Ujjain News: शिवरात्रि से गुड़ी पड़वा तक महाकाल लोक के कार्यक्रम

मुख्यमंत्री ने साधु-सन्तों एवं आयोजन समिति के सदस्यों पर आभार प्रदर्शन स्वरूप पुष्पवर्षा की

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Ujjain News: शिवरात्रि से गुड़ी पड़वा तक महाकाल लोक के कार्यक्रम

उज्जैन से अजेंद्र त्रिवेदी की रिपोर्ट

शिवरात्रि से गुड़ी पड़वा तक महाकाल लोक के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, महाकाल लोक श्रद्धा एवं पवित्रता का स्थल है, प्रेरणादायी है, दीपावली पर महाकाल लोक दीपों से जगमगाये एवं एक दीया महाकाल लोक पर भी जलायें, सृष्टि की रक्षा के लिये शिव ने हलाहल विष का पान किया-मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री ने साधु-सन्तों एवं आयोजन समिति के सदस्यों पर आभार प्रदर्शन स्वरूप पुष्पवर्षा की

उज्जैन: प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महाकाल लोक की रचना अदभुत एवं अद्वितीय है। महाकाल लोक की ख्याति देश-विदेश में है। यह ईश्वर की अनुपम कृति है। महाकाल लोक का और अधिक प्रचार-प्रसार करने के लिये और इसे देश-विदेश में आमजनों तक पहुंचाने के लिये अब उज्जैन में शिवरात्रि से गुड़ी पड़वा तक महाकाल लोक के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल लोक के विषय में लोग अधिक से अधिक जानें, इसके लिये वे स्वयं देश के प्रमुख लोगों को महाकाल लोक के दर्शन करने के लिये पत्र भेजेंगे एवं महाकाल का प्रसाद भी भेजेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंगलवार को कालिदास अकादमी में आयोजित महाकाल लोक की आयोजन समिति के सदस्यों एवं साधु-सन्तों के आभार प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी साधु-सन्तों एवं आयोजन समिति के सदस्यों का आभार प्रदर्शन किया और कहा कि आप सबके प्रयासों से महाकाल लोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री ने आभार स्वरूप साधु-सन्तों एवं आयोजन समिति के सदस्यों पर पुष्पवर्षा की।

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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महाकाल लोक श्रद्धा, आस्था एवं प्रेरणा का स्थान है। महाकाल लोक पिकनिक स्पॉट नहीं है। हम सब ऐसा प्रयास करें कि महाकाल लोक के दर्शन करने वाले अपने मन में एक श्रद्धा एवं भक्ति का भाव लेकर महाकाल लोक के दर्शन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान भोले शंकर मेरे आदर्श हैं। भगवान भोले शंकर ने सृष्टि को बचाने के लिये अपने को दांव पर लगाते हुए हलाहल विष का पान किया। महाकाल लोक में शिव महिमा एवं हमारे धार्मिक आस्थाओं का पत्थर पर चित्रण है। भित्ति चित्रों के माध्यम से महाकाल लोक में आने वाली हमारी पीढ़ी हमारी धार्मिक परम्परा एवं आस्था से परिचित हो सकेगी। महाकाल लोक में सृष्टि की उत्पत्ति, शिप्रा का उदभव एवं शिव महिमा को बहुत ही सुन्दर तरीके से उकेरा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल लोक का संचालन अब व्यवस्थित ढंग से हो, इसके लिये विस्तृत कार्य योजना बनाई जायेगी। उन्होंने आयोजन समिति से सुझाव भी आमंत्रित किये।

