Ujjain News: निगमायुक्त ने अधिकारियों से मांगा संपत्ति का ब्यौरा, नहीं देने वालों को नहीं मिलेगा वेतन
चेतावनी भरा आदेश निकलते ही मचा हड़कंप
उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट
उज्जैन । उज्जैन नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता द्वारा उज्जैन नगर निगम के वर्षो पुराने ढर्रे को सुधारने की कवायद की जा रही है । अब निगमायुक्त द्वारा एक चेतावनी भरा फरमान निकाला गया है जिसमे अधिकारियों – कर्मचारियों को तीन दिन के भीतर अपनी अचल संपत्ति का विवरण नियमानुसार प्रारुप में प्रस्तुत करना होगा, वर्ना उन्हें वेतन नहीं मिलेगा, इसके अलावा वेतनवृद्धि से भी वंचित कर दिया जाएगा। सिविल सेवा, नगर निगम के नियमों के अंतर्गत नगर निगम आयुक्त ने आदेश जारी कर दिये है।उज्जैन नगर निगम अपर आयुक्त स्थापना शाखा आदित्य नागर ने आयुक्त अंशुल गुप्ता की ओर से निगम के सभी नियमित वेतनधारी अधिकारियों-कर्मचारियों को आदेश जारी किया गया है, जिसमें उनकी अचल संपत्ति का पांच साल का ब्यौरा मांगा गया है। इस आदेश के बाद नगर निगम के गलियारों में हड़कंप मच गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम में 50 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों ने पांच साल से संपत्ति का विवरण नहीं दिया है ।
नगर निगम अपर आयुक्त स्थापना द्वारा अचल संपत्ति का विवरण देने के संबंध में जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि नगर पालिका निगम उज्जैन में पदस्थ सभी अधिकारी-कर्मचारियों (नियमित वेतनधारी) को प्रतिवर्ष अचल संपत्ति विवरण प्रस्तुत करने के लिए आदेश दिए गए थे।,लेकिन अनेक अधिकारियों द्वारा वर्ष 2017 से 2022 तक के निरंतर अचल संपत्ति विवरण प्रस्तुत नहीं किया है। वर्ष 2022 के अचल संपत्ति विवरण प्रस्तुत करने के लिए नगर निगम की स्थापना शाखा से 19 जनवरी 2022 को निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन निर्देश पालन नहीं किया गया।
चेतावनी के साथ दिया आदेश
नगर निगम उज्जैन अपर आयुक्त स्थापना द्वारा पूर्व में जारी आदेशों का पालन नही करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बार जारी आदेश में चेतावनी दी गई है कि 2017 से 2022 तक का अचल संपत्ति विवरण तीन दिन में अनिवार्य तौर पर स्थापना शाखा को प्रस्तुत करें। जानकारी नहीं देने पर वेतन आहरित नहीं किया जा सकेगा। वार्षिक वेतनवृद्धि से वंचित कर सिविल सेवा आचरण नियम के तहत विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम उज्जैन से जुड़े जानकारों की माने तो मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण आचरण नियम 1965 के उपनियम 19 (1) के अंतर्गत प्रत्येक लोक सेवक के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक वर्ष के लिए अचल संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करें। यह विवरण शासन को भेजकर वेबसाइट पर दर्ज कर सेवा अभिलेख में इंद्राज किया जा सके। यहीं कारण है कि अब उज्जैन नगर निगम में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी अचल संपत्ति की जानकारी देना होगी।