उज्जैन से अजेंद्र त्रिवेदी की रिपोर्ट
Ujjain: ग्राम पंचायत अथवा जल संसाधन विभाग के तालाबों से कृषकगण अपने खेत अथवा निज कार्य हेतु ट्रेक्टर के माध्यम से मिट्टी निकाल सकते हैं।
मिट्टी निकालने की अनुमति के लिये कलेक्टर श्री आशीष सिंह द्वारा आसान प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई है। उपजाऊ मिट्टी निकालने के इच्छुक कृषक अपने ग्राम की ग्राम पंचायत को सूचित करेंगे।
आवेदन मिलने पर ग्राम पंचायत इसके लिये जिला पंचायत को सूचित करेगी। ग्राम पंचायत की मांग प्राप्त होने पर जिला पंचायत इस आशय की अनुमति जारी करेगी तथा खनिज विभाग को भी जानकारी उपलब्ध करायेगी।
तालाब की खुदाई तकनीक के अनुरूप हो, इसके लिये प्रत्येक तालाब की देखरेख हेतु एक उपयंत्री को नियुक्त किया जायेगा। कार्यपालन यंत्री आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करते हुए प्रतिदिन की प्रगति से अवगत करायेंगे।
कलेक्टर ने कहा है कि इस तरह जन-भागीदारी से जल संरक्षण के कार्य होंगे व किसानों को अपने खेत के लिये उपजाऊ मिट्टी भी मिल जायेगी।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने किसानों द्वारा तालाब की गाद निकालने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
आवश्यक शर्तों के अनुसार मिट्टी निकालने की अनुमति जारी होने के दिनांक से दो माह की समयावधि के लिये ही मान्य रहेगी।
तालाब की सुनिश्चित दूरी अर्थात तालाब की हाईट के 10 गुना के बराबर की दूरी तालाब के बंड की अपस्ट्रीम लाइन से दूर रखकर ही खुदाई अधिकतम तीन फीट गहराई तक ही की जायेगी।
गहरीकरण के दौरान खुदाई की गहराई इतनी न हो कि वह जलभराव क्षेत्र के नीचे अपरागम्य परत को भेद दे।
मिट्टी के उत्खनन के लिये अनुमति/शर्तों के साथ-साथ खनिज विभाग से जारी अनुमति एवं उक्त अनुमति के उल्लेखित शर्तों का पालन अनिवार्य होगा।
तालाब के उत्खनन के समय ग्रामीण यांत्रिकी सेवा/जनपद पंचायत के उपयंत्री की लगातार यह जिम्मेदारी होगी कि वे किसी भी तालाब की खुदाई में एच-10 एवं तीन फीट की गहराई के सिद्धान्त का पूरी तरह से पालन करवायेंगे।
ग्राम पंचायत के प्रधान एवं सचिव गांव के किसानों के आवेदन अपने स्तर पर लेंगे तथा ठहराव प्रस्ताव विधिवत पारित कर जनपद पंचायत के माध्यम से जिला पंचायत को प्रेषित करेंगे।
प्रत्येक ऐसे ग्राम में जहां पर तालाब में किसानों द्वारा खुदाई की जा रही है, वहां पर ग्राम पंचायत प्रधान, सचिव, ग्रामीण रोजगार सहायक खुदाई का कार्य अपने मार्गदर्शन में करेंगे और खुदाई स्तर प्रतिदिन कम से कम दो बार आवश्यक निरीक्षण करेंगे।
ग्राम पंचायत स्तर पर एक पंजी संधारित करेंगे, जिसमें कितने किसानों द्वारा कितनी ट्रॉली डम्पर मिट्टी निकालकर अपने खेतों में डाली गई है।
निरीक्षण के दौरान यदि शर्तों का उल्लंघन पाया गया तो सम्बन्धित किसान के साथ-साथ ग्राम पंचायत प्रधान, सचिव, ग्रामीण रोजगार सहायक एवं उपयंत्री को भी दण्डित किया जायेगा।
ग्राम पंचायत हर खुदाई करने वाले किसान से 50 रुपये प्रति ट्राली वसूल करते हुए उसकी रसीद प्रदाय करेगी और उक्त राशि का उपयोग उसी तालाब की मरम्मत, वेस्ट वेयर निर्माण मजबूत करने आदि में खर्च किया जा सकेगा।
राशि के लेन-देन का लेखा-जोखा रसीद देकर उसकी प्रविष्टि केशबुक में करते हुए संधारित की जायेगी। वित्तीय गड़बड़ी होने पर ग्राम पंचायत प्रधान, सचिव या अन्य जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
ग्राम पंचायत के प्रधान, सचिव, ग्रामीण रोजगार सहायक को निर्देश दिये हैं कि खुदाई के पूर्व एवं खुदाई के बाद का चित्र आवश्यक लेकर उसकी तीन-तीन प्रतियों में पंचायत में सुरक्षित रखी जाये।
जल संसाधन विभाग तालाबों के गहरीकरण में सम्बन्धित विभाग से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।