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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी लोगों से कहा कि भगवान महाकाल सर्वोपरि हैं। हम सब उनके सेवक हैं। उन्होंने कहा कि दीपावली के दिन महाकाल लोक दीपों से जगमगाये। उन्होंने कहा कि सभी लोग महाकाल लोक के नाम पर एक दीया जरूर जलायें। सब पवित्रता एवं श्रद्धा का भाव बनाये रखें और अपने मन में कभी भी नकारात्मकता का भाव न लायें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महाकाल लोक की पवित्रता बनी रहे, परिसर स्वच्छ एवं व्यवस्थित रहे। साथ ही जो हमारी धार्मिक परम्परा है, वह न टूटे। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक प्रेरणा लेने का एक पवित्र स्थल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में गांवों से भी लोगों को महाकाल लोक का भ्रमण कराया जायेगा। गांव से आने वाले श्रद्धालु अपने गांव से जल लाकर रूद्र सागर में प्रवाहित करेंगे एवं रूद्र सागर के पवित्र जल को लेकर महाकाल का अभिषेक करेंगे। इसके लिये विस्तृत कार्य योजना भी बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक का लोकार्पण का कार्यक्रम एक व्यवस्थित एवं सम्पूर्ण कार्यक्रम था। आज तक ऐसा कार्यक्रम देश में नहीं हुआ है। यह हमारे लिये पूर्ण विराम नहीं, अपितु अभी हम महाकाल लोक के द्वितीय चरण का कार्य भी शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में महाकाल लोक के समीप एक हजार कमरों की धर्मशाला भी बनाई जायेगी। धर्मशाला बनने से निम्न एवं मध्यम वर्ग के लोगों की कम कीमत पर ठहरने की व्यवस्था हो पायेगी।

 

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि आज मुख्यमंत्री श्री चौहान सौगातों का पिटारा लेकर आये हैं। पहली बार उज्जैन जिले में दशहरे की सवारी शाही अंदाज में निकाली गई। सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान का सपना था कि उज्जैन को विश्व में धार्मिक एवं पर्यटन की नगरी बनाना है। वह सपना आज पूरा हो गया है।

आयोजन समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को महाकाल लोक के रख-रखाव एवं सुचारू संचालन के लिये अनेक सुझाव दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सुझावों पर विचार किया जायेगा।

पत्रकार श्री शैलेंद्र कुल्मी ने सुझाव दिया कि महाकाल लोक अद्वितीय एवं भव्य है, इसलिये इसकी गुणवत्ता को आगे भी बरकरार रखने की आवश्यकता है। श्री दिनेश श्रीवास्तव ने कहा कि महाकाल लोक की सुरक्षा किसी कमर्शियल एजेंसी की बजाय जनअभियान परिषद के माध्यम से की जाये। श्री घनश्याम शर्मा ने महाकाल लोक परिसर के आसपास भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने का सुझाव दिया। श्री नीलेश ने महाकाल लोक के रख-रखाव के लिये पृथक से एक आईएएस अधिकारी की नियुक्ति करने का मशवरा दिया। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि महाकाल लोक भ्रमण के लिये कड़े नियम बनाये जायें। हमारी आस्था को भंग करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। श्री रूप पमनानी ने कहा कि जिस तरह विदेश से आने वाले राजनयिक ताज महल देखने जाते हैं, उसी तरह विदेशी राजनयिकों के कैलेंडर में महाकाल लोक के दर्शन भी शामिल रहें, ऐसा प्रयास किया जाये।

महाकाल लोक की आयोजन समिति के विचार-विमर्श एवं आभार प्रदर्शन कार्यक्रम में आचार्य श्री शेखर महाराज, महन्त श्री रामेश्वरदास, श्री विनीत गिरि महाराज, श्री सरस्वती महाराज, श्री उमेशनाथजी महाराज, श्री सुरेंद्र अरोरा, विधायक श्री पारस जैन, महापौर श्री मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष कमला कुंवर, उपाध्यक्ष शिवानी कुंवर, श्री विवेक जोशी, श्री बहादुरसिंह बोरमुंडला, श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, श्री विशाल राजौरिया सहित जनप्रतिनिधिगण, आयोजन समिति के सदस्यगण एवं प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।