेश परमार और रामलाल मालवीय शामिल है। उज्जैन उत्तर से प्रत्याशी बनाई गई माया त्रिवेदी 2018 में निर्दलीय चुनाव लड़ी थी। जिसमें उन्हें 13 हजार से अधिक वोट मिले थे तथा तीसरे नंबर पर रही थी। महिदपुर से कांग्रेस के दिनेश जैन बोस दो बार कांग्रेस का टिकिट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लडे थे पिछली बार 45 हजार से अधिक वोट लेकर आए थे।
वही पार्टी ने उज्जैन दक्षिण और बड़नगर का टिकट होल्ड पर रखा है।इसी तरह भाजपा ने भी उज्जैन उत्तर,महिदपुर तथा बड़नगर का टिकिट होल्ड पर रखा है।
वही कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद उज्जैन उत्तर से पार्षद माया त्रिवेदी को टिकट मिलने के बाद कई जगह उनका विरोध शुरू हो गया यहां तक की उज्जैन में कई स्थानों पर उनके पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन भी हुआ। यहां से कांग्रेस के युवा नेता विवेक यादव पिछले कई महीनो से क्षेत्र में काम कर विधानसभा के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे।कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से बागी होकर माया त्रिवेदी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिस कारण कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा था इस बार दोनों ही मुख्य दलों भाजपा तथा कांग्रेस में उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद प्रत्याशियों का विरोध किया जा रहा है साथ ही कांग्रेस जहां बड़नगर और उज्जैन दक्षिण के लिए उम्मीदवारों पर मंथन कर रही है। वहीं भाजपा भी उज्जैन उत्तर, महिदपुर एवं बड़नगर में किस चेहरे को उतारा जाए इस पर विचार कर रही है।उज्जैन उत्तर से छह बार विधायक रहे पारस जैन अपनी प्रबल दावेदारी पेश कर रहे हैं वहीं उनके स्वास्थ्य को लेकर विरोधी सोशल मीडिया पर सक्रिय है इसी के चलते पारस जैन का व्यायाम करते हुए एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है। टिकट को लेकर विधायक पारस जैन का कहना है कि कुछ लोग मेरा टिकट कटवाने के लिए निराधार खबरों सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं लेकिन मैं रोजाना एक घंटे से अधिक समय तक व्यायाम करता हूं और पूरी तरह स्वस्थ हूँ। नागदा में भी भाजपा के उम्मीदवार डॉ तेज बहादुर सिंह चौहान का भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था। लेकिन भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय में दौरा कर भाजपा के रूठो को घर जाकर मनाया।
उज्जैन दक्षिण से जहां डॉ मोहन यादव ने सत्यनारायण सत्तन से अपने चुनावी कार्यालय का उद्घाटन करवा कर चुनाव प्रचार शुरू कर चुनावी दौड़ में आगे निकल गए।वही कांग्रेस उनके खिलाफ बेहतर उम्मीदवार तलाश रही है इसी तरह कांग्रेस और भाजपा दोनों ही बड़नगर के लिए किस उम्मीदवार बनाया जाए इस पर मंथन कर रही है।भाजपा यहां किसी ब्राह्मण चेहरे को उतारने का मन बना रही है वहीं कांग्रेस या तो मौजूदा विधायक मुरली मोरवाल या किसी राजपूत चेहरे पर अपनी मोहर लगाएगी उज्जैन जिले की एक और महत्वपूर्ण विधानसभा महिदपुर के वर्तमान विधायक बहादुर सिंह चौहान का भी कार्यकर्ताओं में विरोध है।इस कारण भाजपा यहां किसे टिकट देती है यह देखना है।
दोनों प्रमुख दलों भाजपा एवं कांग्रेस का मानना है कि उन्होंने किए गए सर्वे के आधार पर ही टिकट वितरण किया है। लेकिन दोनों ही दलों में टिकट वितरण के बाद असंतोष के स्वर उठ रहे हैं जहां भाजपा के महासचिव और इंदौर एक से प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय नहीं नागदा में कार्यकर्ताओं को कहा कि पार्टी का आदेश सर्वोपरि होना चाहिए मेरी भी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं थी लेकिन हम भाजपा के अनुशासित सिपाही है यहां हम नहीं कार्यकर्ता चुनाव लड़ता है। इसी तरह कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक गुप्ता का कहना है कि कांग्रेस ने कई दिनों की प्रक्रिया से गुजरने के बाद अधिकृत सूची जारी की है कहीं किसी की नाराजगी है तो उसे मना लिया जाएगा। आगामी चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।
उज्जैन जिले की सात विधानसभा सीटों पर गत चुनाव में जहां उज्जैन उत्तर उज्जैन दक्षिण महिदपुर में भाजपा की जीत हुई थी वहीं बड़नगर नागदा घटिया में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी जीत दर्ज करवाई थी।इस बार कांग्रेस को उम्मीद है कि इस चुनाव में भाजपा से कुछ और सेट हमारे खाते में आएंगे वहीं भाजपा का मानना है कि इस बार जिले की सातों सीटों पर हमारा कब्जा होगा और एक बार फिर भाजपा की सरकार बनेगी।
राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि टिकट घोषणा के बाद असंतोष के स्वर उठाना एक सामान्य प्रक्रिया है और इसे जिस राजनीतिक दल ने समय रहते संभाल लिया वह रेस में आगे हो जाता है।अब देखना है कि दोनों ही दलों में उठने वाले बगावत के स्वर को पार्टी के आला नेता किस तरह शांत करते हैं।
कुल मिलाकर दोनों दलों के प्रत्याशियों को इस बार अपनों से ज्यादा सचेत रहने के साथ-साथ उन्हें मनाने की भी चुनौतियों से निपटना है।