उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट
उज्जैन । उज्जैन शहर को भिक्षुकमुक्त करने के लिये शीघ्र ही भिक्षुकों का जियो टैगिंग के आधार पर सर्वे किया जायेगा । सर्वे के साथ-साथ ही भिक्षुकों के पुनर्वास, उनके उपचार एवं बेघर लोगों को रैन बसेरे में शरण देने की व्यवस्था की जायेगी।
कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में आज बृहस्पति भवन में आयोजित बैठक में निर्देश दिये गये कि उज्जैन शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने के लिये सघन अभियान चलाया जाये । बैठक में नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता, उप पुलिस अधीक्षक सुरेंद्रपाल सिंह राठौर, जिला शिक्षा अधिकारी आनन्द शर्मा, जिला महिला एवं बाल विकास परियोजना समन्वयक गौतम अधिकारी, सर्वेक्षण के लिये नियुक्त किये गये एनजीओ के अधिकारीगण मौजूद थे।
कलेक्टर ने बैठक में मन्दिरों के आसपास भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चे, वयस्क एवं वृद्ध भिक्षुकों को हटाने एवं उनके पुनर्वास में संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के निर्देश दिये हैं। इसी के साथ कलेक्टर ने उज्जैन शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के लिये सामाजिक संस्थाओं एवं मीडिया की बैठक आयोजित कर उनका निरन्तर सहयोग लेने के लिये कहा है।
भिक्षावृत्तिमुक्त प्रदेश एवं उज्जैन शहर के लिये भारत सरकार की स्माईल स्कीम (सपोर्ट फॉर मार्जिनालाईज्ड इंडिविजुअल्स फॉर लाईवलीहुड एण्ड इंटरप्राइज) के तहत अभियान के लिये भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। बैठक में एनजीओ द्वारा इन्दौर शहर को भिक्षुकमुक्त करने के लिये किये गये प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि इस सर्वे के लिये शहर में चार व्यक्ति की टीम अलग-अलग क्षेत्र में कार्य करेगी और इनके साथ एक-एक होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जायेगी। जो लोग स्वयं के घरों में रहकर भिक्षावृत्ति करते हैं, उनके लिये काउंसलिंग एवं स्कील डेवलपमेंट के कार्य किये जायेंगे। शेल्टर रूम में रहने वाले भिक्षुकों को भोजन, चिकित्सा की सुविधा दी जायेगी। साथ ही गंभीर रूप से बीमार भिक्षुकों को पृथक से रखा जायेगा।